PM के संबोधन पर बोले चिदंबरम- धन है, भोजन है पर सरकार देगी नहीं! रोओ, मेरे देश Cry My Beloved Country P Chidambaram On PMs Lockdown Extension | nation – News in Hindi
चिदंबरम ने कहा मुख्यमंत्रियों द्वारा मांगी गई सहायता का कोई जवाब नहीं मिला.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने कहा कि गरीबों को 21+19 दिन यानी 40 दिन तक अपना इंतजाम खुद करने के लिए छोड़ दिया गया है. पी चिदंबरम ने कहा कि देश लॉकडाउन (Lockdown) को बढ़ाने की जरूरत को समझता है.
चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा कि-
मुख्यमंत्रियों द्वारा मांगी गई सहायता का कोई जवाब नहीं मिला. 25 मार्च, 2020 के दयनीय पैकेज में एक रुपया नहीं जोड़ा गया है.आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी, ज्यां द्रेज और प्रभात पटनायक के सुझावों को नजरअंदाज किया गया है. गरीबों को 40 दिन के लिए अपना इंतजाम खुद करने के लिए छोड़ दिया गया है. धन है, भोजन है लेकिन सरकार न तो पैसा जारी करेगी न ही भोजन.
रोओ मेरे प्यारे देश.
We reciprocate the PM’s New Year greetings. We understand the compulsion for extending the lockdown. We support the decision
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 14, 2020
पहले भी उठाए थे सवाल
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि राज्य सरकारों को केंद्र से थोड़ी सी ही रकम मिली है और वे त्वरित जांच उपकरण खरीदने में बाधाओं का सामना कर रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ट्विटर पर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की जमीनी रिपोर्ट देते हुए कहा, “राज्यों को केंद्र से बहुत कम पैसा मिला है: दिसंबर-जनवरी के लिए जीएसटी मुआवजा; राज्य आपदा राहत कोष की पहली किस्त; और 15,000 करोड़ रुपये के मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का एक हिस्सा.”
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, “त्वरित जांच उपकरण की खरीद में बाधा का सामना करना पड़ रहा है. बैंक शाखाएं खुली हैं, एलआईसी के कई कार्यालय बंद हैं. बैंकों ने मध्यम श्रेणी के परिवारों को आभूषण ऋण देना बंद कर दिया है.”
कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रशासनिक विकेंद्रीकरण के लिए और सरकारी खर्च को पुनर्व्यवस्थित करने के लिए एक नई राजनीतिक आम सहमति बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “बड़े झटके बुनियादी सवाल उठाते हैं. जिन पर ध्यान देने की जरूरत है वह है, प्रशासनिक एवं वित्तीय प्राधिकार का विकेंद्रीकरण. सरकारी खर्च को पूरी तरह से पुनर्व्यवस्थित करना और लोक सेवा आपूर्ति में बड़ा सुधार.” उन्होंने ट्वीट किया, “लेकिन इन सभी के लिए नई राजनीतिक आम सहमति की जरूरत है.”
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First published: April 14, 2020, 7:30 PM IST