अपने छठे स्थापना दिवस पर स्पर्श ने किया समर्पित सदस्यों का सम्मान मुश्किल समय में मिला वरिष्ठों का आशीर्वाद, और मजबूत हुए इरादे -डॉ दीपक वर्मा
भिलाई। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल आज छह वर्ष का हो गया। स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए अस्पताल के प्रबंध संचालक डॉ दीपक वर्मा ने कहा कि इस दौर में मुश्किल घडिय़ां भी आर्इं पर प्रत्येक ऐसे मौके पर वरिष्ठ हमसे जुड़ते गए, हमारा हौसला बढ़ता रहा और हम पहले से भी अधिक मजबूत होते गए। उन्होंने अपनी टीम पर भरोसा जताया कि स्पर्श परिवार ने चुनौतियों का सामना किया है, करता रहेगा और निरंतर आगे बढ़ता रहेगा। इस अवसर पर टीम स्पर्श के समर्पित सदस्यों का सम्मान भी किया गया।
डॉ दीपक वर्मा ने ‘अटलजीÓ को याद करते हुए उनकी पंक्तियां दोहराई। ‘क्या हार में क्या जीत में- किंचित नहीं भयभीत मैं, कर्त्तव्य पथ पर जो मिला – यह भी सही, वह भी सहीÓ। हमें सिर्फ अपने कर्त्तव्यों का पालन करते जाना है। जब मरीज यहां से ठीक होकर घर लौटे तो अपनेपन के जिस अहसास का हम दावा करते हैं, वह उसके साथ जाना चाहिए।
डॉ दीपक ने स्टाफ की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में इन लोगों ने सुरक्षा घेरा बनाकर अस्पताल एवं चिकित्सकों को महफूज रखा। ऐसा स्टाफ पाकर वे धन्य हैं। उन्होंने कहा कि मुश्किलें आएंगी पर उनका मुकाबला धैर्य के साथ करना है। उन्होंने वरिष्ठ चिकित्सक डॉ शिवेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव एवं डॉ एपी सावंत के अस्पताल से जुडऩे का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनौतीपूर्ण घडिय़ों में वरिष्ठों का आशीर्वाद मिलता रहा है और टीम स्पर्श के आत्मविश्वास को बड़ाता रहा है। अपना सपना साझा करते हुए उन्होंने कहा कि किसी समय जिस तरह लोग चिकित्सकीय जरूरतों के लिए सेक्टर-9 अस्पताल की ओर देखते थे, एक दिन ऐसा आना चाहिए जब लोग जीवन बचाने के लिए सिर्फ स्पर्श का नाम लें।
इससे पूर्व स्वागत भाषण में अस्पताल के निदेशक डॉ आशीष जैन स्पर्श की उत्कृष्ट टीम भावना का जिक्र करते हुए कहा कि यह अस्पताल आज जिस स्वरूप में है, उसमें इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति का अंश है। इन छह वर्षों में परिवार के कुछ सदस्य अलग भी हुए पर नए लोग जुड़े भी। स्पर्श ऐसे सभी लोगों को अपने परिवार का सदस्य मानता है जो कभी न कभी, किसी न किसी रूप में इससे जुड़ा था। उन्होंने मरीजों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय गोयल की अनुपस्थिति मेें अस्पताल के वित्तीय सलाहकार सीए प्रदीप पाल ने उनका संदेश पढ़ा। उन्होंने बताया कि छह वर्षों की इस अवधि में एक लाख 84 हजार से अधिक बाह्य रोगियों को परामर्श उपलब्ध कराया गया। 33 हजार से अधिक रोगियों को एडमिट करना पड़ा। 850 एंजियोग्राफी की गई तथा 380 रोगियों की एंजियोप्लास्टी की गई। इस अवधि में अस्पताल 10 हजार से अधिक छोटी बड़ी सर्जरियां की गर्इं। उन्नत ऑपरेशन थिएटर के साथ ही इंटेंसिविस्ट की 24 घंटे उपलब्धता सैकड़ों जीवन बचाने में मददगार साबित हुआ। सीए पाल ने कहा कि यह इस अंचल का पहला अस्पताल है जो सही मायने में प्रोफेशनली मैनेज्ड है। छोटी से छोटी खरीदारी भी यहां क्रय समिति के अप्रूवल से होती है। ऐसे टाटा या इनफोसिस जैसे चुनिंदा संस्थानों में ही होता है। इसके साथ ही हमने एक सेकण्ड लाइन ऑफ मैनेजमेंट तैयार कर ली है। टॉप लेवल फैसले लेता है जबकि एक्जीक्यूशन सेकण्ड लाइन की जिम्मेदारी होती है।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ एपी सावंत ने कहा कि यह जनता का विश्वास ही है जो स्पर्श को निरंतर आगे बढऩे की प्रेरणा दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल की स्वच्छता, यहां की सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सकों की उपलब्धता और स्टाफ का व्यवहार अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं को प्रचारित करने की दिशा में भी काम किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन जीएम मार्केटिंग आलोकेश चटर्जी ने किया।
इस अवसर पर अपनी निष्ठा, समर्पण एवं निरंतरता से अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले 37 कर्मचारियों का सम्मान किया गया। इसमें सभी विभाग के लोग शामिल थे। इस अवसर पर डॉ जय तिवारी, डॉ राजीव कौरा, सीए अजय सोमानी, डॉ कीर्ति कौरा, डॉ नम्रता भुसारी, डॉ रश्मि वर्मा, डॉ सुप्रिया गुप्ता, डॉ एस श्रीनाथ, डॉ अनूप गुप्ता, डॉ नवीन दारूका, डॉ दीपक कोठारी, सहित अनेक विशेषज्ञ, मैनेजमेंट एवं स्टाफ के सदस्य उपस्थित थे।