किकिरमेटा में बैंक सखियों के हुनर से बडिय़ा तरीके से हो रहा भुगतान
जिला पंचायत सीईओ निरीक्षण करने पहुंचे पाटन ब्लाक के गांवों के
दुर्ग। कोविड-19 संक्रमण की आशंका को देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत जनधन एकाउंट की महिला खाताधारियों के खाते में राशि जमा की गई है। इसके जमीनी क्रियान्वयन के निरीक्षण के लिए जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार तथा जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री अशोक साहू आज जनपद पंचायत पाटन के किकिरमेटा आदि सरहदी गांवों तक गए। वहां उन्होंने बैंक सखियों का काम देखा और प्रशंसा की। बैंक सखियों ने भुगतान लेने आई हितग्राहियों को सोशल डिस्टेंसिंग कराई। फिर सैनिटाइज किया। बैंक सखियों ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं में कोरोना संक्रमण को लेकर पर्याप्त जागरूकता है। इसके बावजूद भी उन्होंने फिर से महिलाओं को इसके संक्रमण की आशंका और बचाव के उपायों के बारे में बताया। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से भुगतान कराया और हाथ साबुन से धुलाए। सीईओ इसके अलावा सेलूद, जामगांव आर, बेल्हारी और रानीतराई जैसे गांवों में भी पहुंचे। उन्होंने यह भी देखा कि कोविड संक्रमण को रोकने तथा लाकडाउन की स्थिति में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए स्थानीय अमले ने किस प्रकार के कार्य किए हैं। स्थानीय अमले ने बताया कि निर्देशों के मुताबिक उन्होंने राशन का भंडारण किया है ताकि जरूरत के वक्त यह काम आ सके।
उन्होंने मनरेगा भुगतान के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस समय में गरीब परिवारों की विशेष रूप से चिंता करनी है। इसके लिए सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं। स्थानीय स्तर पर भी लगातार देखें कि गांव के सबसे जरूरतमंद तबके को मदद मिलती रहे। उन्होंने मांग के आधार पर निर्माण कार्य आरंभ होने पर मनरेगा कार्यस्थल पर हाथ धोने एवं सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखने के निर्देश अमले को दिए। उन्होंने कहा कि जागरूकता ही कोरोना संक्रमण रोकने का एकमात्र उपाय है।
उन्होंने कहा कि विकलांग, वृद्ध एवं इस तरह के अन्य लोगों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है इसे भी सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में हो रहे भुगतान की जानकारी भी सरपंच और वहां के बैंक अधिकारी से ली। उन्होंने कहा कि शाखाओं में भुगतान के वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखें। इसके साथ ही शाखाओं में छायादार जगह भी होनी चाहिए ताकि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखते वक्त दिक्कत न हो। इसके साथ ही सैनिटाइज करने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा पेयजल और अन्य बुनियादी जरूरतों के संबंध में भी व्यवस्था होनी चाहिए। मनरेगा भुगतान के संबंध में उन्होंने बताया कि मजदूरी भुगतान की राशि 15 दिन के भीतर मजदूरों के खाते में