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India gave 15 million PPE orders to China amid complaints from European countries for cure of covid19 india | यूरोपीय देशों से मिल रही शिकायतों के बीच भारत ने चीन को दिये डेढ़ करोड़ पीपीई के ऑर्डर | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. देश भर में कोरोना वायरस (Coronavirus)का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण पीपीई की जरूरत को पूरा करने के लिए भारत ने चीन का रुख किया है. भारत ने चीन को डेढ़ करोड़ पीपीई के ऑर्डर दिए हैं. इसमें गाउन, मास्क, दस्ताने और चश्मे शामिल है. इससे पहले भारत चीन से 1.5 मिलियन टेस्टिंग किट खरीद रहा है जिसमे से कुछ को पहले डिलीवर किया जा चुका है.

चीन के भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने मंगलवार को बीजिंग से एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में यह खुलासा किया. इसका मतलब है कि डॉक्टरों द्वारा अस्पतालों में पीपीई की कमी की शिकायत से के बीच भारत पीपीई के लिए चीन पर निर्भर है.

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार का आंकलन है कि देश को अगले दो महीनों में लगभग डेढ़ करोड़ पीपीई और 16 लाख टेस्टिंग किट की आवश्यकता होगी. अधिकारियों के समूह ने 3 अप्रैल को ‘निजी क्षेत्र, गैर सरकारी संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय’ पर बैठक के दौरान उद्योग प्रतिनिधियों को यह जानकारी दी गई, जिसका नेतृत्व नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत कर रहे थे.

परीक्षण किट खरीद और उत्पादन जारीभारत की ओर से चीन को यह ऑर्डर ऐसे समय में दिया गया है जब चीन द्वारा यूरोपीय देशों में की गई सप्लाई को कम गुणवत्ता वाला बताया जा रहा है. शिकायतें आने के बाज चीन ने 11 श्रेणियों के चिकित्सा उत्पादों के निर्यात पर गुणवत्ता जांच की, जिसमें मास्क, सुरक्षात्मक सूट, काले चश्मे और वेंटिलेटर शामिल हैं.

चीन में भारत के राजदूत ने यह भी कहा कि दोनों देश फार्मास्युटिकल, विशेष रूप से सक्रिय दवा संकेतक (एपीआई) पर सहयोग कर सकते हैं. ये उपकरण भारत सरकार और निजी कंपनियों द्वारा चीनी कंपनियों से खरीदे जा रहे हैं. बीजिंग में भारतीय दूतावास खरीद की सुविधा प्रदान कर रहा है. अधिकारियों ने कहा कि चीन ने पहले 1,70,000 पीपीई कवर डोनेट किए थे. चीन से 5,00,000 से अधिक परीक्षण किट पहले ही विभिन्न संस्थाओं को वितरित किए जा चुके हैं, जबकि 1 से 1.5 मिलियन परीक्षण किट खरीद और उत्पादन जारी है.

राजदूत ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिये देश में अस्पताल सुविधाओं को विस्तार देने के प्रयास के तहत भारत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से कई तरह के चिकित्सा उपकरण खरीद रहा है. मिस्री ने कहा, ‘भारत में इस वक्त पीपीई और किट्स, मास्क, दस्तानों, वेंटिलेटर आदि जैसे चिकित्सा उपकरणों की आवश्यकता है और चीन इन सामानों का बड़ा व महत्वपूर्ण उत्पादक है.’ उन्होंने कहा कि चीन से डेढ़ करोड़ चिकित्सा किट खरीदने के लिये ऑर्डर दिये जा रहे हैं.

भारत-चीन संबंधों के बारे में सर्वश्रेष्ठ संकेत देने का सबसे अच्छा जरिया
मिस्री ने कहा कि भारत की योजना 30 लाख कोविड-19 जांच किट खरीदने की भी है जिनमें से आधे की आपूर्ति पहले ही हो चुकी है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि समयबद्ध तरीके व सुचारूपूर्ण रूप से स्थिर कीमत पर अनुमानित समय-सीमा में हमारी जरूरतों और आवश्यकताओं को पूरा करना ही भारत-चीन संबंधों के बारे में सर्वश्रेष्ठ संकेत देने का सबसे अच्छा जरिया होगा.’

मिस्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य एक करोड़ 70 लाख पीपीई किट के उत्पादन और ‘दसियों हजार वेंटिलेटर’ हासिल करने की है. मिस्री ने कहा, ‘यह सुचारू तरीके से सहयोग का अवसर भी देता है. हम आपूर्तिकर्ताओं की पहचान कर समझौता कर रहे हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि गुणवत्तायुक्त सामग्री उचित और स्थिर दाम पर लगातार उपलब्ध होती रहे और हम माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये व्यवस्था तैयार कर सकें (जो कोरोना वायरस के शुरुआती प्रभाव के कारण बाधित है).’

राजदूत ने कहा, ‘चीन जब इस बीमारी से सबसे बुरी तरह जूझ रहा था, हमने चिकित्सा सहायता की पेशकश की थी और उपलब्ध भी कराई थी.’ भारत ने 15 टन चिकित्सा आपूर्ति चीन भेजी थी.



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