COVID-19: कर्नाटक में 24 घंटे में सामने आए सबसे ज्यादा 38 नए केस, कुल मामले 353 | Covid 19 Karnataka sees new record of coronavirus cases in single day | nation – News in Hindi


कर्नाटक में 38 नए केस.
CoronaVirus: नए मामलों में से 11 मैसुरु के नानजनागुड के हैं जो पहले संक्रमित पाए गए एक मरीज के संपर्क में आए थे. बेंगलुरु में आठ मामले, बेल्लारी के होसपेट में सात और मांड्या के मालावल्ली में तीन मामले सामने आए.
राज्य में गुरुवार को 36 नए मामले सामने आए थे. विभाग ने हालात पर जानकारी देते हुए बताया, ‘गत शाम से आज दोपहर तक संक्रमण के 38 नए मामले सामने आए. अभी तक कोविड-19 के 353 मामलों की पुष्टि हुई है. इनमें 13 लोगों की मौत हो गई और 82 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.’
केवल मैसुरु में ही 11 मामले
नए मामलों में से 11 मैसुरु के नानजनागुड के हैं जो पहले संक्रमित पाए गए एक मरीज के संपर्क में आए थे. बेंगलुरु में आठ मामले, बेल्लारी के होसपेट में सात और मांड्या के मालावल्ली में तीन मामले सामने आए. इन 38 नए मरीजों में से पांच बच्चे हैं.कर्नाटक ने कोरोना वायरस की जांच की संख्या पांच गुना तक बढ़ाई
कर्नाटक के एक अहम मंत्री ने कोरोना वायरस जांच की संख्या पांच गुना तक बढ़ाने की जानकारी देते हुए इस पर खेद जताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण जान गंवाने वाले कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी अगर वे वक्त रहते इलाज करा लेते.
हर दिन 1500 की जांच की जा रही
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुधाकर के. ने शुक्रवार को कहा कि ये इस लिहाज से नए मामले नहीं है क्योंकि ये पहले ही संक्रमित पाए गए मरीजों के प्रथम और द्वितीय संपर्क में आए लोग हैं. वह कोविड-19 से संबंधित सभी मामलों के प्रभारी भी हैं.
मंत्री ने बताया कि कोरोना वायरस की जांच की संख्या अब पांच गुना तक बढ़ा दी गई है. अब हर दिन 1500 लोगों की जांच की जा रही है. चीन से एक या दो दिन में त्वरित जांच किट मिलने के बाद इसे और बढ़ाया जाएगा. खुद चिकित्सीय पेशेवर सुधाकर ने कहा कि जिन मरीजों की मौत हुई है उन्हें कोरोना वायरस के साथ अन्य बीमारियां भी थीं. उन्होंने अपने लक्षण बढ़ने पर ही इलाज कराया और उनका स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया.
लोग अंतिम चरण में इलाज के लिए आ रहे, इसलिए हो रहीं मौतें
उन्होंने कहा कि उन्होंने कोविड-19 के मरीजों के इलाज की प्रवृत्ति पर विस्तार से चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई है. सुधाकर ने कहा, ‘बीमारियां होने के साथ ही मौत की मुख्य वजह यह है कि मरीज जानबूझकर अंतिम चरण में इलाज के लिए आ रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जब उन्हें पता चलता है कि उन्हें बुखार, गले में सूजन और सांस लेने में दिक्कत है तो उन्हें फौरन आगे आना चाहिए और जांच करानी चाहिए तथा भर्ती होना चाहिए. मैंने इन सभी मरीजों को देखा है. उनमें से कुछ शुरुआत में कुछ नीम हकीमों के पास जाते हैं. अगर वे लक्षण सामने आने के पहले सप्ताह में आ जाते तो मैं 100 फीसदी कह सकता हूं कि उनकी मौत नहीं होती.’
उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को सुझाव देंगे कि सरकार सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य कंपनियों के लिए परामर्श जारी करें कि वे 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ अपना कामकाज पुन: चालू करने पर त्वरित जांच किट के साथ अपने कर्मचारियों की जांच करें.
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First published: April 17, 2020, 5:10 PM IST