कोरोना वायरस: अमेरिका और इटली में बिछ गईं लाशें लेकिन PM मोदी के इन 5 कदमों से बच गया भारत – Corona virus: Corona attack in America and Italy, but India survived these 5 steps of PM Modi | nation – News in Hindi
कोरोना की इस जंग में पीएम मोदी के फैसलों की हर देश कर रहा है तारीफ.
भारत में प्रति 10 लाख में सिर्फ 3.8 फीसदी मामले ही कोरोना संक्रमण के हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि अभी भी भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर है.
बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना वायरस को लेकर भारत की ओर से उठाए गए कदम की तरीफ की है. इसी के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही कह चुका है कि भारत में पास वो ताकत है जिसके बल पर वह कोरोना को आसानी से हरा देगा. भारत में प्रति 10 लाख में सिर्फ 3.8 फीसदी मामले ही कोरोना संक्रमण के हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि अभी भी भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर है.
कोरोना वायरस से दुनियाभर में 11 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. जिसमें से अमेरिका में 4.68 लाख लोगों कोरोना वायरस से संक्रमित बताए जा रहे हैं. अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक 16697 लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है. जबकि भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 6412 है जबकि 199 लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 6412 हो गई है
भारत के 5 कदम जिसने दिखाई भारत की तैयारी
1- भारत में कोरोना को आने में लगा वक्त
भारत के लिए सबसे अच्छी बात यह रही कि कोरोना जब दुनिया में फैल चुका था तब भारत पूरी तरह से सुरक्षित था. चीन में जिस तैजी से कोरोना वायरस बढ़ा उसके बाद उसने तुरंत लॉकडाउन कर दिया. चीन के इस प्रयास को देख भारत ने भी हिम्मत दिखाई और विदेशी नागरिकों के भारत आने पर सख्ती करने लगा. जब ये वायरस यूरोप की ओर बढ़ा तो इसकी भयावहता का अंदाजा लग गया लेकिन तब तक भारत को इससे लड़ने के लिए काफी समय मिल गया. अमेरिका को लगा कि उसकी सीमा चीन से काफी दूर है और कोरोना से उसे कोई खतरा नहीं है. यही बात उसकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई.
भारत सरकार ने 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी.
2- भारत ने समय पर कर दिया लॉकडाउन
भारत में जब कुछ ही मामले कोरोना वायरस के आए थे तभी मोदी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला ले लिया. बाकी देशों को इसकी पहचान करने में काफी समय लग गया. भारत में पहले सख्ती की उसके बाद पूरे देश में लॉक डाउन कर दिया, जिससे कोरोना की चेन तोड़ने में काफी मदद मिली. भारत सरकार ने 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी. तब से ही पूरे देश में बाजार, मॉल, स्कूल बंद हैं. हर किसी को घर से ही काम करने को कहा गया है.
3- भारत में काफी मात्रा में है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा
वैज्ञानिक शोध में पता चला है कि मलेरिया के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा कोरोना वायरस के मरीजों के लिए भी काफी मददगार है. वैज्ञानिकों के इस शोध के बाद भारत में मरीजों को ये दवा दी जानें लगी. यहां तक की अमेरिका के राष्ट्रपति ने खुद प्रधानमंत्री को फोन कर दवा की मांग की. ये दवा भारत के लिए संजीवनी साबित हुई और मरीजों की संख्या में तेजी से कमी देखने को मिली.भारत में हर साल ही मलेरिया से बहुत से लोगों की जान जाती है, इसीलिए यहां हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का खूब उत्पादन किया जाता है.
4- डॉक्टरों को मिली विशेष तरह की ट्रेनिंग
कोरोना से लड़ने के लिए अभी तक कोई भी देश वैक्सीन तैयार नहीं कर सका है. इसके बावजूद जिस देश में डॉक्टरों की टीम बेहतर है वह इस जंग को जीत रहा है. भारत इसमें भी अन्य देशों से काफी आगे दिखाई दे रहा है. भारत में जब कोरोना के मामले आना शुरू भी नहीं हुए थे तभी से यहां के डॉक्टरों को हर दिन 100 मरीजों के आने की ट्रेनिंग दी जाने लगी थी. उन्हें ये भी पता है कि अगर मरीजों की संख्या 500 या 1000 तक पहुंचे तो क्या करना है. भारत सरकार को पता है कि यहां की जनसंख्या के हिसाब से अस्पताल कम हैं इसलिए तैयारी भी वैसी ही होनी चाहिए.
5- कोरोना को दूसरे चरण में जाने से रोका
दूसरे देशों की गलतियों से भारत को बहुत कुछ सीखने को मिला. भारत जान चुका था कि कोरोना से जंग जीतनी है तो उसे दूसरे चरण में जाने से रोकना होगा. भारत को पता था कि तीसरे चरण में इसे रोकना आसान नहीं होगा. बता दें कि पहले चरण में विदेशों से आए लोगों में इसके लक्षण दिखते हैं, दूसरे चरण में उनके संपर्क में आने वालों में कोरोना फैलता है और तीसरे चरण में ये कम्युनिटी में फैलने लगता है. सरकार ने इसको लेकर बेहतरीन प्लानिंग की है.
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