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भिलाई में स्वाईन फ्लू और दुर्ग में डेंगू फैलने से लोग खौफजदा

भिलाई। भिलाई में स्वाइन फ्लू और दुर्ग में डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी की दस्तक से लेगों में खौफ पैदा हो गया है। मरीजों के सामने आते ही जिला व नगर निगमों का अमला सतर्क हो उठा है। भिलाई में बीएसपी का नगर सवाएं विभाग सक्रियता के साथ रोकथाम में जुट गया है। घर-घर सर्वे के साथ संभावित मरीजों की पहचान करते हुए चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराई जा रही है।

स्वाइन फ्लू और डेंगू जैसी घातक बीमारी की फिर से पड़ चुकी दस्तक ने ट्विनसिटी को एक बार फिर खौफजदा कर डाला है। भिलाई में स्वाइन फ्लू की संभावना के चलते तीन मरीजों को सेक्टर-9 अस्पताल में उपचार जारी है। दो मरीजो की स्थिति गंभीर बनी हुई है। दूसरी तरफ जिला मुख्यालय दुर्ग शहर में डेंगू पीडि़त पांच मरीजों का इलाज लिा अस्पताल में होने की जानकारी के बाद नगर निगम का अमला सफाई के साथ दवाईयों के छिडक़ाव करते हुए मच्छर उन्मूलन में जुट गया है।

गौरतलब रहे कि बीते बारिश के सीजन में भिलाई में डेंगू ने जमकर कहर बरपाते हुए 50 से भी अधिक मरीजों को मौत के आगोश में समाने के लिए मजबूर कर दिया था। अब भिलाई शगर में स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आते ही इसके संक्रमण को रोकने निगम व बीएसपी प्रशासन सतर्क हो उठा है।

निगम व बीएसपी की टीम ने घर-घर सर्वे करते हुए संवेदनशील इलाकों में स्वाइन फ्लू के लक्षण व बचाव से संबंधित पाम्पलेट का वितरण किया। इसके अलावा बुखार से पीडि़तों के सामने आते ही अस्पताल में जाकर जरुरी जांच कराने की सलाह दी गई। नालियों की सफाई के साथ ही कीटनाशक दवाईयों का छिडक़ाव भी वार्डों में किया जा रहा है। यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग हासिल करने के लिए भिलाई-दुर्ग में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा किया जा रहा है। स्वच्छता का आंकलन करने दिल्ली की टीम भी पहुंची हुई है। इस दौरान ट्विनसिटी में स्वाइन फ्लू और डेंगू जैस जानलेवा बीमारी का सामने आने से स्वच्छ सर्वेेक्षण में अव्वल आने निकायों की तैयारी को झटका लगा है। फिलहाल स्वाइन फ्लू व डेंगू पीडि़तों का उपचार भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल में मुफ्त में करने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई है।

निगम व टाउनशिप क्षेत्र में सुअरों की भरमान

स्वाइन फ्लू की बीमारी सुअर से फैलती है। पूर्व में इस बीमारी के फैलने पर शहर से सुअरों को बाहर करने की योजना निगमों में तैयार की गई थी। भिलाई निगम में तो इसके लिए एक निजी संस्था को ठेका भी दिया गया था। लेकिन उक्त संस्था ने वर्कआर्डर जारी होने के बाद काम किया ही नहीं। इसके बाद शहर में सुअरों को पकडक़र जंगलों में छोडऩे की कवायद भी हुई। बावजूद इसके भिलाई दुर्ग ही नहीं आसपास के अन्य निकायों में सुअरों की मौजूदगी बनी हुई है। इससे स्वाइन फ्लू फैलने का खतरा और भी अधिक बना हुआ है।

पहली मौत की हुई पुष्टि

इस्पात नगरी में स्वाइन फ्लू से पहली मौत की पुष्टि हो गई है। सेेक्टर-6 निवासी पेशे से आटो चालक रामजी गुप्ता की शनिवार को शाम शहर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। रामजी गुप्ता को 10 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ब्लड जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद रामजी को विशेष निगरानी में रखा उपचार किया जा रहा था। स्वाइन फ्लू से मौत की खबर फैलते ही भिलाई दुर्ग में इस बीमारी को लेकर खौफ का माहौल बन पड़ा है। वहीं पिछले बार फैले डेंगू से बनी परिस्थिति की तरह ही स्वाइन फ्लू के खौफ से दूसरे शहरों में रहने वाले भिलाई आने से परहेज करने लगे हैं।

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