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IMD Alert! इस साल भी झमा-झम होगी बारिश, यहां चेक करें आपके शहर में कब पहुंचेगा मॉनसून – IMD alert india will get good monsoon this year expected monsoon dates for your city monsoon prediction rain in india | business – News in Hindi

नई दिल्ली. IMD ने मॉनसून को लेकर अपना पहला अनुमान जारी किया है. आईएमडी के अनुसार इस साल देशभर में अच्छी बारिश होने के आसार हैं. 48 फीसदी संभवना इस बात को लेकर है कि लांग टर्म पीरियड एवरेज में मॉनसून 96 से 104 फीसदी रह सकता है. यह अनुमान जून से सितंबर तक के बीच का है. 21 फीसदी संभावना इस बात को लेकर भी है कि इस दौरान देश में सामान्य के मुकाबले 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश हो सकती है. साफ है कि यह खेती किसानी से लेकर उन सभी के लिए अच्छी खबर है जिन्हें बारिश का मौसम पसंद है. गर्मियां अब शुरू हो रही हैं, ऐसे में आपके मन भी यह सवाल होगा कि आखिर आपके शहर में बारिश कब होगी.

IMD की रिपोर्ट के आधार पर हम आपको बता रहे हैं कि आपके शहर के आस पास किस दिन मॉनसून पहुंच सकता है. हालांकि इसमें कुछ नीचे या उपर बदलाव की भी गुंजाइश है.

1 से 7 जून: तिरूवनंतपुरम, चेन्नई, उडुपी, पंजिम, गंगवटी और इन शहरों के आस पास 1 जून से 7 जून के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.

ये भी पढ़ें: सरकार कभी भी कर सकती है दूसरे राहत पैकेज का ऐलान, इन लोगों के लिए हो सकती है बड़ी घोषणा8 से 13 जून: हैदराबाद, मछलीपट्टनम, विजाग, कटक, पुरी, सतारा, कोल्हापुर, पुणे, मुंबई, अहमद नगर, गया, कोलकाता और आस पास के इलाकों में 8 जून से 13 जून के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.

14 से 21 जून: सूरत, जलगांव, नागपुर, रायपुर, अहमदाबाद, खंडावा, बिलासपुर, जमशेदपुर, वाराणसी, छपरा, पिथौरागढ़ और उत्तराखंड के अन्य शहरों और आस पास के इलाकों में 14 जून से 21 जून के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.

21 से 30 जून: भोपाल, भुज, लखनउ, आजमगढ़,आगरा, दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, जालंधर, लद्दाख, श्रीनगर और आस पास के शहरों में 22 जून से 30 जून के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.

1 से 8 जुलाई: अजमेर, जैसलमेर, जोधपुर और जयपुर व आस पास के शहरों में 1 जुलाई से 8 जुलाई के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.

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अर्थव्यवस्था के लिए क्यों जरुरी है मानसून
भारत में होने वाली कुल बारिश का करीब 80 फीसदी बारिया मानसून सीजन में ही होती है. अमूमन यह जून के अंत से शुरू होता है और सितंबर तक जारी रहता है. मानसून देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. भारत में खेती बारी पूरी तरह से मानसून पर ही निर्भर है. ऐसे में अच्छी बारिश का मतलब है कि ज्यादा पैदावार और ज्यादा पैदावार का मतलब है कि रूरल इनकम में सुधार. जब रूरल इनकम बढ़ती है तो कंजम्पशन में भी बढ़ोत्तरी होती है. एफएमसीजी, आटो, कंज्यूमर सेक्टर में इस मांग का बड़ा असर देखा जाता है. मांग बढ़ने से बाजार में लिक्विडिटी बढ़ती है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का अवसर मिलता है.

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