छत्तीसगढ़

धर्मनगरी डोंगरगढ में प्रारंभ हुई स्पेशल चाईल्ड क्लीनिक की सेवाएं, स्टेट हेड प्रणय अग्रवाल ने किया उदघाटन

धर्मनगरी डोंगरगढ में प्रारंभ हुई स्पेशल चाईल्ड क्लीनिक की सेवाएं, स्टेट हेड प्रणय अग्रवाल ने किया उदघाटन

देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-डोंगरगढ- छत्तीसगढ़ के छः जिलों में सफल संचालन करने के बाद अब राजनांदगांव जिले की धर्मनगरी डोंगरगढ में भी स्पेशल चाईल्ड क्लीनिक की सेवाएं प्रारंभ हो चुकी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, बिलासपुर, अम्बिकापुर, कांकेर, धमतरी व भिलाई में विकलांग बच्चों को नया जीवन देते हुई स्पेशल चाईल्ड क्लीनिक की टीम

 

अब राजनांदगांव के डोंगरगढ पहुंच चुकी हैं। 5 मार्च गुरुवार को डोंगरगढ के अग्रसेन भवन में स्पेशल चाईल्ड क्लीनिक का शुभारंभ समाचार एक्सप्रेस न्यूज चैनल के छत्तीसगढ़ प्रमुख प्रणय अग्रवाल, स्टेट कॉरेसपॉंडेंट राजेन्द्र गाड़े, भिलाई संवाददाता सुनील सोनी, ब्यूरो चीफ राजनांदगांव व सबका संदेश संवाददाता देवेन्द्र गोरले एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में हुआ। क्लीनिक का शुभारंभ सुबह 10 बजे रिबन काटकर किया गया तत्पश्चात मरीजों के आने का सिलसिला शाम 4 बजे तक चलता रहा। स्पेशल चाईल्ड क्लीनिक की टीम ने डोंगरगढ सहित आसपास के क्षेत्रों से आये लगभग 18 बच्चों को जांच उपरांत दवाइयां दी। यह टीम प्रत्येक माह की 5 तारीख को अपनी सेवाएं देंगी और धर्मनगरी डोंगरगढ सहित आसपास के क्षेत्रों से विकलांगता को दूर करने का प्रयास करेगी। यहाँ पर आपको बताते चलें कि यह कोई शासकीय संस्था नहीं है बल्कि होम्योपैथी चिकित्सा के माध्यम से निर्धारित शुल्क लेकर विकलांग बच्चों को विकलांगता के अभिशाप से मुक्ति दिलाने वाले होम्योपैथी चिकित्सकों की एक टीम है। डोंगरगढ के शिविर में डॉ डी के बर्मा, डॉ अल्फिया सिध्दकी, गायत्री देवांगन, सिरिस, लक्ष्मण सोनी ने अपनी सेवायें दी। आज के इस आधुनिक युग में भी विकलांगता एक अभिशाप बन चुका है जिसका ईलाज एलोपेथीक चिकित्सा में मिलना मुश्किल हो गया है लेकिन आज के इस दौर में होम्योपैथी चिकित्सा में इसका उपचार संभव है। जहां बड़े-बड़े अनुसन्धान केन्द्र बड़े बड़े न्यूरोसर्जन दुनिया भर की जांच व ईलाज करने के बाद भी बच्चों को ठीक करने में जवाब देते है वहीं होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. डी के वर्मा एवं उनकी टीम ऐसे बच्चों को अपनी दवा से नया जीवन प्रदान कर विकलांगता के अभिशाप से मुक्त कर रहे हैं।

किन-किन बीमारियों का होता है ईलाज- यहां पर यह बताना भी लाजमी होगा कि होम्योपैथी चिकित्सा में किस प्रकार की बीमारियों का ईलाज सम्भव है तो इसका पता भिलाई नगर स्थित क्लिनिक में जाकर लगाया गया। जहाँ पर चिकित्सक डॉ डी के वर्मा ने बताया कि ऐसे बच्चे जो गर्दन, हाथ, पैर व कमर से कमजोर है, चलते समय शरीर का बैलेंस नहीं बन पाता, चाल टेढ़ी मेढ़ी है, गिर जाता है, एड़ी उठाकर चलता है, पैर के तलवे चपटे है एवं घुटना, हाथ, पैर, कमर, रीढ़, पंजे मुड़े हुए हैं यानी एलोपेथीक चिकित्सा की भाषा में कहे तो सेरेब्रल पाल्सी, मेंटल रिटाडेर्शन, ऑटिज्म, लर्निंग डिसेबिलिटी, हाइपर चाईल्ड, मूक बधिर, बहरापन, पोलियों, हाइपोक्सिक ब्रैन, मस्तिष्क में आक्सीजन की कमी, ब्रैन अट्रोफी, मस्कुलर डिस्ट्राफी, मांशपेशी दुर्विकार, जेनेटिक डिजीज, स्नायु तंत्र रोग एवं ब्रैन में प्रॉब्लम का ईलाज बिना किसी ऑपरेशन, गोलियां व बिना किसी खून जांच, इंजेक्शन, सिटी स्कैन के मात्र लिक्विड फार्म से उपचार किया जाता है।
डॉ डी के वर्मा के साथ डॉ भावना तिवारी, डॉ ओमलता लारिया व डॉ एल्फिया, डॉ. प्रियंका शर्मा नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रही है। इस खबर के बाद ऐसे माँ बाप जिनके बच्चे स्पेशल है यदि वे अपने बच्चों का उपचार कराना चाहे तो वे प्रत्येक माह की 5 तारीख को अग्रसेन भवन गोलबाजार रोड डोंगरगढ स्थित स्पेशल चाईल्ड क्लीनिक में जा सकते है। अब आप सोच रहे होंगे कि हम होम्योपैथी क्लिनिक का प्रचार कर रहे हैं तो आपको बता दें कि हमारी इस खबर का उद्देश्य किसी संस्था का प्रचार करना नहीं बल्कि इस देश को विकलांगता मुक्त करके ऐसे माता पिता को उस तकलीफ से निजात दिलाना है जो उन्हें स्पेशल बच्चे की परवरिश करने में होती है तथा ज्यादा से ज्यादा स्पेशल बच्चों को सामान्य जीवन मुहैय्या कराने में मदद करना है।

 

 

 

 

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