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लॉकडाउन में अवैध शराब बिक्रताओं की चांदी

साढे सात सौ वाली बॉटल 3 हजार तो 16 सौ वाली ब्रांडेड शराब बेच रहे हैं पांच हजार में
शौक मिटाने मोटी रकम खर्चा करना पड़ रहा है कर मदिरा प्रेमियों को
भिलाई। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लगाये गये लॉकडाउन में अवैध शराब बिक्रेताओं की चांदी हो गई है। राज्य सरकार द्वारा शराब दुकानों में अधिक भीड़भाड को देखते हुए शराब दुकान बंद कर दिया लेकिन इसका फायदा अब अवैध शराब बिक्रेता जमकर उठा रहे हैं। इस लॉकडाउन में अवैध शराब बेचने वाले मध्यप्रदेश के अवैध रूप से शराब मंगारहे हें और जम जमकर तीनगुना से भी अधिक दर पर ये शराब बेंच रहे है। सैकड़ों में शराब बिकने वाले ब्रांडेड शराब को हजारों रूपये मेंं बेंच रहे हैं। रईस लोग को अपना अपना शौक मिटाने के लिए हजारों रूपये भी देकर शराब खरीद रहे हैं, लेकिन बेचारे गरीब लोगों जो शराब के आदि है, उनको शराब नही मिल पाने से कोई स्प्रिीट तो कोई कुछ ओर पी रहे है, इसके कारण छग में कई लोगों की मौत हो गई है। कोराना संक्रमण लोगों में न हो इसके लिए लोगों पर लगाम कसने के इरादे से प्रशासन द्वारा लागू लॉकडाउन का शराब के अवैध कारोबारियों पर कोई कसर नहीं हो रहा है। शहर के विभिन्न ठिकानों में सहज तरीके से शराब की उपलब्धता से यह साबित हो रहा है। भिलाई-दुर्ग में ब्राण्डेड शराब हण्ड्रेड पाइपर की बोतल 5 हजार में तो मध्यम वर्ग की पसंदीदा रायल स्टेग (आरएस) की बोतल 3 हजार में बिक रही है। शराब के शौकीन मोटी रकम खर्च कर लॉकडाउन के दौरान अपना शौक पूरा करने से हिचक नहीं रहे हैं।
लॉकडाउन के चलते सरकारी शराब की दुकानों में अब इन दिनों ताला लटक रहा है। बावजूद इसके शराब के शौकीनों को शौक पूरा करने में कोई विशेष अड़चन नहीं आ रही है। बस इसके लिए उन्हें मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है। जिसके पास रुपयों की कोई कमी नहीं है उन्हें शहर में कई ऐसे ठिकाने हैं जहां से शराब की अवैध तरीके से उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक शख्स ने बताया कि लॉकडाउन में भले ही सरकारी शराब की दुकानें बंद है लेकिन भिलाई-दुर्ग में अवैध कारोबारियों से शराब की बोतल आसानी से मिल रही है। लेकिन इसके लिए शराब के शौकीनों को अपनी जेब गर्म रखनी पड़ रही है। साफ शब्दों में यह कहा जा सकता है कि पैसा फेंको तमाशा देखो के कहावत की तर्ज पर शराब के लिए इसके शौकीनों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है।
बताया जाता है कि अवैध विक्रेताओं के पास भिलाई-दुर्ग में प्रचलित शराब की सारी ब्रांड उपलब्ध है। उच्च वर्ग की पसंदीदा ब्रांड माने जाने वाली हण्ड्रेड पाइपर की बोतल इस वक्त अवैध रूप से 5 हजार रुपए में बिक रही है। जबकि इस शराब की वास्तविक कीमत दुकानों 1600 रुपए है। इसी तरह 1100 रुपए कीमत पर दुकानों में बिकने वाली ब्लेंडर प्राइड की बोतल 4000 रुपए और 750 रुपए वाली आरएस ब्रांड की बोतल 3000 रुपए में बिकने की खबर है।
गौरतलब रहे कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने घोषित लॉकडाउन के बाद पूरे प्रदेश की शराब दुकानों को बंद करा दिया गया है। संभावनाओं के तहत लॉकडाउन घोषित होने से पहले ही अनेक लोगों ने शराब का संग्रहण घरों में कर लिया था। प्रदेश में पहले 31 मार्च तक शराब दुकानों ंको बंद रखने का ऐलान हुआ था। जिसे बाद में 7 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया। इससे लोगों के घरों में रखा शराब का स्टाक खत्म हो गया। इसके साथ ही अवैध शराब विक्रेताओं ने मुंहमांगी कीमत पर अपने पास संग्रहित शराब को बेचना शुरू कर दिया है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि लॉकडाउन की अवधि में शहर के छावनी थाना इलाके से ही अवैध शराब का मामला पकड़ में आया है। जबकि भिलाई-दुर्ग के कई अन्य इलाके में शराब की बेखौफ अंदाज में अब भी खरीदी बिक्री होने का दावा किया जा रहा है।
इस दर पर बिक्र रही है ये ब्रांडेड शराब
हण्ड्रेड पाईपर क 1600 रूपये वाला बॉटल  5000 रुपए में, ब्लेंडर प्राईड की 11सौ वाली बॉटल 4 हजार में,आरएस ब्रांड की साढे 7 सौं वाली बोटल तीन हजार में की जा रही है बिक्री
मध्यप्रदेश से आ रही है शराब
भिलाई-दुर्ग में अवैध रुप से की जा रही शराब की आवक मध्यप्रदेश से होने का दावा किया जा रहा है। वैसे लॉकडाउन से पहले अनेक बार भिलाई-दुर्ग में मध्यप्रदेश से शराब की तस्करी उजागर हो चुकी है। लेकिन अब चर्चा है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन की बन रही संभावनाओं को देखते हुए स्थानीय तस्करो ने मध्यप्रदेश से शराब का भरपूर स्टाक मंगा लिया था। उसी शराब को अब लॉकडाउन के दौरान मुंहमांगी कीमत वसूल कर बेचा जा रहा है। सबसे अधिक खपत गोवा ब्रांड शराब की बताई जा रही है। गोवा ब्रांड शराब का पौवा दुकानों में 80 रुपए कीमत है लेकिन इन दिनों इसका एक पौवा 3 से 4 सौ रुपए तक बिक रहा है।

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