छत्तीसगढ़

परीक्षा का समय नजदीक नियमित रूप से करें अध्ययन-कलेक्टर श्री एल्मा परीक्षा की तैयारी में तकनीक का भी करें बेहतर इस्तेमाल

परीक्षा का समय नजदीक नियमित रूप से करें अध्ययन-कलेक्टर श्री एल्मा
परीक्षा की तैयारी में तकनीक का भी करें बेहतर इस्तेमाल

नारायणपुर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़– किये गये अध्ययनों में परीक्षा का महत्व होता है। देश की शिक्षा प्रणाली में फरवरी, मार्च, अप्रैल में 10 वीं और 12 वीं कक्षाओं जैसी अहम बोर्ड परीक्षा एवं इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं का समय होता है। समय प्रबंधन ही जीवन प्रबंधन का सार है। दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षा वाले छात्र-छात्राओं के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। परीक्षा का समय नजदीक है, नियमित रूप से अध्ययन करें। उक्त बातें आज यहां कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने परीक्षा एक पर्व पर ‘‘बच्चों में तनाव, चुनौतियां व समाधान कार्यक्रम में कहीं। कार्यक्रम में बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, आदर्श कन्या, एवं बालक विद्यालय गरांजी, और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। उक्त कार्यक्रम जिला शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किया था। कलेक्टर ने छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गये सवालों का समाधान किया।
तकनीक का करें उपयोगः- उन्होंने कहा कि अब दुनिया बदल चुकी है। नई-नई तकनीकियों ने जीवन शैली को आसान बना दिया है। आज बहुत सी वेबसाइटें ऐसी है जो छात्रों को बोर्ड एवं प्रतियोगी दोनों तरह की परीक्षाओं के लिए मार्क टेस्ट उपलब्ध करवा रही है, उनका भी छात्र उपयोग कर सकते है।  सोशल मीडिया के नकारात्मक पहलूओं से बचें सकारात्मक पहलू पर ज्यादा ध्यान दें। परीक्षा में सफलता के लिए तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करें।
टाइम टेबल बनाये:- कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने छात्र जीवन की याद साझा करते हुए बताया उनका विद्यार्थी जीवन नारायणपुर में गुजरा है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई और सफलता के लिए टाईम टेबल बनाना बेहद जरूरी है। प्रत्येक विषय के पुर्नावलोकन के लिए टाईम टेबल बनाना चाहिए। इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
तनाव से बचें:- कलेक्टर श्री एल्मा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में युवाओं में मानसिक तनाव एवं शारीरिक थकान का एक कारण सोशल मीडिया है। सोशल मीडिया पर  ज्यादा समय बिताने से एकाग्रता में कमी आती है और यह बात जग जाहिर है कि बिना एकाग्रचित हुए परीक्षाओं के लिए तैयारी कर पाना संभव नहीं होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकगणों और माता-पिता को छात्र-छात्राओं के साथ समय बिताना चाहिए। काय्रक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी श्री गिरधर मरकाम, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री रविकांत धुर्वे ने भी बच्चों को परीक्षा के गुरूमंत्र दिये।

 

 

 

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