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कोरोना लॉकडाउन: प्राइवेट स्कूलों के बच्चों की फीस हो सकती है माफ! – coronavirus lockdown private schools fees may be waived

गुवाहाटी

कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों के लॉकडाउन लागू है। 14 अप्रैल के बाद भी इसके और बढाए जाने की बातें कही जा रही हैं। बढ़ाए ऐसे में रोजगार करने वालों की कमाई का जरिया बंद है। इसके साथ ही निजी स्कूल बंद होने के बाद भी लॉकडाउन की अवधि की फीस माफ करने की अब तक कोई घोषणा नहीं की है। इस पर बिहार के शिक्षामंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने निजी स्कूल संचालकों से अपील की है कि वे लॉकडाउन को ध्यान में रखकर फीस माफी की घोषणा करें।


बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने ने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह लॉकडाउन के समय तक बच्चों की फीस को माफ कर दें। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार इस बाबत एक अधिसूचना जारी करने पर भी विचार कर रही है। शिक्षा मंत्री केएन वर्मा ने प्राइवेट स्कूल संचालकों से यह भी अनुरोध किया कि वह अपने शिक्षक और नॉन टीचिंग स्टॉफ के वेतन में भी कोई कटौती नहीं करें। साथ ही समय पर उनके वेतन का भुगतान करें। संकट की इस घड़ी में प्राइवेट स्कूल संचालकों से इसी मदद की मांग शिक्षा मंत्री ने की है।

बिहार शिक्षा मंत्री की इस मांग पर प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से स्कूलों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर 15 अप्रैल को स्कूल खुल जाते हैं तो कवरअप किया जा सकता है, लेकिन लॉकडाउन की अवधि बढ़ने पर स्कूलों को और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

शमायल अहमद ने यह भी कहा कि पटना प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश के बाद प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देना प्रारंभ कर दिया है। अगर फीस नहीं लेंगे तो प्राइवेट स्कूल संचालक अपने शिक्षक, नॉन टीचिंग स्टाफ और किराए के मकान में चल रहे स्कूलों का किराया कैसे देंगे। शमायल अहमद ने बताया कि उन्होंने सभी प्राइवेट स्कूल के संचालकों से यह अनुरोध किया गया है कि वर्तमान में स्थिति को देखते हुए बच्चों के अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव ना डालें।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सरकार ने पिछले कई वर्षों से आरटीई का एक भी पैसा प्राइवेट स्कूलों को नहीं दिया है। अगर सरकार वह पैसा रिलीज कर दे तो स्कूलों को काफी मदद मिल सकती है।

उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि सीबीएसई और आईसीएसई के 12वीं क्लास के बच्चों का सिलेबस अभी बचा हुआ है। लेकिन बच्चे कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से मानसिक परेशानी झेल रहे हैं। ऐसे में सरकार से अनुरोध है कि 12वीं क्लास के बच्चों के प्रैक्टिकल के मार्क्स एवरेज निकालकर उन्हें उन्हें भी प्रमोट कर दिया जाए।

उन्होंने कहा, ‘हम लोग सरकार को सहयोग कर रहे हैं तो सरकार को भी चाहिए कि वह निजी स्कूल के बिजली बिल, हाउस टैक्स, पानी का टैक्स, रोड टैक्स और बैंक लोन के इंटरेस्ट में भी निजी स्कूलों को राहत दे।’



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