लॉकडाउन के कारण नही बन पा रहा है जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र

माह भर के भीतर पंजीयन कराने का है नियम, अब तक नही आया कोई नया आदेश
भिलाई । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लॉकडाउन घोषित होते ही नगरीय निकायों से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनना बंद हो गया है। इसके लिए माह भर के भीतर ही पंजीयन कराने का नियम होने से लॉकडाउन के दौरान जन्म अथवा मृत्यु के प्रमाण पत्र जारी होने को लेकर असमंजस्य की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन स्तर पर नए आदेश जारी नहीं हो से अपनों के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र चाहने वाले आवेदकों की बेचैनी बढ़ गई है।
लॉकडाउन के चलते आवश्यक सेवाओं को छोड़ शेष क्रिया कलापों पर रोक लगी हुई है। इसी कड़ी में जरुरतमंदों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पा रहा है। जबकि नियमत: जन्म अथवा मृत्यु दिनांक के एक महीने के भीतर इसके प्रमाण पत्र हेतु संबंधित निकाय के लोक सेवा केन्द्रो में आवेदन प्रस्तुत कर पंजीयन कराना अनिवार्य है। लेकिन लॉकडाउन के चलते निकायों के लोक सेवा केन्द्र और च्वाईस सेंटर बंद है। वहीं जिनके घर में जन्म या मृत्यु हुई है वे भी लॉकडाउन के चलते अपनी शंका का निवारण नहीं कर पा रहे हैं।
गौरतलब रहे कि जन्म प्रमाण पत्र से बच्चे को स्कूल प्रवेश मिलने के साथ ही आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र सहित अन्य दस्तावेज जारी किए जाते है। जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र से पारिवारिक बंटवारा, अनुकम्पा नियुक्ति, बैंक अथवा बीमा का भुगतान प्राप्त किया जाता है। शासन द्वारा शहरी क्षेत्र में नगरीय निकायों के माध्यम से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसके लिए सभी निकायों में लोक सेवा केन्द्र बनाये गए हैं। इन केन्द्रों में जन्म व मृत्यु होने के एक माह की समयावधि के भीतर जरुरी दस्तावेज के साथ आवेदन जमा कर कोई भी व्यक्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है। माह भर से अधिक समय बीत जाने पर कार्यपालक मजिस्ट्रेट के आदेश से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाने का नियम है।
यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि 22 मार्च के बाद से लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। फिलहाल 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित है। ऐसे में जिनके यहां 14 मार्च से पहले जन्म अथवा मृत्यु हुई है और वे 14 अप्रैल से पहले ही पंजीयन करा लेने की सोंच कर 22 मार्च को लॉकडाउन के पहले आवेदन प्रस्तुत करने से चूक गए उन्हें अपनो के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने को लेकर दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल शासन स्तर पर अभी तक किसी प्रकार का आदेश जारी कर यह बताने की कोशिश नहीं की गई है कि लॉकडान के चलते निश्चित समयावधि एक माह के भीतर जन्म व मृत्यु का पंजीयन नहीं करा सके आवेदकों को अतिरिक्त समय प्रदान किया जाएगा। इस वजह से लॉकडाउन के दौरान और उससे पखवाड़े भर पहले जिनके यहां नवजात शिशु का जन्म हुआ है अथवा परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हुई है उनमें विधिवत प्रमाण पत्र हासिल करने को लेकर बेचैनी का आलम है।