देश दुनिया

प्रधानमंत्री फसल बीमा: लॉकडाउन में 12 राज्यों के किसानों को दिए गए 2424 करोड़ रुपये, pradhan-mantri-fasal-bima-yojana-12-state-farmers-get-rs-2424-crore-in-lockdown-for-crop-damage-compensation-kcc-pmfby-dlop | business – News in Hindi

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: लॉकडाउन में 12 राज्यों के किसानों को दिए गए 2424 करोड़ रुपये

फसल बीमा करवाने से किसानों को मिली बड़ी राहत (प्रतीकात्मक फोटो)

मोदी सरकार की यह कोशिश भी जारी है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से ज्यादा से ज्यादा किसान जुड़ें. इसीलिए किसानों को फोन पर मैसेज भेजकर बीमा में शामिल होने की अपील की जा रही है ताकि खेती में उनका जोखिम कम हो.

नई दिल्ली. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY-Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)  के तहत लॉकडाउन मेंं अब तक 12 राज्यों के किसानों को 2424 करोड़ के दावों (Claim) का भुगतान किया गया है. उधर, सरकार की यह कोशिश भी जारी है कि इस योजना से ज्यादा से ज्यादा किसान जुड़ें. किसानों को फोन पर मैसेज भेजकर बीमा में शामिल होने की अपील की जा रही है ताकि खेती में उनका जोखिम कम हो. क्योंकि बीमा क्षेत्र घटता जा रहा है. 2018-19 सिर्फ 507.987 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र का ही बीमा हुआ. जबकि पहले यह इससे कहीं ज्यादा हुआ करता था.

फिलहाल सरकार ने बीमा कंपनियों के सामने कई तरह की शर्तें रख दी हैं ताकि किसानों का हित सुरक्षित रहे. इसके तहत बीमा का अधिकांश प्रीमियम केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर देती हैं. किसानों को खरीफ फसलों पर कुल प्रीमियम का 2 फीसदी, रबी फसलों पर 1.5 और बागवानी नकदी फसलों पर अधिकतम 5 फीसदी प्रीमियम देना होता है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि अधिक से अधिक लोग इस योजना का फायदा उठाएं.

किसानों हित में किए गए ये बदलाव

(1)  किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) धारकों के लिए फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक कर दिया गया है. अब तक बीमा कंपनियां उन किसानों के खाते से प्रीमियम का पैसा पहले ही काट लेती थीं, जिनके पास केसीसी होता था.

pradhan-mantri-fasal-bima-yojana

किसान क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए फसल बीमा अब स्वैच्छिक कर दिया गया है

(2)  किसान अपनी पसंद और जरुरत के मुताबिक बीमा ले सकेंगे. जैसे सूखा या बाढ़ के लिए अलग-अलग या फिर दोनों में में कोई एक भी.

(3)  योजना में फसल नुकसान का आकलन अब सैटेलाइट द्वारा किया जाएगा. इसके जरिए स्मार्ट सैंपलिंग होगी. इससे किसानों को बीमा दावों का भुगतान पहले के मुकाबले जल्दी होगा.

(4)  बीमा कंपनियां एक साल के बजाए कम से कम तीन साल के लिए टेंडर भरेंगी. यानी अब कम से कम तीन साल के लिए बीमा कार्य दिया जाएगा, जिससे किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता एवं जवाबदेही पूरी होगी.

(5)  तय समय में बीमा राशि का भुगतान न करने वाले राज्यों को योजना से बाहर किया जाएगा. सिंचित क्षेत्रों में केंद्रीय सब्सिडी 25 और गैर सिंचित क्षेत्र के लिए बीमा केंद्रीय सब्सिडी 30 फीसदी तक सीमित होगी.

ये भी पढ़ें- गेहूं की बंपर पैदावार, क्या इस बार हो पाएगी रिकॉर्ड सरकारी खरीद, एमएसपी को लेकर उठे सवाल

Opinion: पहले मौसम अब कोरोना के दुष्चक्र में पिसे किसान, कैसे डबल होगी ‘अन्नदाता’ की आमदनी

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए मनी से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: April 17, 2020, 9:06 AM IST



Source link

Related Articles

Back to top button