Ration dealers had taken away the ration of poor portion without fake OTP nodakm RJBD | गरीबों का निवाला छीनने से बाज नहीं आ रहे हैं राशन डीलर्स, कार्रवाई के नाम पर हो रही है खानापूर्ति | nation – News in Hindi


कार्रवाई के नाम पर सिर्फ निलंबन की हिम्मत जुटा पाए अधिकारी. (प्रतीकात्मक फोटो)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के गृह जनपद से शिकायत मिली थी कि ग्रामीणों के हिस्से का राशन (Ration) स्थानीय डीलर्स ने फर्जीवाड़ा कर बिना ओटीपी (OTP) के निकाल लिया है.
बिना ओटीपी राशन उठाने का आया था मामला
जयपुर ग्रामीण के डीएसओ गोपाल सिंह ने बताया कि जोधपुर और बांरा से शिकायत मिली थी कि ग्रामीणों के हिस्से का राशन स्थानीय डीलर्स ने फर्जीवाड़ा कर निकाल लिया था. पहली शिकायत जोधपुर जिले के मीरपुरा साबरसर गांव से थी. शिकायत में बताया गया था कि ग्राम पंचायत गोविंदपुरा बासड़ी (शाहपुरा) के राशन डीलर कानाराम यादव ने 29 मार्च को शरीफ खां नामक ग्रामीण का राशन बिना ओटीपी के उठा लिया है. दूसरी शिकायत जिला रसद अधिकारी बारां की तरफ से आई थी. शिकायत में बताया गया था कि देवन (शाहपुरा) के राशन डीलर मनीष शर्मा द्वारा 31 मार्च को अंता निवासी पप्पू लाल नागर का अप्रैल माह का राशन ओटीपी के बिना उठा लिया गया था. इसी तरह, अंता के ही जुगराज नागर का राशन खेडकी वीरभान के राशन डीलर लादूराम द्वारा 2 अप्रैल को ओटीपी के बिना उठा लिया गया था.
डीलर्स पर एफआईआर दर्ज करने के थे आदेशइन शिकायतों के संबंध में कार्रवाई करते हुए राशन डीलर कानाराम यादव, मनीष शर्मा एवं लादूराम यादव के विरूद्ध विस्तृत जांच हेतु कमेटी का गठन कर प्रकरण दर्ज किया गया था. साथ ही, ओटीपी के बिना कूटरचित तरीके से राशन उठाए जाने पर इन तीनों राशन डीलर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था. संकट काल में राशन डीलर्स द्वारा की इस हरकत को देखते हुए जयपुर ग्रामीण के डीएसओ गोपाल सिंह ने तीनों रोशन डीलर्स के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. हालांकि यह बात दीगर है कि स्थानीय अधिकारी आरोपी राशन डीलर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. इस मामले को लेकर एक आला अधिकारी का कहना है कि 20 किलो गेहूं ही तो चुराया था, निलंबन की सजा ही पर्याप्त है. अधिकारियों का तर्क है कि दूसरे जिले का मामला होने के चलते वह इसमें अधिक कार्रवाई नहीं कर सकते हैं.
ऐसे तो डीलर्स को चोरी का मिल जाएगा सर्टिफिकेट
इस घटना के बाद, अब यह आरोप लगने लगा है कि गरीबों के निवाले पर इसी तरह डाका डालने वालों को बचाया जाता रहा, तो फिर गरीबों को उनके हक का गेंहूं मिलने से पहले ही कालाबाजारी की भेंट चढ़ जाएगा. सरकार का डर खत्म हो जाएगा. वहीं इलाके में चर्चा इस बात को लेकर भी है कि राजनीतिक दबाव के चलते स्थानीय अधिकारी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा सके. मामले में राजनीतिक दबाव की भी चर्चा इलाके में है, भी सामने आ रही है.जिसके चलते अधिकारी कार्यवाही का साहस नहीं जुटा सके.
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First published: April 10, 2020, 1:39 PM IST