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जबलपुर : पूरे परिवार ने इस तरह दी कोरोना को मात, बेटी भी स्वस्थ्य होकर लौटी-Jabalpur – story of Corona fighters | jabalpur – News in Hindi

जबलपुर : कोरोना को मात देकर घर लौटे मम्मी-पापा और बेटी

जबलपुर : कोरोना फाइटर्स की कहानी

इन कोरोना फाइटर्स ने अपने विश्वास को कायम रखा और फिर कोरोना को मात देकर मौत के मुॅह से निकल आए हैं. उनका कहना है भगवान के रूप में दिन रात डयूटी कर रहे डाॅक्टर्स ही इस लड़ाई के असल योद्धा हैं.

जबलपुर. मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) को कोरोना के मैप पर लाने वाले शहर जबलपुर में जिस ढ़ंग से इस बीमारी ने दस्तक दी उसी तेजी के साथ इसे रोकने में इसे सबसे बेहतर शहर भी माना जा रहा है. जबलपुर में अब तक 10 कोरोना पाॅजिटिव मरीज़ सामने आए हैं जिनमे से 5 मरीज़ स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट गए हैं.

सबसे पहले 5 अप्रैल को 3 कोरोना पाॅजिटिव मरीज़ जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए थे. इनमे दुबई यात्रा करके लौटे मुकेश अग्रवाल, उनकी पत्नी सुनीता अग्रवाल और जर्मनी से लौटे उपनिशद शर्मा शामिल थे. डिस्चार्ज होने के बाद सभी ने डाॅक्टर्स का धन्यवाद दिया और लोगों से घरों में रहकर लाॅक डाउन का पालन करने की अपील की थी.
कोरोना फाइटर्स ने साझा किए अनुभव
कोरोना फाइटर उपनिषद का कहना है वह जब जबलपुर पहुंचे तब उनकी तबियत खराब हुई. उसके बाद उन्होंने खुद स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया और फिर जांच करवाई. कोरोना जांच में रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद वह अस्पताल में भर्ती हुए और अब ठीक होकर घर वापस लौट रहे हैं. अब उन्हें अच्छा फील हो रहा है. घर लौटने के बाद उपनिषद अपनी किताबों को पलटकर वापस पुरानी ज़िंदगी की ओर लौट रहे हैं. इस बीच उन्हें सिर्फ एक बार सबसे ज्यादा डर लगा जब उनकी माॅ पर इस संक्रमण के फैलने का खतरा था. लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली.उपनिषद के साथ मुकेश अग्रवाल और उनकी पत्नी की रिपोर्ट भी निगेटिव निकली. उसके बाद उन्हें भी घर भेज दिया गया. डिस्चार्ज होने के बाद अब उन्हें अपनी बेटी की चिंता सता रही थी क्योंकि वो भर्ती  थी.  मुकेश और सुनीता की ये चिंता भी जल्द दूर हो गई और उनकी बेटी पलक भी स्वस्थ्य होकर अब घर जा चुकी है. अस्पताल से निकलते हुए पलक ने विक्टरी का साइन दिखाया और पूरे अस्पताल के स्टाफ का धन्यवाद अदा किया.  पलक का कहना है अस्पताल के स्टाफ और सुविधाओं को देख वो सरप्राइज थीं.
कोरोना से लड़ने का जज्बा भारतीयो में सबसे अच्छा है.बेशक ये महामारी वैश्विक है लेकिन इससे लड़ने का ज़ज्बा भारतीयों से बेहतर और किसी में नहीं है.

रियल हीरो

इन कोरोना फाइटर्स ने अपने विश्वास को कायम रखा और फिर कोरोना को मात देकर मौत के मुॅह से निकल आए हैं. उनका कहना है भगवान के रूप में दिन रात डयूटी कर रहे डाॅक्टर्स ही इस लड़ाई के असल योद्धा हैं.

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First published: April 12, 2020, 3:04 AM IST



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