छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

पिट लाईन का बहाना बना जगदलपुर एक्सप्रेस पिछले नौ महिने से कर दिया गया बंद

कोई भी नहीं बता पा रहा कब से फिर होगी यह ट्रेन शुरू, 

भिलाई। दुर्ग से जगदलपुर जाने वाली एक मात्र एक्सप्रेस को रेलवे ने पिट लाईन का बहाना बनाकर पिछले नौ माह से बंद कर दिया गया है, जबकि दुर्ग स्टेशन से लगभग दो दर्जन ट्रेने रवाना होती है। लेकिन पिट लाइन निर्माण के चलते केवल जगदलपुर एक्सप्रेस के रूप में इकलौती ट्रेन के पहिए थमे हुए हैं। अन्य किसी भी ट्रेन के परिचालन में पिट लाइन निर्माण कार्य का कोई भी नकारात्मक प्रभाव का नजर नहीं आना आश्चर्यजनक है। इससे पहले भी रायगढ़ा के पास रेल पूल टूटने पर बाकी ट्रेनों के परिचालन में कोई फर्क नहीं पड़ा था, लेकिन जदलपुर एक्सप्रेस महीने तक खड़ी रही। दुर्ग से जगदलपुर के बीच चलने वाली इकलौती एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन की अनिश्चितता बीते दिसंबर महीने में खत्म हो जाने का संकेत रेल प्रशासन की ओर से मिला था। लेकिन देखते-देखते दो माह बीत गए और यह ट्रेन अब भी दुर्ग स्टेशन के यार्ड में धूल खाती खड़ी है। इस ट्रेन को 14 मई 2019 को दुर्ग स्टेशन पर पिट लाइन निर्माण के चलते मेंटेनेंस प्रभावित होने का हवाला देकर अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दिया गया। इस तरह यह ट्रेन पिछले नौ महीने से पुन: पटरी पर लौटने का इंतजार कर रही है। इंतजार तो इस ट्रेन के निर्धारित रूट पर यात्रा करने वाले रेलयात्री भी कर रहे हैं। लेकिन रेलवे का कोई भी अधिकारी यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि आखिर जगदलपुर एक्सप्रेस पटरी पर कब लौटेगी।

उल्लेखनीय है कि दुर्ग से रायपुर, महासमुन्द, टिटलागढ़, रायगड़ा, कोरापुट के रास्ते जगदलपुर के बीच सप्ताह में तीन दिन चलने वाली इस एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन 10 अक्टूबर 2012 को शुरु हुआ था। तात्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के साथ मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष एवं उस वक्त के केन्द्रीय मंत्री रहे डॉ चरणदास महंत ने जगदलपुर स्टेशन पर इस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया था। उस वक्त इस ट्रेन को बस्तर के आम आदिवासियों के लिए राजधानी रायपुर आने जाने के लिए बेहतर सौगात निरुपित की गई थी। लेकिन इस टे्रन का दुर्भाग्य है कि जब से इसका परिचालन शुरू हुआ है तभी से यह जब तब बंद रहने को लेकर चर्चे में रही है।

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि जगदलपुर से दुर्ग तक ट्रेन चलाने की मांग को लेकर बस्तर के तात्कालीन सांसद दिनेश कश्यप के नेतृत्व मेंं दिल्ली जाकर आवाज बुलन्द की गई थी। जिसके बाद तात्कालीन रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की खास दिलचश्पी के चलते दुर्ग से जगदलपुर एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात मिली थी।

नुकसान के चलते रेलवे उदासीन

महकमे में चर्चा है कि जगदलपुर एक्सप्रेस को यात्रियों का प्रतिसाद उम्मीद के अनुरुप नहीं मिलने से रेलवे को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस ट्रेन को पुन: पटरी पर लाने के प्रति नजर आ रही अधिकारियों की उदासीनता की यही वजह मानी जा रही है। बताते है दुर्ग से जगदलपुर का रेल रूट काफी घुमावदार होने से लगभग 15 घंटे का सफर यात्रियों के लिए बोझिल भरा साबित होता है। ज्यादातर यात्री ट्रेन के बजाए बस के सफर को अहमियत देते हैं। इससे रेलवे को अपेक्षित आय नहीं होने से इसके नियमित परिचालन को लेकर गंभीरता नदारद है।

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