प्राकृतिक झरनों को विलुप्त होने से कौन बचायेगा
रमेश मित्तल / दल्लीराजहरा / झरनों की नगरी झरनदल्ली अर्थात दल्ली राजहरा में शासन बी एस पी प्रशासन व स्थानीय नगरपालिका की अनदेखी की वजह से प्राकृतिक झरनों के कुल 26 स्रोत जो इस शहर की जान है जब यह शहर बसा भी नहीं था तब से इस इन झरनों ने यहां जन्म लिया आज लगभग 100 सालों के बाद भी यह प्राकृतिक झरने बारहो मास एक ही अविरल धारा में वह रहे हैं गर्मी के दिनों में जहां पूरे शहर में पानी का संकट उत्पन्न हो जाता है मगर इन झरनों का पानी अविरल बहता रहता है जहां-जहां झरनो के स्रोत हैं उनमें प्रमुख झरन मंदिर के दोनों छोरों में कई धाराएं बह रही हैं वही दुर्गा साइडिंग, कैम नंबर 1, कोंडे पावर हाउस, 256 चौक, शिकारी बाबा मंदिर, राजहरा बाबा मंदिर,कोकान पहाड़ी सहित अन्य जगहों पर इन झरनों को देखा जा सकता है इन्हीं झरनों से आज भी लोग पीने का पानी व निस्तारी करते आ रहे हैं ।
इन झरनों की नगरी में बीएसपी प्रशासन की लौह अयस्क की कई बड़ी बड़ी पहाड़ी है इन पहाड़ियों के खुदाई के दौरान निकली मिटटी को इन पहाड़ों के किनारे डंप कर रखा जाता है बारिश के दिनों में यह डंप मिट्टी बहकर नालों से नीचे बहती है जिसके कारण इन प्राकृतिक झरनों को फाइस मिट्टी दबा रही जिसकी कोई उचित देखभाल व साफ सफाई नहीं होने से स्थानीय बीएसपी की अनदेखी एवं स्थानीय नगरपालिका के गठन के 20 वर्ष पश्चात भी इन झरनों को संरक्षित करने की कोई योजना नहीं बनाने के कारण यह झरने धीरे धीरे विलुप्त होने के कगार पर हैं इन झरनों के बारे में पुराने बुजुर्ग बताते हैं झरनों की उत्पत्ति बस्तर कांकेर जिले के सोनादाई जलकुंड एवं खंडी घाट जलकुंड से सीधा जुड़ाव है।
स्थानीय बी एस पी प्रशासन व नगर पालिका मिलकर इन झरनों को बचाने कार्य योजना बनाकर संरक्षित करती है तो इस क्षेत्र के कई वार्डों में पानी की समस्या खत्म हो सकती है वहीं इस शुद्ध पानी को हर घर तक पहुंचाया जा सकता है इससे लोगों को जहां शुद्ध पानी पीने को मिलेगा वही नगर पालिका द्वारा प्रतिवर्ष कई लाखों रुपए खर्च कर वार्डों में जो बोर कराया जाता है वह बचेगा वही गर्मी के दिनों में टैंकर से पानी पहुंचाने की राशि भी बचेगी जैसा बीएसपी प्रशासन के द्वारा पूर्व में झरन मंदिर के बाएं छोर पर कुछ झरनों की धाराओं को एकत्रित कर एक झरन पंप हाउस का निर्माण किया था जिसे कई वर्षों तक उपयोग करने के पश्चात इसे रेलवे प्रशासन को दे दिया आज भी रेलवे प्रशासन की सारी पानी की जरूरत इसी दक्षिण पूर्वी रेलवे झरन पंप हाउस से हो रही है वही इस पानी का पीएच मान 7:00 से 7:30 है वहीं इसका टीडीएस भी 70 से 80 के बीच है जिसे पूर्ण रूप से शुद्ध माना गया है बीएसपी प्रशासन चाहे तो सीएसआर फंड से ऐसे झरनों को एकत्रित कर पंप हाउस का निर्माण कराकर नगर पालिका को सौप देवें ताकि नगरपालिका पूरे शहर में पानी की सप्लाई कर आम जनता तक पहुंचा सके इससे जहां झरनों का संरक्षण होगा वही इन झरनों के कारण छत्तीसगढ़ में बालोद जिले के दल्ली राजहरा को पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा मिलेगा वहीं राजहरा डेम की साफ सफाई कर इसके सौंदर्यीकरण कर इसमें मोटर बोट चलाकर आसपास में गेस्ट हाउस वह मिनी मैत्री गार्डन बनाकर इसको पर्यटन का बहुत बड़ा केंद्र बनाया जा सकता है इसके लिए एक अच्छी सोच एक अच्छी कार्य योजना बनाकर इसके अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है पर्यटन का क्षेत्र बनने से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा वही लोग जो निरंतर यहां से पलायन कर रहे हैं उस पर भी रोक लगेगी पुनः यह शहर अपनी गरिमा को अर्जित कर सकेगा दल्लीराजहरा सहित आस पास के 20 किलोमीटर के दायरे में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं ।।