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COVID 19: दिल्ली में सरकारी फ्लैट्स और धर्मशालाओं में हो रहा है Corona पीड़ितों का इलाज government flats are now become covid care centers in delhi nodss | delhi-ncr – News in Hindi

COVID 19: दिल्ली में सरकारी फ्लैट्स और धर्मशालाओं में हो रहा है Corona पीड़ितों का इलाज

इन नए कोविड केयर सेंटर्स में शुरुआती कोरोना मरीजों के इलाज के लिए यहां पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्‍ध हैं. (सांकेतिक फोटो)

सरकार ने अस्‍थाई अस्पतालों के तौर पर खाली पड़े सरकारी फ्लैट्स और धर्मशालाओं का इस्तेमाल शुरू किया. इन कोविड केयर सेंटरों में करीब 840 लोगों को किया गया है भर्ती.

नई दिल्ली. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच अब सरकार के सामने लोगों को आइसोलेट करने या फिर क्वारेंटाइन करने की समस्या आ रही है. ऐसे में अब सरकार ने अस्‍थाई अस्पतालों के तौर पर अब खाली पड़े सरकारी फ्लैट्स और धर्मशालाओं का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इन अस्‍थाई अस्पतालों में करीब 840 लोगों को भर्ती किया गया है. गौरतलब है कि सोमवार शाम तक 2081 लोग कोरोना पॉजिटिव सामने आए थे. अब बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या ने दिल्ली सरकार के सामने समस्या खड़ी कर दी है. इसी के चलते एक बैठक की गई और इसमें जिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लक्षण बहुत ज्यादा नहीं हैं उन्हें ऐसे कोविड केयर सेंटर्स में शिफ्ट करने का निणय लिया गया. इसके बाद एक सर्वे भी किया गया और इस दौरान देखा गया कि अस्पतालों में भर्ती कोरोना के ऐसे मरीज कौन से हैं जिन्हें इन केयर सेंटर्स में शिफ्ट किया जा सकता है.

सुविधाएं भी पर्याप्त
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार इन नए कोविड केयर सेंटर्स में शुरुआती कोरोना मरीजों के इलाज के लिए यहां पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्‍ध हैं. इन सेंटर्स में उन मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है ‌जिन्हें केवल दवा और मेडिकल सुपरविजन की जरूरत हैं. यहां पर डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों की एक टीम को भी लगाया गया है जो लगातार मरीजों के स्वास्‍थ्य पर नजर बनाए हुए हैं. इससे पहले इन सेंटर्स का इस्तेमाल केवल कोरोना संक्रमण के संदिग्‍ध रोगियों या फिर उन लोगों को रखने के लिए किया जा रहा था. लेकिन अब दोनों ही तरह के लोग यहां पर हैं. हालांकि इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि कोरोना पॉजिटिव मिले लोगों को संदिग्‍धों से अलग रखा जाए जिससे इंफेक्‍शन और न फैले. एक स्वास्‍थ्य अधिकारी के अनुसार दोनों तरह के मरीजों को अलग अलग ब्लॉक्स में रखने के कारण संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं है.

सर्वे में सामने आया आंकड़ासरकार की ओर से किए गए सर्वे में सामने आया ‌कि लोक नायक अस्पताल में भर्ती 793 मरीजों में से 562 ऐसे थे जिन्हें इन सेंटर्स में भर्ती किया जा सकता था. ऐसा ही राजीव गांधी सुपर स्पेश्येलिटी हॉस्पिटल में भी 195 में से 150 और गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 53 में से 50 मरीज ऐसे थे जो इन सेंटरों में ले जाए जा सकते थे.

अस्पतालों पर दबाव कम करने की कवायद
प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार ये नई व्यवस्‍था अस्पतालों पर से दबाव को कम करने के लिए की गई है. एक उचित संख्या में डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों की इन सेंटरों में नियुक्ति की गई है. अब इन सेंटरों के प्रबंधन का जिम्मा जिला मजिस्ट्रेट के पास होगा और उसको ये सुनिश्चित करना होगा कि उसके जिले के इन सेंटर्स में कोई परेशानी या दिक्कत नहीं हो.

11 सेंटरों का किया निर्माण
जानकारी के अनुसार दिल्ली के अलग-अलग जिलों में 11 सेंटरों का निर्माण किया गया है. नरेला में स्थित डीडीए फ्लैट्स में 428 मरीजों को भर्ती किया गया है. वहीं सुल्तानपुरी के डीयूएसआईबी फ्लैट्स में 251 मरीजों को भर्ती किया गया है. इन मरीजों की देखभाल और चिकित्सकीय परामर्श के लिए चिकित्साकर्मियों की कई टीम लगाई गई हैं.

ये भी पढ़ेंः COVID-19: दिल्ली में Corona को बढ़ाने वाली नई समस्या सामने आई, अधिकारी परेशान

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First published: April 21, 2020, 9:20 AM IST



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