दुर्ग भिलाई

रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल ने अपने ही लक्ष्य को किया पार

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल ने वित्तवर्ष 2019-20 के लिए निर्धारित 7,23,000 टन के यूटीएस 90 प्राइम रेल्स उत्पादन के अपने वार्षिक व्यावसायिक योजना (एबीपी) लक्ष्य को पार कर लिया है। आरएमसम ने गत 18 मार्च को 7,24,080 टन का रिकॉर्ड उत्पादन कर एबीपी लक्ष्य को समय से पूर्व सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया।

इस उपलब्धि के लिए मुख्य महाप्रबंधक आरएसएम, आरटीएस एवं आरपीडीबी एम एम गद्रे ने सम्पूर्ण रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल बिरादरी, सहयोगी शॉप्स एवं एजेंसियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे प्रदर्शनों से साबित होता है कि आरएसएम बिरादरी भारतीय रेलवे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आरएसएम अतीत में चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को पूरा कर चुका है और भविष्य में भी ऐसे प्रदर्शनों को दोहराने के लिए आश्वस्त है। एबीपी लक्ष्य को समय से पूर्व प्राप्त करने में सम्पूर्ण रेल मिल बिरादरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने इनमें से चन्द अधिकारियों से इस उपलब्धि पर बातचीत की।

रेल मिल टीम के समर्पित प्रयासों का सुपरिणाम-एस आर सिंह

रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल के महाप्रबंधक प्रभारी प्रचालन एस आर सिंह कहते हैं कि अभी और 13 दिन बाकी हैं और हम मिल के लिए एबीपी से अधिक बेहतर आँकड़ा हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं। यह टीम के समर्पित प्रयासों और सकारात्मक योगदान का परिणाम है। हम भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी पूरी तरह तैयार हैं।

रेलवे की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करेंगे- एस के सिंह

आरएसएम के महाप्रबंधक एवं प्रभारी, इलेक्ट्रिकल श्री एस के सिंह ने कहा कि  पिछले साल आरएसएम और यूआरएम ने 9.85 लाख टन प्राइम रेल्स का उत्पादन किया था। इस बार हम 13 लाख टन से अधिक का उत्पादन करेंगे और अगले वित्तवर्ष में हम 15 लाख टन से अधिक उत्पादन करने के लिए आश्वस्त हैं और भारतीय रेलवे की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करेंगे।

उत्पादन बढ़ाने हेतु कई इनोवेटिव कार्यों संपादित किए गए-श्री छत्री

रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल के महाप्रबंघक एवं प्रभारी, मेकेनिकल एस के छत्री ने  जानकारी देते हुए कहा कि आरएसएम बिरादरी ने फर्नेस की विश्वसनीयता में सुधार के लिए सेल्फ क्लीनिंग फिल्टर की स्थापना, गुणवत्ता में सुधार के लिए डी-स्केलर प्रेशर में वृद्धि, तेजी से कैलिब्रेशन के लिए एनडीटी में गाइडिंग सिस्टम (नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग) जैसे कई इनोवेटिव कार्यों को संपादित किए हैं। साथ ही सेन्ट्रल एजेंसियों के सक्रिय सहयोग से पाइप लाइन में कई ऐसे कार्यों को भी निष्पादित किया गया है।

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