Uncategorized

बर्दाश्त नही की जायेगी एसबीआई प्रबंधन की मनमानी- मिश्रा

फिर से डिफाल्टर कंपनी को एटीएम केयर टेकर का ठेका

भिलाई। हिन्द मजदूर सभा ने संबद्ध छत्तीसगढ़ सिक्युरिटी गार्ड केयर टेकर कर्मचारी संघ के महासचिव एच.एस.मिश्रा ने एटीएम बूथ में केयर टेकरों की तैनाती के ठेका में भारतीय स्टेट बंैक प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधन ने फिर से एक डिफाल्टर कंपनी को एटीएम केयर टेकर प्रदाय करने का ठेका दिया है। बैंक का यह निणर्य केयर टेकर के हित में नही है और इस तरह की मनमानी को बर्दाश्त नही किया जायेगा। भारतीय स्टेट बैंक प्रबंधन ने मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में एटीएम केयर टेकर का ठेका सेन्ट्रल इन्वेस्टिगेशन एण्ड सिक्युरिटी सर्विस लिमिटेड नामक कंपनी को दिया है। छत्तीसगढ़ सिक्युरिटी गार्ड केयर टेकर कर्मचारी संघ के महासचिव एच.एस.मिश्रा ने बताया कि सीआईएसएस कंपनी वर्ष 2015 से डिफाल्टर चल रही है । इस कंपनी का नाम तक राज्य बीमा निगम की वेबसाईट पर नही है। ऐसी ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ठेका दिए जाने से प्रदेश भर में एसबीआई के एटीएम बूथों पर काम करने वाले केयर टेकरों में अपने भविष्य को लेकर संशय की स्थिति उभर आई है। केयर टेकरों में बन रही आक्रोश की स्थिति कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकती है। उन्होंने एसबीआई प्रबंधन के मिली भगत के चलते अवैध तरीके से डिफाल्टर कंपनी को काम देने का भी आरोप लगाया है।

मिश्रा ने बताया कि इससे पहले भी टाइगर नाम की कंपनी को यह काम दिया गया था। इसे लेकर पहले से कार्य कर रही बख्शी सुरक्षा कंपनी ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि टाईगर कंपनी ब्लैक लिस्टेड है और इसे एटीएम बूथ पर केयर टेकर प्रदाय करने का ठेका दिया ही नही जा सकता। लेकिन एसबीआई अपने निर्णय पर अड़ी रही और मामला न्यायालय तक जा पहुंचा। अंतत: जबलपुर उच्च न्यायालय ने नये निविदा होने तक बख्शी कंपनी को ही काम करने का निर्देश दिया। श्री मिश्रा ने कहा कि बैंक प्रबंधन और बख्शी कंपनी के बीच तालमेल सही नही होने से केयर टेकरों को तीन से चार महिने तक का भुगतान नही हो सका है। यूनियन की बख्शी प्रबंधन से चर्चा के दौरान यही बात सामने आते रही है कि बैंक प्रबंधन समय पर भुगतान नही करता, इसलिए केयर टेकरों को वेतन देने में अड़चन आती है। इस बीच फिर से डिफाल्टर कंपनी को काम दे दिए जाने से केयर टेकरों में जबरदस्त आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो गई है। श्री मिश्रा ने कहा कि एक डिफाल्टर कंपनी को काम देने के पीछे एसबीआई प्रबंधन की मंशा आखिर क्या है, इसकी जांच होनी चाहिए। ऐसी कंपनी से केयर टेकरों का भला हो सकेगा, इस पर भी संदेह के चलते एसबीआई को यह ठेका निरस्त करना चाहिए। अन्यथा इनके परिणाम अच्छे नही रहेंगे।

Related Articles

Back to top button