श्री लंगुरवीर चौक का लोकार्पण 26 को, गृहमंत्री, विधायक व महापौर होगी शामिल
दुर्ग मंडई-मेला में बिखरेगी सांस्कृतिक छटा, झूले व मनोरंजन के अन्य साधन होंगे आकर्षण का केन्द्र
दुर्ग। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परम्पराओं में से एक मंडई-मेला अब समय के साथ खत्म होने लगा है, लेकिन इस प्राचीन परम्परा को श्री लंगुरवीर मंदिर समिति शनिचरी बाजार ने अभी भी जीवित रखा हुआ हैं। देश के एकलौते श्री लंगुरवीर मंदिर परिसर में मंडई-मेला के आयोजन का वर्षों पुराना इतिहास रहा है। इस श्रृंखला में 26 जनवरी को शनिचरी बाजार में दुर्ग मंडई का भव्य आयोजन किया गया है। इस अवसर पर श्री लंगुरवीर मंदिर और नगर निगम के सहयोग से निर्मित श्री लंगुरवीर चौक का लोकार्पण भी किया जाएगा। कार्यक्रम में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, शहर विधायक अरूण वोरा, महापौर चंद्रिका चंद्राकर, कवर्धा नगर पालिका प्त देवकुमार चंद्रवंशी अतिथि होंगे। शाम 4 बजे से शुरू होने वाले मंडई-मेला में राजनांदगांव जिले के ग्राम कांकेतरा की 6 सगी बहने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर मंडई की उत्साह को दुगुना करेगी, वही विभिन्न प्रकार के झूले व मनोरंजन के अन्य साधन मंडई में आकर्षण का केन्द्र होगी। यह मंडई मंदिर समिति के संरक्षक डॉ गोविंद प्रसाद दीक्षित के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया है। शनिचरी बाजार क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाने मंडई-मेला में दुकान लगाने वाले व्यवसाईयों के लिए स्थल भी आरक्षित कर दिए गए है। जिससे लोगों को असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह बाते श्री लंगुरवीर मंदिर समिति के सदस्य मानव सोनकर ने गुरूवार को पत्रकारों से चर्चा में कही। इस दौरान समिति के ट्रस्टी चिंताराम सोनकर, पंडित अशोक त्रिपाठी, युवराज सार्वा, लाला सोनकर भी मौजूद थे।
मंदिर समिति के सदस्य मानव सोनकर ने चर्चा में बताया कि शनिचरी बाजार में मंडई मेला का पुराना इतिहास रहा हैं। यहाँ के आयोजन को दुर्ग मंडई के नाम से जाना जाता है। दुर्ग मंडई के बाद ही परम्परानुसार अन्य क्षेत्रों में मंडई का आयोजन किया जाता है। श्री सोनकर ने बताया कि मंडई-मेला के प्रति लोगों में उत्साह पैदा करने श्री लंगुरवीर मंदिर समिति ने कई नए व्यवस्था किए हैं। मंडई में इस बार 25 प्रकार के आकर्षक झूले लगाए जाएँगे। इन झूलों का आनंद बच्चे नि:शुल्क उठा पाएँगे। इसके अलावा अन्य व्यवस्थाएँ मंडई-मेला में आकर्षण का केन्द्र होगी।