छत्तीसगढ़

सौर ऊर्जा से बदल रही अबूझमाड़ की तस्वीर

सौर ऊर्जा से बदल रही अबूझमाड़ की तस्वीर

नारायणपुर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़- नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के ओरछा विकासखंड के 150 ग्रामों के 1542 हितग्राहियों को सौर ऊर्जा के जरिये 24 घंटे बिजली मिल रही है। सुदूरवर्ती वनांचल अबूझमाड़ में जहां पहले कभी बिजली की रौशनी नहीं पहुंची थी। इन सुदूर वनांचल के माड़िया आदिवासी परिवारों के घर अब सोलर सिस्टम से जगमगाने लगे हैं। इन परिवारों के घरों में सोलर बैट्री को रिचार्ज करने के लिये सोलर प्लेट लगाई हैं, जो सूर्य की किरणों से बैट्री को चार्ज करती हैं। इस कारण आदिवासी समुदाय सोलर लाईट को सूरज की लाईट कहते हैं। जिले के विषम भूगौलिक परिस्थितियों व नक्सलवाद विरोध के बीच गांव में बिजली पहुँचाकर जिला प्रशासन ने चुनौती भरे काम को पूरा करने में सफलता पाई है। राज्य सरकार की अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा विद्युतीकरण कार्य किया जा रहा है।

नारायणपुर जिले के लगभग 170 ग्रामों के 5642 हितग्राहियों के घरों में सौर ऊर्जा के माध्यम से क्रेडा द्वारा विद्युतीकरण कार्य सम्पन्न कराया जा चुका है। जिसमें नारायणपुर विकासखण्ड अंतर्गत 20 ग्राम के 500 हितग्राहियों को तथा ओरछा विकासखण्ड के 150 ग्राम हैं, जिनमें 5142 हितग्राहीयों को लाभान्वित किया गया है। वहीं पुलिस थानों और सुरक्षा बेस कैंपों में भी सौर विद्युत संयंत्र स्थापित कर लगातार विद्युत आपूर्ति की जा रही है।

वर्तमान में सौभाग्य योजना फेस 2 अंतर्गत ऐसे आंशिक विद्युतीकृत ग्रामों में जहां पर पहुंच विहीन मजराटोला/बसाहट या हितग्राही परिवार निवासरत हैं, जिनका विद्युतीकरण कार्य अब तक लंबित है, उन हितग्राही परिवारों को सोलर होम लाईट संयंत्रों द्वारा लाभान्वित किया जा रहा है। जो कि पूर्णतः निशुल्क है। वर्तमान में सौभाग्य योजना फेस 2 अंतर्गत ऐसे 50 आंशिक विद्युतीकृत ग्रामों के 720 हितग्राही परिवारों को सौभाग्य योजना अंतर्गत लाभान्वित करने हेतु स्वीकृति प्राप्त हुई है। सौभाग्य योजना फेस 2 अंतर्गत स्वीकृति के विरुद्ध अब तक 15 ग्राम के 307 हितग्राहियों के घरों में विद्युतीकरण कार्य सम्पन्न किया जा चुका हैं।

सौभाग्य योजना अंतर्गत हितग्राहियों को 200 वा़ॅट क्षमता का सोलर होम लाईट संयंत्र निशुल्क प्रदाय किया जा रहा है। जिसमें 8 वा़ॅट क्षमता के 05 नग एलईडी लाईट, 15 वा़ॅट क्षमता का 1 नग पंखा, 1 टीव्ही सॉकेट प्वांइट का भी प्रावधान है। जिन गांवों में क्रेडा को बिजली पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली है वे सभी गांव दुरुस्थ व दुर्गम होने के साथ-साथ अतिसंवेदनशील इलाके हैं। इसके बावजूद कलेक्टर श्री पी एस एल्मा के मार्गदर्शन व प्रोत्साहन ने क्रेडा को इन गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए प्रेरित किया। शुरुआती दौर में कोई भी ग्रामवासी इस काम के लिए राजी नहीं हुआ इसके बाद क्रेडा के अधिकारियों व कर्मचारियों ने बिजली के फायदे व भविष्य को बेहतर बनाने की बात से ग्रामीणों को जागरूक किया तब जाकर सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाने की राह आसान हो सकी। हर गांव और हर घर तक बिजली पहुंचाना लक्ष्य को मुख्यमंत्री ने विद्युतीकरण को पहली प्राथमिकता दी है।

 

 

 

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