Coronation war Gehlot governments big decision parole period of prisoners on parole will increase nodakm RJPM | कोरोना से जंग: गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, पैरोल पर चल रहे कैदियों की बढ़ेगी पैरोल अवधि | jaipur – News in Hindi
जेलों में भीड़भाड़ कम करने के मकसद से 219 कैदी रिहा.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देशों की पालना के तहत उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र सरकार ने भी सामान्य श्रेणी अपराध के कैदियों को पैरोल (Parole) पर रिहा कर दिया है.
गृह विभाग ने किया था नियमों में संशोधन
हाल ही में राज्य के गृह विभाग ने नियमों में बदलाव किया था. जिसके चलते कैदियों का जेलों से रिहा होने का रास्ता साफ हो गया था. गृह विभाग ने राजस्थान प्रिजनर्स रिलीव ऑन पैरोल (अमेंडमेंट) रूल्स में संशोधन किया है. 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए राज्यों को कुछ कैदियों को पैरोल पर छोड़ने के लिए विचार करने को कहा था. देश की शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य 7 वर्ष से कम सजा पाए कैदी और अंडर ट्रायल कैदियों को पैरोल रिहा कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना के तहत राज्य सरकार ने डीजी जेल एनआरके रेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था.
सरकार के निर्णय से जेलों में होगी भीड़भाड़ कमजेलों में कोरोनावायरस का संक्रमण न फैले इसके लिए कैदियों को रिहा किया जाएगा. इसमें वह कैदी भी शामिल है, जो पहली बार जेल में आए हैं और उनका व्यवहार ठीक रहा है. गहलोत सरकार जिलों में भीड़भाड़ कम करने के मकसद से यह कदम उठाया है. ताकि जानलेवा कोरोनावायरस जेलों में न फैल सके.
हार्डकोर अपराधी नहीं छोड़े जाएंगे
गृह विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सामान्य श्रेणी के कैदी रिहा किये जायेंगे. पॉक्सो एक्ट, मनी लॉन्ड्रिंग, आर्थिक अपराध,एसिड अटैक, दुष्कर्म, डकैती, हत्या, यौन अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी, राष्ट्र विरोधी और अवांछित गतिविधियों में सजा काट रहे कैदियों को रिहा नहीं किया जाएगा.
हरियाणा, महाराष्ट्र सरकार ने भी कर चुकी है कैदी रिहा
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना के तहत उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र सरकार ने भी सामान्य श्रेणी अपराध के कैदियों को पैरोल पर रिहा कर दिया है. उत्तर प्रदेश में 11000 कैदी पैरोल पर रिहा किए हैं. जबकि पंजाब सरकार ने 5800 कैदी रिहा किए हैं. तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी सामान्य श्रेणी अपराधी कैदियों को रिहा कर दिया है. दरअसल यह सारी कवायद इसलिए की जा रही है कि कोरोनावायरस का संक्रमण जेलों में ना फैले. जेलों में कैदियों की भीड़ कम हो ताकि कोरोनावायरस से बचा जा सके.
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First published: April 14, 2020, 8:41 PM IST