छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

वार्ड परिसीमन परिसीमन की प्रक्रिया पर विवाद की स्थिति निर्मित होने की संभावना कांग्रेस व भाजपा नेताओं में आपत्ति लगाने की सुगबुगाहट

भिलाई। नगर निगम भिलाई के 70 वार्डों का परिसीमन तय कर 27 फरवरी तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई है। परिसीमन का प्रारंभिक प्रकाशन होते ही अनेक वार्डों में आबादी के औसत में नजर आ रहे विसंगति के चलते अत्यधिक आपत्ति लगने वाली स्थिति निर्मित हो रही है। कांग्रेस के साथ ही भाजपा से ताल्लुक रखने वाले स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पार्षदों ने परिसीमन पर आपत्ति लगाने जा रहे हैं। इस वजह से परिसीमन की प्रक्रिया पर एक बार फिर विवाद की स्थिति निर्मित होने की संभावना उभरने लगी है।

उल्लेखनीय है कि रिसाली के रूप में अलग नगर निगम बन जाने के बाद भिलाई की  आबादी 5 लाख 16 हजार 562 रह गई है। परिसीमन के नियम अनुसार इस आबादी को समान भाग में सभी 70 वार्डों में विभाजित किया जाना चाहिए। ऐसा करने पर प्रत्येक वार्ड की औसत आबादी 7 हजार 380 के लगभग बनती है। नियमों के तहत इसमें दस से पंद्रह प्रतिशत कम या अधिक आबादी रखी जा सकती है। इस स्थिति में एक वार्ड में छह से आठ हजार के बीच आबादी होनी चाहिए। लेकिन नये परिसीमन का जो खाखा तैयार किया गया है उसमें 5 वार्ड ऐसे हंैं जहां की आबादी 10 हजार से भी अधिक है। ऐसे वार्डो में वार्ड-13 अवंती बाई चौक कोहका, वार्ड 16 अम्बेडकर नगर कोहका, वार्ड 27 कुरुद बस्ती, वार्ड-50 शहीद वीर नारायण सिंह नगर और सेक्टर-6 पूर्व शामिल है। जबकि 8 वार्ड ऐसे बनाए गए हैं जिनमें आबादी का आंकड़ा 9 से 10 हजार के बीच है। वहीं भिलाई विधानसभा क्षेत्र के लिए सृजित 35 में 10 वार्ड ऐसे हैं जिसमें आबादी 5 हजार से भी कम रखी गई है। इसी नजर आ रहे विसंगति को लेकर ही वार्डों के किए गए परिसीमन पर विवाद की आशका उभर आई है।

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि परिसीमन का जो प्रारंभिक खाखा तैयार किया गया है उसमें आबादी के औसत के बजाए भिलाई नगर और वैशाली नगर विधानसभा के बीच 35-35 वार्ड में बराबर-बराबर बांट दिया गया है। जबकि भिलाई विधानसभा की आबादी 1 लाख 99 हजार के करीब है तो दूूसरी तरफ वैशाली नगर में आबादी का आंकड़ा इससे लगभग डेढ़ गुना अधिक 3 लाख 16 हजार के आसपास है। इस लिहाज से 70 वार्ड बनाए जाने की स्थिति में भिलाई विधानसभा के मुकाबले वैशाली नगर में वार्डों की संख्या अधिक रहनी थी।

इसी विसंगति को लेकर वैशाली नगर क्षेत्र के कांग्रेस व भाजपा के नेताओं में उभर रही नाराजगी से परिसीमन प्रक्रिया विवादों में उलझ सकती है।

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