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20 अप्रैल से दी जाने वाली छूट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने पर ध्यान: गृह मंत्रालय । Concentration to give impetus to rural economy from April 20: Home Ministry | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए बढ़ाए गए लॉकडाउन (Lockdown) पर गृह मंत्रालय द्वारा जारी समेकित संशोधित दिशा-निर्देश के तहत ढील का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) को बढ़ावा देना है.

गृह मंत्रालय (Home Ministry) में अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि बुधवार को घोषित दिशा-निर्देशों (Guidelines) में कुछ गतिविधियों पर दी गयी ढील 20 अप्रैल से लागू होगी और ये केवल उन इलाकों के लिए है जिन्हें ‘हॉटस्पॉट’ (Hotspot) घोषित नहीं किया गया है .

जिन गतिविधियों की दी गई अनुमति, उनका मकसद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाना
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन जब तक लागू है प्रवासी मजदूरों की आवाजाही संभव नहीं है क्योंकि इस अवधि में किसी भी सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) को परिचालन की अनुमति नहीं दी गयी है .मोहन ने कहा कि गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने श्रमिकों के लिए राहत और आश्रय शिविरों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए राज्य आपदा राहत कोष के तहत धन मुहैया कराया है.

उन्होंने कहा कि संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत जिन गतिविधियों को अनुमति दी गयी है, उनका मकसद ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) को प्रोत्साहन देना है.

मनरेगा के दौरान मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन करना होगा अनिवार्य
मोहन ने कहा, ‘‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के मकसद से मनरेगा गतिविधियों को अनुमति दी गयी है. कार्य के दौरान मास्क पहनना होगा और सामाजिक दूरी (Social Distancing) के नियमों का भी पालन करना होगा. मनरेगा के तहत जल संरक्षण और सिंचाई कार्यों की प्राथमिकता होनी चाहिए .’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (Union Territory) को जहां तक संभव हो कृषि में खरीद और विपणन को विकेंद्रित करने को कहा गया है ताकि किसानों को उत्पादों के खरीद और विपणन में कोई परेशानी ना हो.’’

उन्होंने कहा कि ग्रामीण कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के संचालन की अनुमति दी गई है. इससे लोग बिल का भुगतान कर सकेंगे और आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करेंगे.

उर्वरक, कीटनाशक, बीजों के वितरण और खुदरा बिक्री की अनुमति
दिशा-निर्देशों के तहत, कृषि उत्पादों की खरीद के साथ कृषि कार्य, अधिसूचित मंडियों के माध्यम से कृषि विपणन तथा प्रत्यक्ष और विकेन्द्रीकृत विपणन, विनिर्माण, उर्वरकों, कीटनाशकों (Pesticides) तथा बीजों का वितरण तथा इनकी खुदरा बिक्री की अनुमति दी गयी है .

समुद्री और देश के अन्दर मत्स्य पालन (Fisheries) की गतिविधियां, दूध की आपूर्ति श्रृंखला, दुग्ध उत्पाद समेत पशुपालन गतिविधियां, मुर्गी पालन और चाय, कॉफी और रबर के बागानों की गतिविधियां आदि की भी इजाजत दी गयी है.

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