छत्तीसगढ़
तकरीबन 70 नर्तक दलों ने पारम्परिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ दी प्रस्तुतियां प्रस्तुतियां देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

तकरीबन 70 नर्तक दलों ने पारम्परिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ दी प्रस्तुतियां
प्रस्तुतियां देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
नारायणपुर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़- माता मावली मड़ई-मेला के शुरूआती दिन बुधवार को नारायणपुर सहित पड़ोसी जिलों कोडागांव आदि के तकरीबन 69 आदिवासी लोकनर्तक दलों ने अपनी लोककला और संस्कृति की छठा बिखेरी। नर्तक दलों ने विभिन्न पारम्परिक वेशभूषा में अपनी स्थानीय भाषा, शैली, बोली और परम्परागत वाद्य यंत्रों की मनमोहक थाप से लोगों को मनमोहित किया। दर्शकों ने तालियां बाजाकर नर्तक दलों का उत्साह बढ़ाया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मांदरी, नृत्य, कुरमांदरी, कोलंग, मांदरी नाच, गेड़ी नृत्य, नाच, तुड़बुड़ी नाच, ककसाड़ नृत्य सहित अन्य नृत्यों का शानदार प्रदर्शन हुआ ।
सांस्कृतिक कार्यकम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री प्रेमकुमार पटेल, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, श्री दिनेश कुमार नाग, सहायक आयुक्त आदिम जाति श्री एस.के.समराम सहित बड़ी संख्या में स्थानीय और ग्रामीणजन उपस्थित थे। अतिथियों ने देर रात तक नर्तक दलों की प्रस्तुतियां देखी और उन्हें पुरस्कृत किया। कार्यक्रम मेला बाजार स्थल पर आयोजित हुआ। कार्यक्रम निर्धारित समय से कुछ देरी से शुरू हुआ, जो देर रात तक चला। आज गुरूवार को राजधानी रायपुर के लोक संध्या देंगे प्रस्तुति। शुक्रवार 21 फरवरी को स्थानीय

कलाकारों करेंगे कार्यक्रम। शनिवार 22 फरवरी को बस्तर संस्कृत लोकरंग ग्रुप कोडागांव और समापन कार्यक्रम रविवार 23 फरवरी को छत्तीसगढ़ फोक बैंक रायपुर का होगा रंगारंग कार्यक्रम
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