महिला दिवस पर स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने ली लैंगिक समानता की सौगंध

भिलाई। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में लैंगिक समानता के प्रति सजग रहने एवं जागरूकता लाने की शपथ ली गई। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अलका सरदेशपांडे के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ बसुमति दत्ता उपस्थित थीं। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ एपी सावंत, डॉ कीर्ति कौरा, डॉ नम्रता भुसारी एवं योग प्रशिक्षक आनंद सिंह इस अवसर पर मंचासीन थे।
मुख्य अतिथि डॉ सरदेशपांडे महिला दिवस का संक्षिप्त इतिहास बताते हुए एक कविता के माध्यम से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि औरत को दुर्गा, काली, सरस्वती, लक्ष्मी कहने के बजाय उसे औरत ही रहने दिया जाए। क्योंकि देवी कहने के बाद उसे सती किया जाता है, उसे जायदाद से वंचित किया जाता है, कभी पुरुष के आदेश पर वह पत्थर की हो जाती है तो कभी पति की इच्छा से वह अग्निपरीक्षा देती है तो कभी घर छोड़कर जंगलों में रहने चली जाती है। उन्होंने बार-बार कहा कि औरत को देवी बनाकर छल करने के बजाय उसे औरत ही रहने दिया जाए और उसके अधिकार सुरक्षित किये जाएं।
डॉ सावंत ने अपने संबोधन में की कहा कि स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं और साथ मिलकर ही सृष्टि की गाड़ी चलाते हैं। एक के बिना दूसरे की कल्पना भी नहीं की जा सकती। महिला अधिकारों की दिशा में काफी प्रगति हुई है और स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। स्पर्श अस्पताल बेटियों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
अस्तपाल को बेहतर बनाने भी रखा सुझााव प्रतियोगिता
महिला दिवस के अवसर पर अस्पताल के कर्मचारियों के लिए अस्पताल को बेहतर बनाने एक सुझाव प्रतियोगिता रखी गई थी। विभिन्न विभागों के कर्मियों ने इसमें प्रतिभागिता दी। मार्केटिंग के शिवप्रसाद राव, आइपीडी के दीपक डोंडरे तथा आईटी के सूरज कुमार गुप्ता को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कारों से नवाजा गया।
अस्पताल के वित्तीय सलाहकार प्रदीप पाल एवं अजय सोमानी ने योग प्रदर्शन करने वाली अंतरराष्ट्रीय खिला?ी दामिनी साहू को पारितोषिक देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ राजीव कौरा, डॉ सुप्रिया गुप्ता एवं अन्य स्टाफ ब?ी संख्या में मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ नम्रता भुसारी ने किया।