मुनाफाखोरों पर शासन प्रशासन का नही है खौफ,लॉक डाउन में लूट रहे हें लोगों को

थोक खरीदी से ही बढ़े कीमत का दिया जा रहा हवाला
होनी चाहिए छापामार कार्यवाही
भिलाई । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लागू लॉकडाउन के चलते शुरू हुई मुनाफाखोरी पर अंकुश लग नहीं पा रहा है, मुनाफाखोर व्यवसायियों पर आवश्यक वस्तुओं के कीमत को लेकर जारी शासन -प्रशासन का निर्देश बेअसर होने से आम उपभोक्ता हलाकान है। खुदरा विक्रेता थोक खरीदी में ही कीमत बढ़े होने का हवाला देकर ग्राहकों को टका सा जवाब दे रहे हैं। कीमत को लेकर सवाल उठाने वाले को लेना है तो लो या फिर चलते बनो का करारा जवाब भी मिल रहा है।
भिलाई – दुर्ग में लॉकडाउन के चलते आवश्यक वस्तुओं के कारोबार में मुनाफाखोरी ने अच्छा खासा पांव पसार लिया है। राशन सामग्री से लेकर सब्जी भाजी और फलों के दाम आसमान छुने लगा है। आवश्यक वस्तुओं में मुनाफाखोरी रोकने शासन-प्रशासन की गाइडलाइन की बेखौफ अंदाज में धज्जियां उड़ाई जा रही है। उपभोक्ता अगर कीमत को लेकर कोई सवाल करता है तो उसे थोक खरीदी के दौरान ही कीमत अधिक होने का हवाला दिया जा रहा है। उपभोक्ता के द्वारा कीमत को लेकर शासन-प्रशासन की गाइडलाइन का हवाला देने पर आलम यह है कि लेना है तो लो, बहस न करो कहते हुए थैले से सामान को वापस लेने से भी व्यापारी बाज नहीं आ रहें हैं।
गौरतलब रहे कि 22 मार्च को जनता कफ्र्यू लगने से पहले तक बाजार में सबकुछ सामान्य था। इस दौरान आलू की कीमत 20 रूपये और प्याज की कीमत 30 रूपये किलो थी। लेकिन लॉकडाउन के दो दिन के भीतर ही आलू में मुनाफाखोरी का ऐसा रंग चढ़ा कि वह दुगुनी कीमत पर 40 रूपये किलो बिकने लगी। इसी तरह दाल, चांवल, आटा, तेल सहित अन्य सभी रोजमर्रा की जरूरतों वाली चीजों के दाम में भी लगातार इजाफा होने से आम लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की ओर से सब्जियों के कीमत भी तय कर दिया गया है। लेकिन बाजार में पसरा लगने की निर्धारित समयावधि के दौरान पल-पल सब्जियों की उपलब्धता के अनुसार कीमत बढ़ रही है।
बीड़ी-सिगरेट और पान मसाला भी महंगा
लॉकडाउन ने बीड़ी-सिगरेट, तम्बाकू और पान मसाला के शौकिनों के जेब पर भी अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। इन व्यसनों के आदी लोगों को अपना शौक पूरा करने पहले से दुगनी राशि खर्च करनी पड़ रही है। महज 5 रूपये में मिलने वाला राजश्री और विमल पान मसाला का एक पाउच आज 9 से 10 रूपये में बिकने लगा है। बीड़ी-सिगरेट और तम्बाकू के दाम भी वास्तविक मूल्य से तीन-चार रूपये अधिक लिया जा रहा है।