फूल लॉकडाउन खुलते ही बढ़ जायेगी चुनौती
अधिकतर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी लोग नही करेंगे पालन
बाजारों और बैंकों में उमड़ सकती है जमकर भीड
भिलाई। तीन दिनी फुल लॉकडाउन के खत्म होते ही सोमवार से जिला व पुलिस प्रशासन की चुनौती फिर एक बार बढ़ सकती है। सब्जी बाजार, किराये की दुकानें और बैंकों के खुलते ही जरुरतमंदो की भीड़ उमडऩे लगेगी। ऐसे में सोशल डिस्टेसिंग का पालन सुनिश्चित कराना बेहद चुनौतीपूर्ण रहेगा।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने 17 से 19 अप्रैल तक दुर्ग जिला में फुल लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस अवधि में कि सब्जी बाजार, किराना दुकान और बैंकों को पूर्णत: बंद रखा गया। वहीं बिना किसी ठोस वजह के घर से बाहर निकलने वालों पर पुलिस की सख्ती काफी असरदार रही है। लिहाजा आज फुल लॉकडाउन के तीसरे दिन भी भिलाई-दुर्ग में सन्नााटा पसरा रहा। लेेकिन कल से पुन: बाजार किराना दुकानें और बैंकों के खुलते ही अव्यवस्था फैलने की आशका उभरने लगी है।
गौरतलब रहे कि 22 मार्च से भिलाई-दुर्ग में जनता कफ्र्यू लगने के साथ ही लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। बावजूद इसके अति आवश्यक वस्तूओं की दुकाने ंसब्जी बाजार और बैंकों के संचालन निर्बाध होने से लोगों की ाआवााही एख निश्चित समयावधि के बीच प्रतिदिन बनी हुई है। सुबह 10 से अपरान्ह 3 बजे तक सब्जी बाजार व किराने की दुकानों के खुली रहने से बाहर निकलकर बेवजह घूमने वालों को पुलिस से बहाना बनाने का मौका आसानी से मिल रहा है। लेकिन 16 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल की मध्य रात्रि तक कफ्र्यू के रूप में फुल लॉकडाउन घोषित किये जाने से काफी हद तक बेवजह बाहर निकलने वालों की संख्या में कमी आई है। इस दौरान उल्लंघन करते पकड़े गए लोगों पर पुलिस की सख्ती ने भी दहशत बनाने का काम किया है। लेकिन कल से जब सामान्य लॉकडाउन रहेगा और सब्जी बाजार, किराना दुकाने और बैंक खुल जाएगी तो इसके आड़ में निकलने वाली भीड़ को सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराना जिला व पुलिस प्रशासन के लिए बेहद चुनौती भरा रह सकता है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि कोरोना महामारी से प्रभावितों को मदद के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने जन धन खाताधारकों के खाते में तीन महीने के लिए 500-500 रुपए प्रेषित किया है। इस राशि को निकालने शहर के सभी राष्ट्रीयकृत बैकों में बेतहाशा भीड़ उमड़ रही है। इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं होने से कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। ऐसी ही स्थिति सब्जी बाजारों में भी बनी हुई है।