देश दुनिया

भारत को कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगेंगे 12 से 18 महीने: बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव । Indias Efforts to Develop Coronavirus Vaccine at Least 12 to 18 Months Away, Says Dept of Biotechnology Secretary | nation – News in Hindi

विशेषज्ञ का दावा- भारत को कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगेंगे 12 से 18 महीने

बायोटेक्नोलॉजी विभाग (DBT) की सचिव रेणु स्वरूप के अनुसार, वैक्सीन का निर्माण हमारे लिए प्राथमिकता है. इंडस्ट्री इसमें आगे तक पहुंच चुकी है और कई अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं.

बायोटेक्नोलॉजी विभाग (DBT) की सचिव रेणु स्वरूप के अनुसार, “वैक्सीन का निर्माण हमारे लिए प्राथमिकता है. इंडस्ट्री इसमें आगे तक पहुंच चुकी है और कई अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं.

(निखिल घनेकर, सुमित पांडे)
नई दिल्ली.
भारत के कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 Infection) के खिलाफ एक वैक्सीन (Vaccine) बनाए जाने के प्रयास में अभी करीब 12 से 18 महीने का समय लगेगा. और इसका त्वरित फोकस पुन: संयोजित की गई बैसिलस कलमेटे-गुएरिन (BCG) वैक्सीन के ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल पर होगा, जिसे प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने वाला माना जाता है. यह बात बायोटेक्नोलॉजी विभाग (DBT) की सचिव रेणु स्वरूप ने कही है.

भारत, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और कुछ अन्य वैश्विक एजेंसियों (Global Agency) के साथ देश में वैक्सीन रिसर्च (Vaccine Research) को बढ़ाने को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (Technology Transfer) में तेजी लाने के लिए सहयोग कर रहा है.

DBT ने रिसर्च मे लगी दो अन्य कंपनियों की फंडिंग के लिए मंजूरी दे दी हैबायोटेक्नोलॉजी विभाग ने सोमवार को SARS-COV-2 के खिलाफ डीएनए वैक्सीन के निर्माण में तेजी लाने के लिए कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड (Cadila Healthcare Ltd) और इनएक्टिवेटेड रेबीज वेक्टर प्लेटफॉर्म के प्रयोग के जरिए कोविड-19 वैक्सीन के निर्माण के लिए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (Bharat Biotech International Limited) को फंडिंग दिए जाने को अनुमति दे दी है. डीबीटी, शैक्षणिक संस्थानों, जैसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस को भी वैक्सीन कैंडिडेट विकसित करने के लिए समर्थन दे रहा है. ये कुछ सरकारी संस्थान हैं जो कि वैक्सीन को बनाने और वैक्सीन के रिसर्च प्रोजेक्ट्स में लगे हुए हैं.

जल्द हमारे पास होगी कोरोना की वैक्सीन- सार्स को सबसे पहले अलग करने वाले वैज्ञानिक
स्वरूप ने कहा है, “वैक्सीन का निर्माण हमारे लिए प्राथमिकता है. इंडस्ट्री इसमें आगे तक पहुंच चुकी है और कई अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं. हमारी अपनी भारतीय कंपनियां (Indian Companies) इस साल के आखिरी तक इसकी तैयारी कर सकती हैं कि वे कैसे आगे बढ़ सकते हैं. साफ तौर पर हम यह कह सकते हैं कि वैक्सीन बनने में 12 से 18 महीने का समय लगेगा.”

ग्लोबल एक्सपर्ट, स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (School of Public Health) के मलिक पेइरिस ने हाल ही में एक वेबिनार में कहा था कि इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि कोरोना वायरस के लिए हमारे पास जल्द ही वैक्सीन होगी क्योंकि यह बहुत धीरे-धीरे अपने स्वरूप को बदलता है. पेइरिस सार्स वायरस (SARS Virus) को अलग करने वाले पहले वैज्ञानिक थे.

यह भी पढ़ें: कोरोना- मुंबई, कोलकाता, जयपुर और इंदौर के हालात गंभीर, दौरा करेंगे केंद्रीय दल

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: April 20, 2020, 10:43 PM IST



Source link

Related Articles

Back to top button