देश दुनिया

क्या कोरोना वायरस के खात्मे के लिए आधे देश को होना होगा संक्रमित? | Know why half of the India need to be infected to curb corona virus cases bhvs | knowledge – News in Hindi

आंकड़े कह रहे हैं कि कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. बीते 48 घंटों के दौरान सोमवार और मंगलवार को एक हज़ार से ज़्यादा नये मामले (New Cases) सामने आए. ऐसे में, देश में लॉकडाउन (Lockdown Extension) की समय सीमा 3 अप्रैल तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की घोषणा के बाद यह सवाल किया जा रहा है कि और 19 दिनों के लिए लॉकडाउन को क्यों बढ़ाया गया और इससे क्या फायदा होगा.

मेडिकल विशेषज्ञों (Medical Experts) की मानें तो लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ने से देश को उस स्थिति के लिए तैयारी का वक्त मिलेगा, ‘जो पेश आनी ही है’. विशेषज्ञ भविष्य के बारे में कह रहे हैं कि कोविड 19 (Covid 19) संक्रमण के मामले तब तक बढ़ेंगे, जब तक आधी जनता को संक्रमण नहीं हो जाता और इसके बाद सामूहिक इम्यूनिटी (Herd Immunity) के ज़रिये सबकी रक्षा होगी. इस कॉंसेप्ट को विस्तार से समझने के साथ ही जा​नें कि बढ़े लॉकडाउन से क्या लाभ संभावित है.

लॉकडाउन से मिलेगा तैयारी का समय
विशेष केयर सुविधाओं, लगातार आने वाले मरीज़ों के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की तैयारी जैसे अस्पतालों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के साथ ही लॉकडाउन के बाद भी महीनों तक सोशल डिस्टेंसिंग का अनुशासन फॉलो करने की तैयारी के लिए बढ़ाई गई समय सीमा मददगार होगी. विशेषज्ञों के हवाले से टेलिग्राफ ने रिपोर्ट में लिखा है कि लॉकडाउन के चलते संक्रमण का प्रसार धीमा तो होगा, लेकिन इससे वायरस खत्म नहीं होगा.समय के साथ बढ़ेंगे कोविड 19 के केस
विशेषज्ञों ने माना है कि आने वाले हफ्तों में कोरोना वायरस जनित रोगों के मामले और बढ़ेंगे. वेल्लूर के एक मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजिस्ट जैकब जॉन के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘यह वायरस अपने आप मर जाएगा, ऐसा नहीं होने वाला.’ जॉन व अन्य विशेषज्ञ मान रहे हैं चूंकि देश की ज़्यादातर जनता इस वायरस के लिए इम्यून नहीं है, इसलिए आबादी का बड़ा हिस्सा संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील है.

corona virus update, covid 19 update, why lockdown extended, lockdown benefit, corona virus treatment, कोरोना वायरस अपडेट, कोविड 19 अपडेट, लॉकडाउन क्यों बढ़ा, लॉकडाउन का फायदा, कोरोना वायरस इलाज

न्यूज़18 क्रिएटिव

क्यों आधे देश को होना पड़ेगा संक्रमित?
वेल्लूर के एक मेडिकल कॉलेज में महामारी विशेषज्ञ जयप्रकाश मुलियिल के हवाले से रिपोर्ट कहती है कि ‘जो होना है, वह तो होगा ही. हमें झेलना होगा. अस्ल में, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग से संक्रमण की गति को किसी हद तक काबू किया जा सकता है, लेकिन अंतत:, देश की करीब-करीब 60 फीसदी आबादी जब तक संक्रमित नहीं होगी, तब तक कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म नहीं किया जा सकेगा. क्योंकि इसी स्थिति में ‘हर्ड इम्यूनिटी’ विकसित होगी.’

क्या होती है सामूहिक इम्यूनिटी?
सामूहिक या ​हर्ड इम्यूनिटी का मतलब उस स्थिति से है, जब आबादी का एक बड़ा हिस्सा किसी संक्रमण के लिए प्रतिरक्षा तंत्र की भूमिका में आता है. चाहे पिछले संक्रमण के कारण ऐसा हो या किसी टीकाकरण के कारण. इससे यह आबादी उन लोगों के लिए एक प्रतिरक्षा तंत्र बनाती है, जो संक्रमण के लिए इम्यून नहीं हैं. हर वायरस के मामले में इस हर्ड इम्यूनिटी का प्रतिशत अलग होता है और विशेषज्ञ कोरोना वायरस के लिए देश की तकरीबन 60 फीसदी आबादी को वह प्रतिशत मान रहे हैं, जिससे हर्ड इम्यूनिटी विकसित होगी.

लॉकडाउन से कैसे टूटेगी चेन?
हर्ड इम्यूनिटी के कॉंसेप्ट के अलावा, सरकारी अधिकारियों के हवाले से द हिंदू की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए ज़रूरी है, इसलिए समय सीमा बढ़ाई गई है. हॉटस्पॉट्स को संरक्षित किया जाएगा और लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग से संभव है कि वायरस नये इलाकों में न फैले.

क्या हर्ड इम्यूनिटी ही है आखिरी उपाय?
पहले बताए गए विशेषज्ञ आंकड़े के मुताबिक करीब आधी दुनिया को संक्रमित होना पड़ेगा, तब कहीं जाकर दुनिया से कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म किया जा सकेगा! लेकिन क्या यही आखिरी रास्ता है? अस्ल में, भारत समेत दुनिया भर में इस वायरस के लिए टीका विकसित करने पर शोध जारी हैं.

corona virus update, covid 19 update, why lockdown extended, lockdown benefit, corona virus treatment, कोरोना वायरस अपडेट, कोविड 19 अपडेट, लॉकडाउन क्यों बढ़ा, लॉकडाउन का फायदा, कोरोना वायरस इलाज

न्यूज़18 क्रिएटिव

एक से डेढ़ साल का समय टीका आने में लगने के कयास हैं, अगर इससे पहले टीका आ सका, तो अलग बात है लेकिन डेढ़ साल में आधी दुनिया से ज़्यादा आबादी संक्रमित हो सकती है. टेलिग्राफ की रिपोर्ट में विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर देश में वायरस ‘अनचेक्ड ढंग से फैले’ तो सिर्फ तीन महीने में देश की 60 फीसदी आबादी संक्रमित हो सकती है.

यानी मुश्किल होगी स्वास्थ्य सुरक्षा की स्थिति?
फिलहाल हालात ये हैं कि कोविड 19 के 80 फीसदी मरीज़ों में हल्के लक्षण और करीब 20 ​फीसदी को अस्पतालों में देखभाल की ज़रूरत पेश है. 5 फीसदी को विशेष देखभाल की, लेकिन देश की बड़ी आबादी के मद्देनज़र अगर वायरस तेज़ी से फैला, तो देश के अस्पतालों और स्वास्थ्य सुरक्षा सिस्टम के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी.

ये भी पढ़ें :-

कोविड 19: क्यों किसी मतलब की नहीं रही डब्ल्यूएचओ की ‘कम्युनिटी स्प्रेड’ श्रेणी?

क्या सच में चीन ने सेंसर की कोरोना से जुड़ी रिसर्च? कितना जायज़ है अमेरिका का गुस्सा?



Source link

Related Articles

Back to top button