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Mahatma Gandhi Hindi Vishwavidyalaya Wardha new session will start from June Read here Vice Chancellors full interview|महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्लाय वर्धा में जून से शुरू होगा नया सत्र, यहां पढ़ें वाइस चांसलर का पूरा इंटरव्यू | career – News in Hindi

नई दिल्ली. हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए स्थापित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा का नया शैक्षिक सत्र 2020-21 जून में शुरू हो सकता है. कुलपति प्रो. डॉ रजनीश कुमार शुक्ल ने बताया कि अगर मई में कोरोना महामारी से राहत मिली और लॉकडाउन खत्म हुआ तो जून में नए सत्र 2020-21 के लिए प्रवेश सूचना जारी कर दी जाएगी.

न्यूज18 इंडिया के पंकज सोनी से खास बातचीत में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ला ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की. प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ अंश…

नए सत्र 2020-21 में एडमिशन की प्रक्रिया कब से शुरू होगी और इस बार एंट्रेस एग्जाम का क्या तरीका होगा?

अभी हम कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं. जब देश में लॉकडाउन की स्थिति है, ऐसे में हम ऑनलाइन क्लासेस के द्वारा अपने छात्रों को पढ़ा रहे हैं. अगर लॉकडाउन मई में खत्म हो गया तो जून में नए सत्र में प्रवेश की सूचना जारी कर देंगे. अगर और देरी हुई तो जुलाई में प्रवेश सूचना जारी होगी.क्या आप नए सत्र में विश्वविद्यालय में कोई नए कोर्स शुरू करने की योजना बना रहे हैं?

हां, हम 2020-21 में विश्वविद्यालय में पांच नए कोर्स शुरू करने जा रहे हैं. इसमें- 1. फिलॉस्फी, 2.राजनीति शास्त्र, 3.हिस्ट्री, 4.समाज शास्त्र, 5. एम. इन हिंदी ट्रांसलेशन शामिल हैं. इन सभी कोर्सों में पीजी और पीएचडी शुरू किए जाएंगे. इसके साथ ही दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस) एजुकेशन में यूजी प्रोग्राम को भी शुरू किया जाएगा.

कोरोना संकट के बीच विश्वविद्यालय में कई तरह के संसाधनों को जुटामें अन्य कामों में काफी धन खर्च करना पड़ा है. ऐसे में इस सत्र में कोर्स की फीस बढ़ाने की कोई योजना है?

नहीं. कोरोना संकट ने लोगों को आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर बना दिया है. इसका असर आने वाले समय में भी पड़ेगा. इसलिए विश्वविद्यालय किसी कोर्स की फीस नहीं बढ़ाएगा, जिससे कि विद्यार्थियों को  परेशानी उठानी पड़े.

इस बार प्रवेश परीक्षा कराने के लिए कौन से तरीके अपनाएंगे?

नए सत्र में ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा लेने की योजना पर विश्वविद्यालय काम कर रहा है. इस बार एमबीए, बीएड, एमएड, बीटेक, एमटेक, एमफिल और पीएचडी का ऑनलाइन एंट्रेस एग्जाम होगा. इसके साथ ही
इस साल सामान्य पीजी कोर्सेस में मैरिट के आधार पर एडमिशन मिलेगा.

पीजी कोर्सेस में मेरिट के आधार पर होगा एडमिशन

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि इस वर्ष हमारे पास समय बहुत कम है, इसलिए कुछ पीजी कोर्सेज को छोड़कर सभी में ग्रेजुएशन में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनेगी और मेरिट के हिसाब से एडमिशन दिया जाएगा. इसको अंतिम रूप देने के लिए विश्वविद्यालय की विद्या परिषद 27 अप्रैल की बैठक करेगी.

अप्रैल में सेमेस्ट एग्जाम होते हैं. लॉकडाउन की वजह से सबकुछ बंद है ऐसे में स्टूडेंट्स के साथ क्या होगा?

लॉकडाउन में सेमेस्टर एग्जाम कराना संभव नहीं है इसलिए विश्वविद्यालय ने पहले और तीसरे सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को प्रमोट करने का निर्णय लिया है, लेकिन अंतिम सेमेस्टर के स्टूडेंट्स जैसे 4 और 6 वें सेमेंस्टर के छात्रों को जून के अंत में सेमेस्टर परीक्षा देनी होगी. विश्वविद्यालय में सभी कोर्सेस में होने वाले सेमिनार और टर्म पेपर ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे हैं.
आपके विश्वविद्यालय में यूजी-पीजी और पीएचडी की क्लास कैसे चल रही हैं?

आपको ये बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि हिंदी विश्वविद्यालय ऑनलाइन क्लास शुरू करने वाला देश का पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय है. हमने 15 मार्च से विश्वविद्यालय में ऑनलाइन क्लासे शुरू कर दी थी. हमने मुंबई विश्वविद्यालय को देखकर यह काम जल्द शुरू किया था. मुंबई विश्वविद्यालय ने 15 मार्च को ऑनलाइन क्लास शुरू की थी.  हमारे यहां आज विश्वविद्यालय के 90 फीसद स्टूडेंट ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई कर रहे हैं. बाकी वाट्सएप ग्रुप में प्रोफेसर्स से पढ़ रहे हैं.

कोविड 19 से आप कैसे लड़ाई लड़ रहे हैं? आपके पास क्या इंतजाम हैं .

कोविड 19 से लड़ने के लिए विश्वविद्यालय के सभी स्टाफ और स्टूडेंट को प्रशिक्षण दिया है. जिला अस्पताल से लगातार संपर्क में हैं. यह अच्छी बात है कि वर्धा जिले में अभी तक कोई कोरोना पॉजिटिव नहीं मिला. किसी बाहरी आदमी को हम कैंपस में नहीं आने देते हैं. अगर कोई आता है तो उसका मेडिकल चेकअप कराते हैं उसके बाद भी 14 दिने के क्वारंटीन में रखते हैं. कोरोना हॉटस्पॉट जैसे मुंबई, नागपुर, पुणे से आने वाले को विवि परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाता.
आपके विश्वविद्यालय में विदेशी छात्र आते हैं उनकी देखभाल कैसे करते हैं?

हां, 2 फरवरी 2020 को हमारे यहां चीन से 14 विद्यार्थी आए थे, इसमें 5 बुहान से थे. तब इनका केंद्र सरकार ने मेडिकल परीक्षण कराया था. उसके बाद से ही हमने कोरोना से लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी थी. जिसके साकारात्मक परिणाण आ रहे हैं.

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