AC से भी फैल सकता है कोरोना वायरस, चीन में आया ऐसा ही एक मामला air conditioning increase the risk of coronavirus | knowledge – News in Hindi

रेस्त्रां से हुई शुरुआत
एसी से संक्रमण का मामला चीन के Guangzhou शहर में देखा गया. दरअसल 23 जनवरी को यहां के एक रेस्त्रां में वुहान से लौटा एक शख्स अपने परिवार समेत पहुंचा. उनके लंच करने के दौरान पास की टेबलों पर दूसरे 2 परिवार भी बैठे हुए थे. उसी रात वुहान से आए शख्स में बुखार के साथ कोरोना के दूसरे लक्षण दिखने लगे. इसके कुछ दिनों बाद 5 फरवरी को शख्स के परिवार समेत दूसरी टेबलों पर बैठे कुल 9 लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. सीसीटीवी फुटेज के जरिए कोरोना संक्रमण के स्त्रोत और बाकी परिवारों को ट्रैक किया गया. बाद में हुई स्टडी में देखा गया कि पांचवे माले पर बने रेस्त्रां में सेंट्रल एसी लगा हुआ है और सारी खिड़कियां बंद रहती हैं. हर टेबल के बीच लगभग 1 मीटर की ही दूरी थी. तीनों ही परिवारों ने लगभग 1 घंटा रेस्त्रां में बिताया.

23 जनवरी को एक रेस्त्रां में वुहान से लौटा एक शख्स अपने परिवार समेत पहुंचा
क्या देखा वैज्ञानिकों ने
स्टडी के नतीजे Centres for Disease Control and Prevention अमेरिका ने प्रकाशित किए. माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की वजह एसी के कारण हुआ होगा, जिसमें संक्रमित शख्स की खांसी या छींक से फैले वायरस एसी के तेज एयरफ्लो की वजह से जल्दी से फैल सके होंगे. वैसे सामान्य तौर पर ये वायरस संक्रमित की खांसी, खखार या छींक से निकले वॉटर ड्रॉपलेट के साथ हवा में तैरते हैं और किसी सतह पर बैठ जाते हैं क्योंकि ठोस सतह पर ये ज्यादा देर तक रह पाते हैं. इस नतीजे के बाद माना जा रहा है कि अगर टेबलों के बीच दूरी ज्यादा होती या फिर खिड़कियां खुली होतीं ताकि हवा बाहर आ-जा सके, तो संक्रमण टाला जा सकता था.
क्रूज पर भी मिला यही मामला
डायमंड प्रिसेंज (Diamond Princess) क्रूज पर फैला संक्रमण भी AC के खतरे की ओर इशारा करता है. Purdue University के वैज्ञानिकों ने इसपर हुई स्टडी में पाया कि क्रूज के 3,700 यात्रियों में से 46.5% लोग जांच में पॉजिटिव पाए गए. केबिन खाली कराने के दौरान पाया देखा गया कि शिप में जगह-जगह SARS-CoV-2 वायरस के नमूने थे. ऐसे में वैज्ञानिक माना रहे हैं कि पेशेंट जीरो के एसी वाले बंद माहौल में रहने के कारण संक्रमण उससे दूसरे यात्रियों में फैलता चला गया.
क्या है AC के साथ समस्या
शोधकर्ता Qingyan Chen के अनुसार एसी इस तरह से डिजाइन नहीं हैं कि उनसे कोरोना वायरस छन जाए, बल्कि इसकी तेज हवा में वायरस लगातार एक ही जगह सर्कुलेट होते रहते हैं और संक्रमण का खतरा कई गुना तक बढ़ा देते हैं. नमी वाली जगहें भी कोरोना के फैलने के लिए उपयुक्त माहौल देती हैं. जैसे 40 प्रतिशत नमी वाली जगहों पर पड़े प्लास्टिक या धातु पर COVID-19 वायरस लगभग 15 घंटे बिता सकता है.

वायरस संक्रमित की खांसी, खखार या छींक से निकले वॉटर ड्रॉपलेट के साथ हवा में तैरते हैं
इस तरह टाल सकते हैं इंफेक्शन
वैज्ञानिकों का मानना है कि खिड़कियां खुली रखने पर कोरोना का संक्रमण टाला भी जा सकता है. University of Oregon और University of California के वैज्ञानिकों ने मिलकर ये नतीजे निकाले. इस दौरान SARS-CoV-2 के साथ-साथ सार्स और मर्स बीमारियों को भी देखा गया. इसके नतीजे वैज्ञानिक जर्नल mSystems में छपे थे. इससे पहले हुए शोध में भी पाया गया कि घरों और दफ्तरों, जहां आमतौर पर एसी चलता है या फिर वेंटिलेशन उतना बेहतर नहीं रहता, वहां बैक्टीरिया पनपते रहते हैं.
दिन की रोशनी में भी बैक्टीरिया या किसी भी तरह के वायरस की ग्रोथ कम हो जाती है. माना जा रहा है कि UV डेलाइट पैथोजन के फैलने के लिए अनुकूल वातावरण नहीं है. इस रोशनी में वायरस की सर्वाइवल की दर लगभग आधी हो जाती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक न केवल बाहर की हवा, बल्कि रोशनी के लिए भी लोगों को घरों के परदे और खिड़कियां खुली रखनी चाहिए. इससे वायरस ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह पाते हैं.

हवा में वायरस लगातार एक ही जगह सर्कुलेट होते रहते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ा देते हैं
कितने काम के हैं एयर प्यूरिफायर
आजकल घरों और दफ्तरों में हवा शुद्ध करने के लिए एयर प्यूरिफायर लगाए जाने लगे हैं लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना के मामले में वे भी किसी काम के नहीं हैं. असल में SARS-CoV-2 के वायरस इतने छोटे होते हैं कि उनके लिए कोई भी फिल्टर सिस्टम फिलहाल नाकाफी है. चूंकि हवा एक ही कमरे में लगातार बहती रहती है तो प्यूरिफायर के कारण वायरस के फैलने का ही खतरा बढ़ता है.
स्टडी का दूसरा पहलू भी है
चूंकि स्टडी का विषय रेस्त्रां में फैला इंफेक्शन था, लिहाजा ये अनुमान लगाया जा रहा है कि घरों में जहां बाहर का कोई भी शख्स न हो, खिड़कियां बंद कर थोड़ी देर के लिए एसी चालू करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन एसी बंद करने के बाद ध्यान रखना होगा कि कमरे में नमी न बनी रहे. खिड़कियां और परदे खोलकर पूरा वेंटिलेशन करना जरूरी है वरना कोरोना ही नहीं, किसी भी तरह के वायरस और बैक्टीरिया फैलने के नमी जगह अनुकूल हो सकती है.
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