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IMD आज जारी करेगा इस साल के पहले मानसून का पूर्वानुमान, तारीखों में हो सकता है बदलाव | imd to release first monsoon for the year forecast today may revise dates | nation – News in Hindi

देश में कब आएगा मानसून, IMD आज जारी करेगा पूर्वानुमान

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महीने का दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल से शुरू होता है.

भारत में मानसून सीजन (Monsoon) 1 जून से 30 सितंबर तक होता है. हालांकि, इस पैटर्न में बदलाव देखा जा रहा है. यही वजह है कि भारतीय मौसम विभाग कुछ राज्यों में मानसून आने की तारीखों में बदलाव पर विचार कर रहा है.

नई दिल्ली. भारतीय मौसम विभाग (IMD) बुधवार को इस साल के पहले दक्षिण-पश्चिम मानसून (Monsoon) का पूर्वानुमान जारी करने जा रहा है. चार महीने का दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल से शुरू होता है. ये कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश में सालाना हो वाली बारिश का 75% इसी मानसून से होती है. दक्षिण-पश्चिम मानसून को लेकर आज जारी होने वाला IMD का अनुमान खरीफ की फसल जैसे धान, मोटे अनाज, दालें और तिलहन बोने के लिए भी अहम है.

दरअसल, भारत में मानसून सीजन 1 जून से 30 सितंबर तक होता है. हालांकि, इस पैटर्न में बदलाव देखा जा रहा है. देश के ज्यादातर हिस्सों में यह 15 जून तक ही सक्रिय हो पाता है. यही वजह है कि भारतीय मौसम विभाग कुछ राज्यों की संभावित मानसून तारीखों में बदलाव पर विचार कर रहा है.

मौसम संबंधी जानकारी देने वाली अमेरिकी कंपनी ‘वेदर’ के मुताबिक, इस बार मानसून 30 मई तक केरल के तट से टकराएगा. अल नीनो की बजाए ला नीना की स्थितियां बनेंगी. लगातार दूसरी साल सामान्य से ज्यादा बारिश होगी.

IMD ने 15 अप्रैल, 2019 को मानसून 2019 का अपना पूर्वानुमान जारी किया था. मौसम विभाग ने दीर्घावधि औसत की तुलना में 96% मानसून वर्षा की संभावना जताई थी. इसमें 5% का एरर मार्जिन भी रखा गया था. 4 महीनों के मानसून सीजन में औसतन 887 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन पिछले साल इतनी बारिश नहीं हुई.बता दें कि भारतीय मौसम विभाग जून से सितंबर के बीच होने वाली मानसून वर्षा का पूर्वानुमान दो चरणों में जारी करता है. पहला पूर्वानुमान अप्रैल में जबकि दूसरा अनुमान जून में जारी किया जाता है. मौसम विभाग, मानसून पूर्वानुमान जारी करने के लिए स्टैटिसटिकल एंसेंबल कास्टिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है.

साल 2012 से भारतीय मौसम विभाग ने डायनेमिकल ग्लोबल क्लाइमेट फोरकास्टिंग सिस्टम यानी सीएफएस का भी इस्तेमाल शुरू किया, जिसे मानसून मिशन के अंतर्गत मानसून का पूर्वानुमान जारी करने के लिए तैयार किया गया है.

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First published: April 15, 2020, 7:22 AM IST



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