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indian government makes special strategy to fight covid 19 coronavirus | कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने तैयार की ये खास रणनीति, राज्‍यों को दिए निर्देश | nation – News in Hindi

कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने तैयार की ये खास रणनीति, राज्‍यों को दिए निर्देश

कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पीएम मोदी ने 3 मई तक बढ़ाया है लॉकडाउन.

केन्द्र सरकार (Indian government) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के लिए जिलों और राज्यों के अधिकारियों को विशिष्ट निर्देश दिए हैं.

नई दिल्ली. केन्द्र सरकार (Indian government) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के लिये विशेष रणनीति तैयार की है, जिसके तहत जिलों और राज्यों के अधिकारियों को विशिष्ट निर्देश दिये गए हैं. गृह मंत्रालय (Home ministry) ने गुरुवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 (Covid 19) की रोकथाम के लिये अपनाई गई रणनीति मोटे तौर पर संक्रमितों की अधिक संख्या वाले क्षेत्रों की पहचान करके रोकथाम के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के इर्द-गिर्द घूमती है.

संक्रमितों की तलाश जारी
इसके अलावा सक्रियता से कोविड-19 संक्रमितों की तलाश, उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, उन्हें पृथक करने, इलाज का प्रबंधन और लोगों के बीच जागरुकता फैलाना भी इस रणनीति का हिस्सा है. बयान में कहा गया है कि सरकार सभी संदिग्ध रोगियों के नमूनों की जांच भी करा रही है, चाहे उनमें लक्षण दिखे हों या नहीं. इसके अलावा संक्रमण की चपेट में आने वाले संदिग्धों और गंभीर श्वास संक्रमण (एसएआरआई) से जूझ रहे लोगों की भी जांच की जा रही है.

वहीं (हॉटस्पॉट रेड जोन) वाले जिलों या शहरों में बड़ी संख्या में मामले सामने आने या पहले से ही संक्रमितों की भारी तादाद होने के कारण इनपर ध्यान दिया जा रहा है. संक्रमितों की अधिक तादाद वाले इलाकों में आवाजाही को लेकर सख्ती बरती जाएगी.

लोगों पर रखी जाएगी निगरानी
गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सभी वाहनों की आवाजाही, सार्वजनिक परिवहन और किसी भी व्यक्ति के पैदल इन इलाकों से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी. इन इलाकों से बाहर जाने वाले लोगों का विवरण एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत दर्ज किया जाएगा और उसपर नजर रखी जाएगी.

घर-घर से जुटाई जा रही जानकारी
गौरतलब है कि 14 अप्रैल तक देशभर के कुल 207 जिलों में कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं जो कि संभावित हॉटस्पॉट हो सकते हैं. इसके अलावा ऐहतियाती तौर पर घर-घर जाकर संदिग्ध रोगियों का पता लगाने के लिये चुनिंदा स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर रोज औसतन 50 घरों में भी जा रहे हैं. आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम और रेड क्रॉस, एनएसएस, एनवाईके, और आयुष के छात्र भी इस काम में जुटे हैं.

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First published: April 16, 2020, 11:25 PM IST



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