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Lockdown:इसलिए ज़ूम ऐप पर क्लास और मीटिंग के दौरान बढ़ जाता है हैकर का खतरा-Lockdown Due to this factor the risks increases during classes and meetings using Zoom app dlnh | delhi-ncr – News in Hindi

नई दिल्ली. चार महीने पहले तक ज़ूम ऐप (Zoom App) के 2 करोड़ यूज़र थे. लेकिन आज के वक्त 20 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने ज़ूम ऐप डाउनलोड की हुई है. जिसकी बड़ी वजह है लॉकडाउन (Lockdown). लॉकडाउन के दौरान स्कूल (School) में चलने वाली क्लास ज़ूम ऐप पर चल रही हैं तो ऑफिसों की डेली मीटिंग भी इसी ऐप पर हो रही हैं. आईटी एक्सपर्ट (IT Expert) बताते हैं कि सिक्योरिटी का ध्यान तो हर कहीं रखना पड़ता है. लेकिन ज़ूम ऐप इस्तेमाल करते वक्त कुछ खतरे ज़्यादा हैं.

एंड टू एंड एंक्रिप्शन न होने के चलते हो रही है परेशानी

जाने-माने आईटी एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि एंड टू एंड एंक्रिप्शन टूल आमतौर पर हर चैटिंग ऐप में होता है. फिर वो चाहें वीडियो कॉलिंग ही क्यों न हो. इस टूल के होने का मतलब होता है कि ऐप की मदद से आप जो डाटा या फोटा, वीडियो भेज रहे हैं वो सेफ है.

लेकिन ज़ूम ऐप ने खुद माना है कि उनके ऐप में यह टूल नहीं है. दूसरी बात यह कि ज़ूम ऐप के पासवर्ड को बहुत ही सेफ तरीके से उन लोगों तक भेजें जिन्हें आप जोड़ना चाहते हैं. क्योंकि इसी के जरिए हैकर आपकी मीटिंग और बच्चों की क्लास के दौरान अनवांटेड फोटो या वीडियो डाल देता है.गूगल हैंगआउट भी कर सकते हैं इस्तेमाल

पवन दुग्गल का कहना है कि ज़ूम ऐप पर बच्चों को क्लास कराने वाले पैरेंटस की काफी शिकायतें आ रही हैं. कई बार मीटिंग में भी ऐसा हो रहा है कि कुछ अनवांटेड मैटेरियल बीच में आ जाता है. अगर इस तरह की ऐप पर सिर्फ सहुलियतों की बात करें तो ज़ूम से अच्छा कोई नहीं है. लेकिन जब बात पर्सनल जानकारियों को सिक्योर करने की हो तो आप ज़ूम पर भरोसा नहीं कर सकते. वैसे अगर कुछ लोग चाहें तो ज़ूम ऐप की जगह गूगल हैंगआउट भी यूज़ किया जा सकता है.

आईटी एक्सपर्ट दानिश शर्मा और पवन दुग्गल.

ज़ूम ऐप से आने वाला खतरा बड़ा है

फॉरेंसिक एक्सपर्ट दानिश शर्मा बताते हैं कि जब आप ज़ूम ऐप को डाउनलोड करते हैं तो वो अपने नियम और शर्त बता देता है कि हम आपका डाटा बेचेंगे नहीं, लेकिन कंपनियों संग शेयर करेंगे. दूसरा यह कि एप्प का इस्तेमाल करने के दौरान बहुत सारी जानकारियां चुराई जा रही हैं.

जिनकी अपनी तकनीकी भाषा अलग है. इन जानकारियों के चोरी होने का खतरा अभी नहीं दिखाई दे रहा है. लेकिन कुछ समय बाद ऑनलाइन फ्रॉड के रूप में हमे इस खतरे से निपटना होगा. सुरक्षा के लिहाज़ से आउटलुक भी यूज़़ किया जा सकता है.

ऐसे सेफ करें अपनी हर मीटिंग और क्लास

हर बार मीटिंग के लिए एक नया उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड बनाएं.

होस्टिंग से पहले जॉइन फीचर को डिसेबल करें.

केवल होस्ट द्वारा स्क्रीन शेयर करें.

रिकॉर्डिंग सुविधा को बंद कर दें.

जब मीटिंग और क्लास में सभी लोग शामिल हो गए जाएं, तो बैठक को बंद करने की सलाह दी जाती है.

ऐप में एक वेटिंग रूम बनाएं जिससे उपयोगकर्ता मीटिंग में तभी प्रवेश कर सकेगा जब होस्ट उसे अनुमति देगा.

ज़ूम ऐप डाउनलोड करने के लिए zoom app.us की बेवसाइट पर जाकर ही करें.

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