We do not have data of unorganized sector how to help via DBT says Government of Karnataka | अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर का डेटा हमारे पास नहीं, कैसे करें DBT की मदद- कर्नाटक सरकार | nation – News in Hindi
लॉकडाउन से सबसे ज्यादा नुकसान दिहाड़ी मजदूरों को हुआ है.
कर्नाटक सरकार के मंत्री ने कहा कि विभाग के पास यह सूची अच्छे वक्त में ही होनी चाहिए था लेकिन किसी ने इसकी परवाह नहीं की.
मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति, जहां पूरा देश बंद है, उसकी कभी कल्पना नहीं की गई थी. उनके लिए यह वैश्विक महामारी ने असंगठित क्षेत्र के बारे में सूचना जुटाने का अवसर है. हेब्बार ने कहा, ‘इस कोविड-19 ने विभाग एवं कर्मचारियों को एक सबक सिखाया है कि हमें इस तरह की स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि हमने सीखा है कि श्रमिकों के बारे में सारी सूचना श्रम विभाग के पास उपलब्ध होनी चाहिए.
मंत्री ने कहा कि विभाग के पास यह सूची अच्छे वक्त में ही होनी चाहिए था लेकिन किसी ने इसकी परवाह नहीं की. हेब्बार ने कहा, ‘अच्छे वक्त में किसी ने इसकी चिंता नहीं की..न उन्होंने (लाभार्थियों) इसके लिए पूछा, न हमने इस बारे में सोचा.’ अब जब वैश्विक महामारी हावी हो चुकी है, सरकार का ध्यान केवल इस बात पर है कि कोई भी भूख से न मरे. मंत्री ने कहा कि तीन स्तर पर तैयारी की गई है – गांव के स्तर पर, तालुक के और शहर के स्तर पर.
मंत्री ने कहा कि गांवा के आंगनवाड़ी केंद्रों में जरूरतमंदों के लिए खाद्य सामग्री पहुंचाई गई है जबकि तालुक स्तर पर सरकारी छात्रावासों को मजदूरों के लिए शिविरों में बदल दिया गया. साथ ही कहा कि शहरों के लाखों परोपकारी लोग असंगठित क्षेत्र के लोगों को भोजन कराने के लिए आगे आए हैं. बड़े स्तर पर लोगों को नौकरी से निकाले जाने के भय पर मंत्री ने कहा कि सभी उद्योगों को नोटिस दिया गया है कि किसी को भी नौकरी से निकाला न जाए.यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस: मरीज़ों पर कुष्ठ रोग की वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल करेगा CSIR
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First published: April 18, 2020, 2:00 PM IST