जिला भाजपा की बैठक में मचा जमकर बवाल,
कार्यकर्ताओं ने पटकी कुर्सियां, जिला भाजपाध्यक्ष को हटाने की मांग
राष्ट्रीय नेत्री के ईशारें पर संगठन ने किया अपने ही प्रत्याशियों को हराने का कार्य
कार्यकर्ताओ ने सत्ता और संगठन पर जमकर निकाली भड़ास
कहा सौदान हटाओं छत्तीसगढ बचाओं
नाराज रमशीला साहू और लाभचंद बैठक से भागे
दुर्ग। चुनाव में भाजपा की हार को लेकर गुरूवार को भिलाई और दुर्ग में दोनो जिला के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में हुए हार की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इन दोनो जगहों पर संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच में जमकर तू तू मैं मैँ हुआ। दुर्ग में जिला भाजपा अध्यक्ष उषा टावरी द्वारा कार्यकर्ताओ को चुप कराने को लेकर जमकर बवाल हुआ। कार्यकर्ताओं ने गुस्से में कुर्सियां पटकी और जिला भाजपा अध्यक्ष को हटाने के नारे लगने लगे। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यहां के नेताओं और संगठन के लोगों का अकड और घमंड के कारण यहां भाजपा की हार हुई। बैठक में दुर्ग जिला के प्रभारी मंत्री रहे राजेश मूणत के विरूद्ध तथा राष्ट्रीय नेत्री के विरोध में कार्यकर्ताओं ने जमकर भड़ास निकाली। कार्यकर्ताओं ने कहा कि राजेश मूणत कार्यकर्ताओं से सीधे मुंह बात नही करते थे, उनका व्यवहार बहुत ही खराब हो गया था। बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं के विरोध के कारणा पूर्व केबिनेट मंत्री रमशीला साहू एवं पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना को बैठक छोडक़र चले गये। इसके अलावा राष्ट्रीय नेत्री पर टिकिट वितरण में भी घालमेल तथा इनके इशारे पर भाजपा के प्रत्याशियों पर हराने का भी आरोप लगाया गया। वहीं एक मंडल अध्यक्ष की पत्नी द्वारा रमशीला साहू के मंत्रित्वकाल में उनके पति डॉ. दयाराम साहू से नही मिलने का हवाला देकर स्थानांतरण करवाने के मामले में भी जमकर बवाल हुआ। वहीं चुनाव के समय से कुछ दिन पूर्व लाभचंद बाफना द्वारा कार्यकर्ताओं को साफ साफ कह दिया गया था कि हमे कार्यकर्ता नही चाहिए, हम बिना उनके चुनाव जीत जायेंगे तो अब क्यों वे आज यहां आये है। इन सब मामलों को लेकर बैठक में भाजपा कार्यालय में जमकर हंगामा हुआ। बैठक में बार बार कार्यकर्ता ये कहते रहे कि रमशीला साहू और लाभचंद बाफना को बुलाओं हमें उनसे अपने सवालों का जवाब चाहिए। जिलाध्यक्ष उषा टावरी कार्यकर्ताओं को शांत कराती रही उनकी बातों को कई नही सुना और उन्हें ही हटाने के लिए कार्यकर्ताओं ने नारा लगाना शुरू कर दिया।
सौदान हटाओं भाजपा बचाओं के लगे नारे
बैठक में अहिवारा के पूर्व विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा सहित कई कार्यकर्ताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सौदान सिंह को भगाओं छत्तीसगढ बचाओं के नारे लगाने लगे। इन्होने कहा कि सौदान सिंह छत्तीसगढियों पर राज कर रहा है।
राष्ट्रीय नेत्री के ईशारे पर हराया गया भाजपा प्रत्याशियों को
बैठक में कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय नेत्री पर आरोप लगाया कि इस राष्ट्रीय नेत्री द्वारा टिकिट वितरण में खेल खेला गया और इन्ही के इशारों पर संगठन के लोगों द्वारा भाजपा प्रत्याशियों को हराने का कार्य किया गया।
भाजपा के हार में संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका
