छग के बहरी कंपनियों को ठेका दिये जाने का मिश्रा ने किय विराध कहा बाहरी कंपनियां स्थानीय मजदूरों को नही देती काम अपने यहां से लाते हैं मजदूर

भिलाई। बीएसपी (सेल) ठेका कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष एच.एस.मिश्रा ने भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा छत्तीसगढ़ से बाहर की कंपनियों को विभिन्न कार्यों का ठेका दिए जाने पर आपत्ति जताया है। उन्होंने कहा कि बाहर की कंपनियां अपने गृह प्रदेश के मजदूरों को लाकर यहां काम करवा रही है, जिससे स्थानीय मजदूर रोजगार से वंचित हो रहे है। संयंत्र प्रबंधन अपनी इस स्थानीय मजदूर विरोधी नीति पर तत्काल रोक लगाये, अन्यथा यूनियन को प्रबंधन की नीतियों के विरोध में आंदोलन का रास्ता अपनाने मजबूर होना पड़ेगा। प्रदेश के वरिष्ठ श्रमिक नेता एवं अध्यक्ष बीएसपी (सेल) ठेका कर्मचारी यूनियन के एच.एस.मिश्रा ने जारी बयान मेें भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से स्थानीय पंजीकृत ठेका कंपनियों को काम का ठेका प्रदान किए जाने की अपनाई जा रही गलत व मनमानी नीति का विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि इस नीति के चलते छत्तीसगढ़ और विशेषकर भिलाई दुर्ग के योग्यताधारी मजदूरों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है। बाहर की कंपनियां स्थानीय मजदूरों के बजाय अपने गृह प्रदेश से मजदूर का न तो स्थानीय थाने में किसी प्रकार की जानकारी दी जाती है और न ही ऐसे मजदूरों से संयंत्र प्रबंधन अथवा ठेका कंपनियां माइग्रेसन सटिर्फिकेट प्राप्त करती है। ऐसे में कभी किसी प्रकार का अप्रिय मामला सामने आ जायेगा, तो फिर मजदूर की पहचान साबित करने में निश्चित तौर पर शायद प्रशासन को दिक्कत पैदा होगी। ऐसे मामलों में ठेका कंपनियों द्वारा लीपापोती की जाती है।
बीएसपी सेल ठेका कर्मचारी यूनियन के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रेमसिंह चंदेल और महासचिव लखविंदर सिंह ने कहा कि जिस तरीके से स्थानीय मजदूरों की उपेक्षा भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा की जा रही है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ उच्च अधिकारी अपनी निजी स्वार्थ सिद्धी के लिए बाहर की कंपनियों को काम दिला रहे है। जबकि इससे पहले भिलाई इस्पात संयंत्र में बड़े से बड़ा काम को छत्तीसगढ़ की कंपनियां और स्थानीय मजदूरों ने काम को बखूबी अंजाम दिया है। यदि इस मामले में सकारात्मक सोच के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र अपनी गलत नीतियों को नही बदलता है तो यूनियन सड़क की लड़ाई लडऩे से हिचकेगी नहीं।
यहाँ भी देखे ..