सावधान: ICMR ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टेबलेट के इस्तेमाल को लेकर लोगों को क्यों किया आगाह? _ ICMR warn people about the use of Hydroxychloroquine tablets in india for coronavirus nodrss | health – News in Hindi
आईसीएमआर ने कहा है कि हाइड्रो क्लोरोक्वीन के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखे गए हैं.
इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साइंटिस्ट आर गंगाखेड़कर ने शनिवार को मीडिया के बताया, ‘ऑब्जरवेशन के आधार पर कह सकते हैं कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) टेबलेट के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखे गए हैं.’
टेबलेट के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें
इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साइंटिस्ट आर गंगाखेड़कर ने शनिवार को मीडिया के बताया, ‘ऑब्जरवेशन के आधार पर कह सकते हैं कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखे गए हैं. खासतौर से उन कम्युनिटी हेल्थ वर्कर में जो लोग कोरोना संक्रमण के मरीजों का इलाज करने में लगे हैं और जिन्होंने ड्यूटी के दौरान इस दवा का प्रयोग किया है. कुछ कम्युनिटी हेल्थ वर्कर में एचसीक्यू टेबलेट का प्रयोग करने के बाद पाया गया कि उनके पेट में दर्द, उल्टी जैसी शिकायतें सामने आईं. अभी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की स्टडी (Study) एम्स (AIIMS) में चल रही है, जिसमें प्रभाव पर गौर किया जा रहा है. हम इसके प्रयोग को लेकर बार-बार आगाह कर चुके हैं. इसका प्रयोग सावधानीपूर्वक ही किया जाना चाहिए.
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की मांग बढ़ीगौरतलब है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा इस समय भारत में ही नहीं दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान इस दवा की मांग दुनियाभर से हो रही है. दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोनो की रोकथाम के लिए अभी तक कोई दवा तैयार नहीं हुई है, लेकिन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन इस बीमारी से लड़ने में कारगर साबित हो रहा है.
बता दें कि यह दवा मलेरिया के मरीजों के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है. हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा इम्यून सिस्टम को बढ़ाने का काम करता है. भारत में इस दवा का इस्तेमाल 1940 से मलेरिया जनित बीमारियों के लिए शुरू हुआ.
मलेरिया के मरीज हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन खाते हैं
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस समय दुनिया के कई देशों ने भारत से इस दवा की मांग की है. भारत ने अमेरिका को भी यह दवाई सप्लाई किया है. अमेरिका जैसे देशों में भी यह दवा कोरोना के मरीजों को दी जा रही है. इस वजह से इस दवा की भारत में भी मांग बढ़ गई है.
(इनपुट-रवि सिंह)
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First published: April 18, 2020, 9:28 PM IST