एक ओर जहां संगठन के बडे पद वाले लोग और दिग्गज नेताओं ने हार का जहां ठीकरा कार्यकर्ताओं पर फोडा था, उसकी नाराजगी भी आज भाजपा कार्यालय में देखने को मिली। कार्यकर्ताओं ने जमकर आज अपना गुबार संगठन व प्रदेश के शीर्ष नेतृतव पर निकाला और संगठन को ही नकार दिया और संगठन को भंग करने की बात कहते हुए कार्यकर्ताओं ने यहां तक कह डाला कि संगठन के लोग ही अपने प्रत्याशियों को हराने में लगे रहे। उन्होंने कोई काम नही किया। वे सिर्फ टाईम पास करते रहे। जिला का मूल संगठन चुनाव समितियां बनाते है और कार्यकर्ताओं को जोश भरते हुए जिम्मेदारी पूर्वक कार्य कराते है, लेकिन संगठन के लोग इसमें दिलचस्पी नही लिये वे केवल टाईम पास करते रहे।
मेयर अपने हार का स्वयं जिम्मेदार,जनहित के मुद्दे नकारना पडा भारी
बैठक के दौरा कार्यकताओं ने महापौर चन्द्रिका चन्द्राकर के विरूद्ध भी जमकर भड़ास निकाले। मेयर पर आरोप लगाते हुए कहे कि वे चुनाव हारने की स्वयं जिम्मेदार है। उनकी अपनी कोई सोच नही है, वह यहां की एक बडी नेत्री के अनुसार ही काम करती है। मेयर जनहित के मुद्दों के लेकर बड़ी नेत्री पर निर्भर रही।
आंगनबाड़ी की महिला कार्यकर्ता और डा. दयाराम को लेकर हुआ हंगामा,
पति का मामला आते ही उठकर चली गई रमशीला साहू
बैठक में कार्यकर्ता तो कार्यकर्ता संगठन के लोग भी मंत्र रमशीला साहू के पति डॉ. दयाराम पर जब भाजपा के मंडल अध्यक्ष की पत्नी जा आंगनबाड़ी में है उसका स्थानांतरण मात्र इसलिए कर देना कि वह डा. दयाराम साहू से मिली। इसके लोकर डॉ. साहू पर गंभीर आरोप लगाये। एक पदाधिकारी ने तो यहां तक कह दिया कि अब भाजपा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बेटी बहनों को ऐसे लोगों से मिलना पडेगा। डॉ. साहू यह स्पष्ट करें कि आखिर आंगनबाडी की महिला कार्यकर्ता से क्यों मिलना चाहते थे, अकेले मिलना चाहते थे या उनको कुछ इसके बदले में रूपये चाहिए थे। ये सब सुनकर पूर्व केबिनेट मंत्री रमशीला साहू बैठक से उठकर चली गई।
इसलिए उठकर चले गये पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना
साजा के पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव रहे लाभचंद बाफना से जब कार्यकर्ता सवाल करने लगे तो वे उठकर चले गये। कार्यकर्ताओं ने उनपर आरोप लगाया कि वे कार्यकर्ताओं को कुछ नही समझते थे। चुनाव के कुछ दिन पूर्व जब कार्यकर्ता मिलने गये और उनसे बात की तो वे सीधे कह दिये कि मुझे कार्यकर्ताओं की जरूरत नही है, बिना कार्यकर्ता के चुनाव जीत जाऊंगा तो अब वे यहां क्यों आये है?
हारे हुए प्रत्याशी को दिया गया कई पद
नगर निगम के लोकनिर्माण के प्रभारी दिनेश देवांगन को लेकर भी कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त नाराजगी दिखी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि हारे हुए प्रत्याशी को दो दो पद दे दिया गया। निगम के पिछले चुनाव में जीत कर आने के बाद सभापति पद के लिए दिनेश देवांगन को खड़ा किया गया लेकिन वे हार गये, इसके बावजूद भी उन्हें एमआईसी में जगह दी गई और उन्हें लोकनिर्माण जैसे महत्वपूर्ण पद तो थमाया ही गया उसके बाद में उन्हें जिला भाजयुमों अध्यक्ष भी बना दिया दिया गया।
खाने में भी बचा भगदड, अधिकांश कार्यकर्ताओं को नही मिला खाना
जिला संगठन की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों सहित दूर दराज से आने वाले कार्यकर्ताओं को देख दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई थी, बैठक के बीचमें ही कई कितने कार्यकर्ता नाराज होकर उठकर चले गये उसके बावजूद भी खाने के लिए ऐसे टूट पडे की भगदड वाली स्थिति हुइ। आधे लोगों को पूरा खाना भी नही मिल पाया।