मंहगाई डायन का भी भय सताने लगा लोगों को,लॉकडाउन से मुनाफाखोरों की पौ बारह
भिलाई। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने प्रशासन के द्वारा घोषित लॉकडाउन से मुनाफाखोरी सिर उठाने लगी है। सब्जियों से लेकर अन्य खाद्य पदार्थों की कीमत लगातार बढ़ रही है, इस स्थिति में पहले से ही रोजी रोटी छोड़कर घर में बैठे आमलोगों को अपने और परिवार के भरण पोषण की चिंता सताने लगी है।
लॉकडाउन के चलते घरों में कैद लोगों को अब कोरोना वायरस के साथ ही महंगाई डायन का भी भय सता रहा हैण् सब्जी भाजी से लेकर खान पान की अन्य जरूरी सामानों की कीमतों में लगातार इजाफा होने से व्यवसायियों द्वारा मुनाफाखोरी किए जाने की संभावना को बल मिल रहा हैण् जो शक्कर लॉकडाउन के पहले तक 40 रूपये किलो बिक रहा था उसकी कीमत अब 60 रूपये जा पहुंची हैण् दो दिन पहले तक आलू 20 रूपये किलो बेचा जा रहा थाण्अब वही आलू एक दिन बाद 30 और अगले दिन 40 रूपये किलो बिकने लगाण् प्याज की कीमत भी 30 से बढ़कर 40 रूपये प्रति किलो हो गई है। एक समय टमाटर की कीमत ज्यादा उत्पादन की वजह से बेहद ही कम थीण् लॉकडाउन से पहले भिलाई दुर्ग के बाजार में टमाटर 10 रूपये में देढ़ किलो बिक रहा थाए अब उसकी कीमत 35 से 40 रूपये किलो तक जा पहुंची हैण् आटे की कीमत पर भी कोई नियंत्रण नहीं रह गया हैण् 25 से 30 रूपये किलो पर बिकने वाली आटा अब 45 से 50 रूपये में बिक रही हैण् घर घर में पौष्टिक नास्ते के रूप में इस्तेमाल किये जाने वाले पोहे की कीमत 46 से 50 रूपये किलो हो गई हैण् इसके अलावा बीड़ी सिगरेट और पानमसाला के पाउच की कीमत भी बढ़ गई है।
ज्ञातव्य है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने घोषित लॉकडाउन के साथ ही प्रशासन ने आवश्यक वस्तुओं में मुनाफाखोरी रोकने की चेतावनी दी हैण् बावजूद इसके आमलोगों को इस विकट परिस्थितियों में कोई राहत नहीं मिल रही है। प्रशासन की ओर से अभी तक मुनाफाखोरी रोकने की दिशा में कोई भी कारगर कदम उठाया नहीं गया है। इस वजह से कतिपय व्यापारी मौके का फायदा उठाने से चूक नहीं रहे हैं।
इस पूरे मामले में नाम नहीं छापने की शर्त पर एक व्यापारी ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन घोषित होने के साथ ही लोगों में खान पान और रोजमर्रा की जरूरत वाले सामानों की खरीदी अधिक मात्रा में कर ली गई है। इससे बाजार में अनेक जरूरत के सामान कम हो गए हैं। बाहर से माल आने में भी दिक्कत बनीं हुई है। बाजार में माल कम होने से कीमत बढ़ रही है।