बेतरतीब ब्रेकरों से लोग कमरदर्द सहित कई प्रकार की बीमारियों का हो रहे है शिकार
वाहने भी हो रही है खराब, हाईकोर्ट का फरमान बेअसर
इस पर गंभीरता नही दिखा रही है निकायें
भिलाई। शहर के लोगों को फोरलेन सहित अन्य प्रमुख सडक़ों व गलियों में बनी बेतरतीब स्पीड ब्रेकर के झटकों से राहत नहीं मिल पा रही है। एक ओर इसके कारण जहां वाहन चालकों को कमर दर्द, पीठ दर्द सहित अन्य शारीरिक बीमारियां तो हो ही रही है इसके अलावा वाहनों को भी इसके झटके से कई प्रकार का प्रभाव पड़ रहा है, और खासतौर से दो पहिया वाहनों में अत्यंत खराबी आ रही है। इन ब्रेकरों को हटाने तकरीबन दो माह पहले हाईकोर्ट का जारी फरमान अब तक बेअसर रहा है। नगरीय प्रशासन विकास विभाग से हाईकोर्ट का निर्देश पालन करने भेजे आदेश पर भी नगरीय निकायों की ंगंभीरता नदारद है।
लगभग दो माह पहले ही हाईकोर्ट ने प्रदेश भर की सभी सडक़ों पर बनाए गए स्पीड ब्रेकर को हटाने का निर्देश दे रखा है। बावजूद इसके भिलाई शहर और इसके आसपास के निकाय क्षेत्र में ब्रेकरमुक्त सडक़ों का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले पा रहा है। लिहाजा लोगों को वाहन से आते जाते थोड़े-थोड़े अंतराल में झटका झेलना पड़ रहा है। फोरलेन सडक़ पर ही सिग्नल वाले सभी चौराहों और मिडिल कट के पास स्पीड ब्रेकर परेशानी का सबब बने हुए हैं। इस तरह की परेशानी शहर के अन्य प्रमुख आवाजाही वाले सडक़ें ही नहीं बल्कि छोटी-छोटी गलियों में भी बनी हुई है। कई बार इन बेतरतीब स्पीड ब्रेकर के चलते दुपहिया वाहन में गुजरने वाले दुर्घटना का शिकार हो चुके है। वहीं ब्रेकर से गुजरने के दौरान लगने वाली झटकों से भी लोगों की रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंच रहा है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने सभी सडक़ों को स्पीड ब्रेकर से मुक्त करने का आदेश शासन को दो माह पहले दिया है।
्् बताया जाता है कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित कराने नगरीय प्रशासन विकास विभाग ने महीने भर पूर्व सभी निगम व पालिका को पत्र प्रेषित किया है। जिसके बाद जिम्मेदारों ने शीघ्र ही सडक़ों पर बनाए गए स्पीड ब्रेकर को हटाने की अभियान शुरू करने की बात कही थी। लेकिन देखते देखते माह भर का समय बीतने को है और लोगों को स्पीड ब्रेकर के झटकों से मुक्ति का इतंजार खत्म होने का नाम नहीं ले पा रहा है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि रायपुर दुर्ग के बीच बनी फोरलेन सडक़ प्रदेश की सबसे व्यस्ततम सडक़ों में से एक है। इस सडक़ पर सुविधा के लिहाज से नेहरू नगर, सुपेला, चंद्रा मौर्या टाकीज, पावर हाउस, खुर्सीपार, डबरापारा, सिरसा गेट तथा कुम्हारी के स्टेशन चौक पर स्वचालित सिग्नल सिस्टम लगाया गया है। कई बार रेड सिग्नल होने से पहले ही चौक को पार करने की होड के चलते लोग अपने वाहन की रफ्तार तेज कर देते हैं। इससे होने वाली दुर्घठना की संभावना को टालने सिग्नल वाले चौक तथा मिडल कट के पास स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं। ट्रेफिक पुलिस की पहल पर इससे पहले भी एक बार स्पीड ब्रेकर बनाया गया था। जिसके बाद खासकर दुपहिया वाहन चालकों की दिक्कत को देख स्पीड ब्रेकर हटाकर यातायात नियम के अनुरुप रम्बलर स्ट्रीप के चलते वाहनों की रफ्तार नियंत्रित होने के साथ ही लोगों को झटका लगना कम हो गया था। लेकिन समय के साथ रम्बलर स्ट्रीप के घिस जाने के बाद फिर से बेतरतीब स्पीड ब्रेकर बना दिए जाने से वाहन चालकों की दिक्कत बढ़ गई है।
गलियों में भी ब्रेकर से दिक्कत
ऐसा नहीं कि स्पीड ब्रेकर के चलते प्रमुख सडक़ों पर ही लोगों को झटका लग रहा है। बल्कि गलियों में भी दिक्कत बनी हुई है। भिलाई शहर के अलावा समीप के चरोदा निगम व जामुल पालिका क्षेत्र में कई सीमेंटीकृत गलियों पर लोगों ने जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर उंचे-उंचे ब्रेकर बनवा लिए हैं। ऐसे ब्रेकर में पैदल चलने वाले लोग भी टकराकर घायल हो चुके हैं। वाहन चालकों को थोड़े-थोड़े दूरी के अंतराल में बने ब्रेकर शारीरिक व मानसिक दिक्कत झेलने में मजबूर करती है। कभी-कभी तो गंभीर मरीजों को दुपहिया या चार पहिया कार में अस्पताल ले जाना भी जानलेवा साबित हो जाता है।