Coronavirus: देश में संक्रमितों की संख्या 12,000 के करीब, सरकार ने 170 जिले हॉटस्पॉट घोषित किए | coronavirus outbreak in india and other countries infected cases death toll on 15th april live updates | nation – News in Hindi
सभी 170 जिलों को हॉटस्पॉट माना गया है जिनमें किसी क्षेत्र में संक्रमण की दर अधिक है या मरीजों की वृद्धि दर दोगुना तक पायी गयी है.
तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Health & Family Welfare Ministry) ने देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की अधिकता वाले 170 हॉटस्पॉट जिलों की पहचान की है.
मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में देश में अब तक सामुदायिक संक्रमण (Community Spread) की स्थिति उत्पन्न होने से इंकार किया. उन्होंने कहा कि किसी क्षेत्र विशेष में संक्रमण के अधिक मामलों को सामुदायिक संक्रमण नहीं माना जा सकता है. उन्होंने कोरोना संकट (Corona Crisis) से निपटने के लिये लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि बढ़ाये जाने के बाद सरकार की आगामी रणनीति का खुलासा करते हुये कि 20 अप्रैल तक देश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमण को रोकने के उपायों का सख्ती से पालन और आंकलन सुनिश्चित किया जायेगा.
तीन वर्गों में बांटे गए जिले
अग्रवाल ने कहा कि संक्रमण के लिहाज से जिलों को तीन वर्गों में बांटा गया है. उन सभी 170 जिलों को हॉटस्पॉट माना गया है जिनमें किसी क्षेत्र में संक्रमण की दर अधिक है या मरीजों की वृद्धि दर दोगुना तक पायी गयी है. इसके अलावा संक्रमण की अपेक्षाकृत कम वृद्धि दर वाले 207 जिलों को संभावित हॉटस्पॉट या नॉन हॉटस्पॉट जिले की श्रेणी में शामिल किया गया है. इन जिलों के अधिकारियों और संबद्ध राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि वे यहां दिशानिर्देशों के मुताबिक संक्रमण को रोकने के सभी उपाय सुनिश्चित करें जिससे इन्हें हॉटस्पॉट बनने से रोका जा सके.अग्रवाल ने बताया कि सभी राज्यों से यह भी कहा गया है कि यदि इस सूची में कोई ऐसा जिला छूट गया है जिसे संबंधित राज्य हॉटस्पाट बनाना चाहता है तो वह उसे दिशानिर्देशों के तहत घोषित कर सकता है. उन्होंने बताया कि तीसरी श्रेणी में संक्रमण से अब तक मुक्त रहे शेष जिलों को रखा गया है. इस श्रेणी के जिलों को ‘ग्रीन जोन’ कहा गया है. अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकारों को इन जिलों में भी लॉकडाउन का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है जिससे ये इलाके पूरी तरह से संक्रमण से मुक्त रहें.
सामुदायिक नहीं क्लस्टर के स्तर पर संक्रमण
अग्रवाल ने देश में सामुदायिक संक्रमण की स्थिति से इंकार करते हुये कहा कि कुछ इलाकों में स्थानीय स्तर पर संक्रमित मरीजों की संख्या 15 से अधिक पायी गयी है. इन इलाकों को पृथक ‘क्लस्टर’ की श्रेणी में रखते हुये स्थानीय प्रशासन से क्लस्टर आधारित संक्रमण मुक्त सघन अभियान चलाने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि क्लस्टर के अलावा जिले के सर्वाधिक संक्रमण प्रभावित इलाकों में मरीजों की शीघ्र पहचान करने के लिये घर घर जाकर सर्वेक्षण करने को कहा गया है. इसके तहत जिले के स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारी घर घर जाकर खांसी, बुखार और सांस की तकलीफ वाले मरीजों की पहचान कर यह सुनिश्चित करेंगे कि इनमें कोरोना वायरस का संक्रमण तो नहीं है.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल से बढ़ाकर तीन मई तक करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये राज्यों में जिला स्तर पर किये जा रहे उपायों की 20 अप्रैल तक प्रत्येक जिले में गहन समीक्षा की जायेगी. समीक्षा में बेहतर काम कर रहे जिलों को 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन से सशर्त छूट मिलेगी.
राज्यों को दिए गए निर्देश
अग्रवाल ने बताया कि दूसरे चरण के अभियान के लिये कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राज्य और जिला स्तरीय अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बुधवार को बैठक हुई. इसमें अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया गया कि गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी दिशानिर्देशों का पालन कैसे सुनिश्चित किया जाना है.
चमगादड़ की दो प्रजातियों में पाया गया कोरोना
संवाददता सम्मेलन में आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने चमगादड़ से कोरोना वायरस फैलने की आशंका के बारे में एक अध्ययन के हवाले से बताया कि भारत के कुछ राज्यों में चमगादड़ की दो प्रजातियों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुयी लेकिन यह मनुष्यों को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित करने में सक्षम नहीं पाया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि चमगादड़ों में पाये गये कोरोना वायरस का कोविड-19 के लिये उत्तरदायी सार्स-सीओवी2 से कोई ताल्लुक नहीं पाया गया है.
गंगाखेड़कर ने कहा कि चमगादड़ से मनुष्य में वायरस के संक्रमण फैलने की घटनाओं की दर एक हजार साल में एकाध बार तक सीमित है. देश में कोरोना के परीक्षण सुविधाओं के विस्तार के सवाल पर उन्होंने बताया कि आईसीएमआर ने अब तक निजी क्षेत्र की 73 प्रयोगशालाओं को मंजूरी दे दी है. इनमें से 22 ने परीक्षण कार्य प्रारंभ भी कर दिया है.
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First published: April 15, 2020, 6:45 AM IST