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लॉक डाउन इफेक्ट: 27 जगह नहाने लायक हुआ गंगा का पानी, यमुना भी हुई काफी साफ- Lock down effect Ganga water clean worth bathing at 27 places haridwar varanasi Yamuna also became very clean delhi uttar pradesh upas | agra – News in Hindi

लॉक डाउन इफेक्ट: 27 जगह नहाने लायक हुआ गंगा का पानी, यमुना भी हुई काफी साफ

गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता में 50 प्रतिशत तक का सुधार हुआ है. (File Photo)

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (Central Pollution Contro;l Board) के डेटा के मुताबिक गंगा नदी के 36 मॉनिटरिंग यूनिट हैं जिनमें से 27 पर पानी नहाने और वाइल्ड लाइफ और फिशरीज के लिहाज से सुरक्षित है.

लखनऊ. कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ पूरा देश पिछले करीब एक महीने से लॉक डाउन (Lockdown) है. देश और प्रदेशों की सरकारों के आगे बड़ी चुनौती खड़ी है. वे जनता को कोई परेशानी न हो, इसके लिए दिन-रात एक किए गए हुई हैं. वहीं देश की जनता भी लॉक डाउन का पालन कर घरों में ही है. इस पूरी कवायद का सबसे ज्यादा फायदा प्रकृति को मिल रहा है. लॉक डाउन का पॉजिटिव इफेक्ट सबसे ज्यादा नदियों पर पड़ रहा है. देश की प्रमुख नदी गंगा और यमुना में प्रदूषण तेजी से कम हो गया है. स्थिति ये है कि कई जगह गंगा का पानी नहाने लायक हो गया है. वहीं जलीय जीवों के लिए भी ये सुधार जीवनदायी साबित हो रहा है. सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड के डेटा के मुताबिक गंगा नदी के 36 मॉनिटरिंग यूनिट हैं जिनमें से 27 पर पानी नहाने और वाइल्ड लाइफ और फिशरीज के लिहाज से सुरक्षित है.

लॉकडाउन के दौरान ही गंगा का पानी कानपुर और वाराणसी में 40 से 50 फ़ीसदी तक साफ हो गया है. दरअसल, लॉकडाउन की वजह से कानपुर में बंद पड़े उद्योगों की वजह से गंगा के जल की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है.

उत्तराखंड में गंगा के जल हुआ निर्मल

वहीं उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला क्षेत्र में इन दिनों गंगा के पानी में मानव मल की मात्रा में 47 प्रतिशत की कमी आई है. ऐसे ही ऋषिकेश में बैराज से आगे यह कमी 46 प्रतिशत की है, जबकि हरिद्वार में बिंदुघाट के पास 25 प्रतिशत और हर की पौड़ी पर 34 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है. दावा है कि लॉकडाउन के दौरान हर की पौड़ी पा गंगा का पानी क्लास-ए स्तर का हो चुका है. यानी सिर्फ़ क्लॉरिनेशन करके भी पिया जा सकता है.उधर आईआईटी बीएचयू के केमिकल इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफ़ेसर डॉक्‍टर पीके मिश्रा के मुताबिक, वाराणसी और कानपुर में गंगा के पानी में 40-50 फ़ीसदी तक सुधार देखने को मिला है. पिछले दिनों एएनआई से बातचीत में आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर डॉ पीके मिश्रा ने कहा, ‘गंगा में अधिकतर प्रदूषण कंपनियों की वजह से होता है और लॉकडाउन की वजह से उनके बंद होने के कारण यह महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है.’ डॉक्टर मिश्रा के मुताबिक, अगर हम लॉकडाउन के पहले और बाद के हालात पर नजर डालें तो बदलाव साफतौर पर देखा जा सकता है.

लॉक डाउन बड़ा कारण

वहीं वाराणसी के स्थानीय लोगों के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से लोग गंगा स्नान नहीं कर रहे हैं और फैक्टरियां भी बंद हैं. इसकी वजह से गंगा का पानी बहुत साफ नजर आ रहा है. लॉकडाउन की वजह से ऐसा बदलाव देखकर खुशी हो रही है. कानपुर के लोगों का भी गंगा को लेकर कुछ ऐसा ही मानना है.

बता दें कि लॉकडाउन के कारण देशभर की फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं. ऐसे में वायु, ध्‍वनि और जल प्रदूषण में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिल रहा है. वायु प्रदूषण की जद में रहने वाली देश की राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में बड़ा सुधार दर्ज किया गया है. फैक्ट्रियां बंद होने का असर शहर से गुजरने वाली यमुना नदी पर भी पड़ा है.

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First published: April 20, 2020, 1:19 PM IST



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