रेलवे ने बीएसपी से वसूला 50 लाख रूपये डेमरेज चार्ज
बीएसपी ने समय पर नही किया वैगन खार्ली
भिलाई इस्पात संयंत्र को भारी पड़ी लेटलतीफी
बीएसपी में अब दिखने लगा मेनपॉवर का असर
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में अब मेन पॉवर की कमी दिखने लगी है। अब इसका असर उत्पादन पर पडऩे लगा है, लेकिन भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारी इससे हमेशा नकारते रहे। आज यहां मेन पॉवर की कमी का ही नतीजा है कि समय पर वैगन खाली नही होने से रेलवे ने भिलाई इस्पात संयंत्र से 50 लाख रूपये डैमरेज चार्ज वसूला है। आपको बता दें कि कोक ओवन एंव कोल केमिकल विभाग के कोल प्रिपरेशन प्लांट दो का एक्सपांशन यूनिट कंपनी को चपत लगती रही है। यहां मैन पॉवर का टोटा है। यहां पर जहां पहले 45 कर्मचारी कार्य कर रहे थे वहां अब महज 25 कर्मचारी ही कार्य कर रहे है। जिसके कारण यहां समय पर कार्य पूरा नही हो पा रहा है। मशीन ऑपरेट करने वाले हाथ कम हो रहे हैं। फिलहाल रेलवे ने बीएसपी से 50 लाख रुपये का डैमरेज चार्ज लिया है। यह आगे और भी बढ़ सकता है।
बीएसपी में मशीनों को ऑपरेट करने वालों की कमी को दूर करने के लिए यहां से लेकर दिल्ली तक कवायद चल रही है। साप्ताहिक अवकाश मिलने में भी दिक्कत होने और रोज रोज ओवर टाईम करने से यहां के कर्मचारी काम किसी दिन बंद करने के मूड में आ गए हैं। विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि यहां एक्सपांसन यूनिट की ये स्थिति है कि मशीनों को इन्सटॉल करने वाले 46 माह तक आपरेट करते रहे, इसके बाद भिलाई इस्पात संयंत्र को यहां नये कर्मचारियों को तैनात किया जाना था लेकिन प्रबंधन ने ऐसा नही किया। यहां एक स्टेकर का ेऑपरेट करने के लिए तीन और टिप्पलर को चलाने के लिए पांच से छ: वर्करों की आवश्यकता होती है। इसके बावजूद भी प्रबंधन ने नई भर्ती करने से इनकार कर दिया है।
रेलवे ऐसे जोड़ती हैं डैमरेज चार्ज
प्रतिदिन लगभग दो सौ पचास से अधिक वैगन को खाली करना पड़ता है। वैगन से समय पर कोयला नहीं निकालने के कारण रेलवे का दबाव पड़ता है। मैनपॉवर के अभाव में देरी होती है और निर्धारित समय पर रेलवे को वैगन हैंडओवर नहीं किया जाता जिसके कारण रेलवे प्रति वैगन प्रति घंटे के हिसाब से 8 सौ रूपये डैमरेज चार्ज जोड़ती है और भिलाई स्टील प्लांट से फाइन वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर देता है। यहां मेन पॉवर पर्याप्त रहने से पहले डैमरेज की नौबत नहीं थी। चौबीस घंटे पहले ही रेलवे को वैगन हैंडओवर कर दिया जाता था लेकिन अब मेन पॉवर की कमी के कारण ऐसी नौबत आ गई है।
प्रतिदिन होता है ढाई सौ वैगन अनलोडिंग
भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों ने बताया कि रोज 250 वैगन अनलोडिंग किया जाता है। पहले यहां 45 मैनपॉवर थे, उस वक्त मांग कम थी। पहले ढाई मिलियन टन उत्पादन क्षमता थी, आज सात एमटी है। ब्लास्ट फर्नेस-8, एसएमएस-3, कोक ओवन बैटरी-11 से खपत और बढ़ती गई। लेकिन एक्सपांशन यूनिट में मैनपॉवर नहीं बढ़े। स्थानीय प्रबंधन से कई बार मांग की गई लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है। अधिकारियां का स्पष्ट जवाब है कि दिल्ली तक उनकी बात हो चुकी है, वहां से सीधा जवाब मिला है कि मैन पॉवर और नही मिलने वाला है जितने है, उसी में काम चलाओं। पहले से ही अधिक मैन पॉवर है, इसलिए कोई नई भर्ती नही होगी।
कोक ओवन एवं कोल केमिकल्स विभाग के कोल प्रिपरेशन प्लांट-2 के टिप्पलर-7 में स्थिति बिगड़ती जा रही है। वैगन टिप्प्लर-1, 2, 3 पुराने हैं। एक्सपांशन में वैगन टिप्प्लर-7 और स्टेकर-3, 4, 5,6,7 का उत्पादन भी जारी है।
क्या होता है टिप्पलर और स्टेकर
वैगन टिप्लर- कोल वैगन को अनलोडिंग टिप्पलर से करते हैं। स्टॉक यार्ड में कोल को स्टॉक करते समय इसका इस्तेमाल होता है।
कम मैनपॉवर के कारण लगा 50 लाख तक का चपत
मेन पॉवर नही बढने से आगे भी लगता रहेगा
काम का अधिक दबाव होने के कारण वैगन खाली नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण पिछले महीने 50 लाख रुपये डैमरेज बीएसपी ने रेलवे को दिया है। मैनपॉवर बचाने के फेर में आर्थिक नुकसान को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रबंधन इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए- शेखर शर्मा, प्रभारी कोक ओवन-इंटक भिलाई स्टील प्लांट