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टीडीएस प्रावधानों का पालन न करने से भविष्य में दिक्कतें : पीयूष

भिलाई। भिलाई सीए ब्रांच के अध्यक्ष पीयूष जैन ने कहा कि, जिस प्रकार आयकर के टीडीएस के प्रावधानों में विगत कई सालों से सरकारी विभागों द्वारा अज्ञानता और प्राथमिकता न देने की वजह से कई गलतियाँं की गई और उसका खामियाजा आज अधिकारी और सम्बंधित व्यापारी भुगत रहे है तथा आयकर विभाग अब लगातार कार्यवाही कर रहा है। उसी प्रकार 1 अक्टूबर 2018 से जीएसटी कानून में भी टीडीएस की जिम्मेदारी अधिकारियों पर आ गयी है और 3 माह गुजऱ जाने के बाद भी अब-तक कानून का पुर्ण पालन नही हो रहा है। समय रहते अधिकारियों का प्रशिक्षण और कंसलटेंट की नियुक्ति करना अनिवार्य है अन्यथा टीडीएस प्रावधानों का पालन न करने से भविष्य में अधिकारियों को ही दिक्कतें आने का भय है।

टीडीएस का भुगतान और प्रमाण पत्र-टीडीएस काटने के बाद अगले महीने की 10 तारीख तक उसे जमा कराना है तथा 10 तारीख तक जीएसटीआर 7 का रिटर्न फ ाइल करना है अगले 5 दिन में टीडीएस का प्रमाण पत्र जारी करना है ऐसा ना करने पर 200 रोज अधिकतम 10000 की पेनल्टी लगेगी। टीडीएसकी ई कैश लेजर में क्रेडिट जब करदाता 2ए में स्वीकृति दे दें ।

टीडीएस की आवश्यकता नहीं – जब सप्लाई कर मुक्त हो, जब सप्लायर का स्थान ’तथा’ सप्लाई का स्थान अन्य राज्य में हो, जब बिल ’अथवा’ भुगतान 1 अक्टूबर 18 से पहले हो चुका हो, सप्लाई आरसीएम प्रावधानों के तहत हुई है, जब सप्लायर अपंजीकृत हो, जब कांटेक्ट की कीमत ढाई लाख तक हो।

नोट अगर कोई कॉन्ट्रैक्ट बाद में रिवाइज होता है अथवा उसकी कीमत बढ़ाई जाती है जिससे कि उसकी कांटेक्ट की वैल्यू ढाई लाख से अधिक हो जाती है तो उस कांटेक्ट के अंतर्गत पूर्व में किए गए भुगतान के संबंध में भी टीडीएस काटना होगा।

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