Lockdown तक इलाहाबाद HC ने मुकदमों के दाखिले और सुनवाई की प्रकिया में किये ये अहम संशोधन-Till lockdown Allahabad High court made these important amendments in the process of e filing and trial of cases uttar pradesh upsd upas | allahabad – News in Hindi


इलाहाबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
संशोधन के अनुसार अब याचिका (Petition) दाखिल करने वाले व्यक्ति को हलफनामे की जगह घोषणा पत्र (डिक्लेरेशन) देना होगा कि उसके द्वारा दी गई सूचनाएं सही हैं. इसी प्रकार से सिविल के मुकदमों में अर्जेंसी एप्लीकेशन के साथ ही इस बात के भी अर्जी देनी होगी कि नोटरी शपथपत्र न दाखिल कर पाने की क्या विवशता है?
ये हैं अहम बदलाव
अब याचिका दाखिल करने वाले व्यक्ति को हलफनामे की जगह घोषणा पत्र (डिक्लेरेशन) देना होगा कि उसके द्वारा दी गई सूचनाएं सही हैं. इसी प्रकार से सिविल के मुकदमों में अर्जेंसी एप्लीकेशन के साथ ही इस बात के भी अर्जी देनी होगी कि नोटरी शपथपत्र न दाखिल कर पाने की क्या विवशता है? इसी प्रकार से हाईकोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान अधिवक्ता के उपस्थित न होने पर एकतरफा आदेश पारित करने के नियम पर भी रोक लगा दी है.
लॉक डाउन खत्म होने तक दोनों व्यवस्थाएं चलेंगीयह दोनों व्यवस्थाएं लॉक डाउन खत्म होने तक के लिए हैं. शर्त यह है कि लॉक डाउन खत्म होने के 15 दिन के भीतर नोटरी शपथपत्र की हार्डकॉपी अदालत में जमा करनी होगी. ऐसा नहीं करने पर मुकदमा स्वतः खारिज हो जाएगा और उसमें दिया गया अंतरिम आदेश वापस हो जाएगा.
दरअसल हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इ-फाइलिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग सुनवाई को लेकर आपत्ति की थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने वार्ता के लिए बार प्रतिनिधियों को बुलाया था. वार्ता में प्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई आपत्तियों का समाधान कर दिया गया है. हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडे का कहना है कि हाईकोर्ट ने सहृदयता दिखाते हुए बार की मांगों को स्वीकार किया है, जिसके लिए सभी अधिवक्ता आभारी हैं.
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First published: April 14, 2020, 10:46 PM IST