COVID-19 से होने वाली मौतों की दर भारत में कम लेकिन इन 2 राज्यों के आंकड़े बिल्कुल उलट । Covid-19 Body Count: Indias Low Mortality Rate and the Contrasting Pictures of Two States | nation – News in Hindi
14 अप्रैल, 2020 को नई दिल्ली के एक कब्रिस्तान में सुरक्षात्मक कपड़े पहनकर एक बुजुर्ग को दफनाते रिश्तेदार (रॉयटर्स/दानिश सिद्दकी)
भारत खुद को अन्य कई देशों (other countries) के मुकाबले अच्छी स्थिति में पा रहा है लेकिन अलग-अलग राज्यों (different states) में मृत्युदर (mortality rate) में बड़े स्तर पर अंतर देखा गया है.
नई दिल्ली. जबकि भारत में कोविड-19 (Covid-19) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन एक सकारात्मक आंकड़ा भी हो जो इस दौरान जारी अस्त-व्यस्तता और चिंता के दौर में अनदेखा रह गया है. देश में मृत्यु दर (मौतें/मामले) अब भी दुनिया के सबसे कम प्रतिशत वाले देशों में से हैं. खासकर तब जब हम इसकी तुलना इस महामारी (Pandemic) की चपेट में आए अन्य देशों से करें.
मौतों की दर (Mortality Rate) अब तक एक अनुपात का एक महत्वपूर्ण जरिया रहा है क्योंकि यह जीवन के वास्तविक नुकसान को मापता है. हालांकि इसके पीछे भारत पर पर्याप्त परीक्षण (enough testing) न करने के आरोप भी लगाया गया हैं लेकिन मीडिया और सोशल मीडिया Social Media) की आसान उपलब्धता के दौर में यह असंभव लगता है.
भारत में टेस्ट/मौत की दर 10 हजार से ज्यादा मामले वाले 22 देशों में चौथी सबसे अच्छी22 ऐसे देश जहां, 10 हजार से ज्यादा मामले हैं, भारत की मृत्यु दर 14वें नंबर पर है. अगर हम देश को अलग-अलग क्लस्टर में बांट दें तो हम देखते हैं कि भारत 6 से 8 क्लस्टर में आयरलैंड, पुर्तगाल और कनाडा (Canada) के साथ खड़ा होगा.
भारत में अभी तक करीब 29 मामलों पर 1 मौत हुई है. इटली और ब्रिटेन जैसे देशों के लिए यह आंकड़ा 8 मामलों पर 1 मौत रहा है. भारत में टेस्ट/मौत का आंकड़ा भी 576 रहा है जो बेहतर है. यह ऐसे 22 देशों में चौथा सबसे अच्छा है. इस मामले में भारत से आगे सिर्फ रूस, दक्षिण कोरिया (South Korea) और इजरायल ही हैं.
हालांकि फिर भी ध्यान से अध्ययन करें तो भारत के अंदर ही अलग-अलग क्षेत्रों और राज्यों में बहुत अधिक अंतर देखने को मिला है.
भारत में केरल में रही है सबसे कम मृत्यु दर
केरल अभी तक भारत में मॉडल उदाहरण रहा है. राज्य न केवल (Kerala) संक्रमित मामलों को काबू में लाने में सफल रहा है बल्कि यहां पर मृत्यु दर भी सिर्फ 0.53% (अगर भारत के कम से कम 1 मौत वाले सभी राज्यों की गिनती करें तो) ही रही है. कासरगोड जिले के एक सुपर स्प्रेडर के तौर पर सामने आने और केरल के कुल मामलों से 40% सिर्फ यहां से सामने आने के बाद भी केरल में अब तक सिर्फ 2 ही मौतें हुई हैं.
केरल में ही कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था. 30 मार्च को केरल में देश में सबसे ज्यादा 202 कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले थे. लेकिन उसके बाद से 12 से 13 नए मामले प्रतिदिन की दर से सिर्फ 176 मामले सामने आए. केरल ने तेजी से एक्शन लिया और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेशन और सर्विलांस के कदम अच्छे से उठाए जिसका उसे फायदा मिला.
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे खराब रही है मृत्यु दर
भारत में ही तस्वीर बहुत विषम तब हो जाती है जब कोई मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का अध्ययन करता है. 614 मामलों के साथ यहां कम से कम 50 मामले वाले राज्यों में सबसे खराब मृत्यु दर 8.14 रही है. मध्य भारत की स्थिति कोविड-19 मामलों को लेकर गंभीर रही है.
महाराष्ट्र (Maharashtra) में भारत में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. यहां दूसरे सबसे अधिक मामले वाले राज्य दिल्ली से करीब 1000 मामले ज्यादा हैं. जबकि दिल्ली के 70 फीसदी मामलों का सीधा या दूसरी तरह से तबलीगी जमात से संबंध है. मुंबई में 6.52% की मृत्यु दर ने वहां प्रशासन को चिंता में डाल दिया है. हालांकि मुंबई में अब तक जितनी मौतें हुई हैं, उनमें से 85% लोगों को डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियां रही हैं.
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First published: April 15, 2020, 8:59 PM IST