कान्फ्लुयंस मिलीट्री एकेडमी मामले की पीडि़त ने की डीजीपी से शिकायत
मान्यता की शर्तों का किया उल्लंघन, पालकों से लिया करोड़ों रूपये
दुर्ग। कान्फ्लुयंस मिलीट्री एकेडमी, ग्राम-पारस नगर, नगपुरा जिला-.दुर्ग के प्राचार्य और संचालकगणों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराने पीडित पालक गिरवर वर्मा ने डीजीपी से अपराध दर्ज करने की मांग की है क्योंकि यह मिलीट्री स्कूल नहीं है। लब्धि विक्रमराज आरोग्यधाम, संस्थान समिति, दुर्ग के द्वारा कान्फ्लुयंस मिलीट्री एकेडमी, ग्राम.पारस नगर, नगपुरा जिला-दुर्ग में वर्ष 2016 से संचालित किया जा रहा था। इस स्कूल के द्वारा पालकों को यह जानकारी दिया गया कि यह मिलीट्री स्कूल है और सीबीएसई दिल्ली से एफिलियेशन प्राप्त है। इस प्रकार इस स्कूल के द्वारा वर्ष 2016 से पूरे प्रदेश के लोगों को प्रदेश का पहला प्राईवेट रेसिडेंसियल मिलीट्री स्कूल होने की जानकारी देकर गुमराह किया गया और पालकों और बच्चों से करोड़ों रूपये फीस के रूप में वसूला जा रहा था, जिसकी डीईओ दुर्ग से लिखित शिकायत किया गया। विद्यालय प्रबंधन समिति के द्वारा डीईओ दुर्ग को विद्यालय के नाम से मिलीट्री शब्द हटाने की अनुमति की मांग किया गया, जिसके परिपेक्ष में डीईओ ने दिनांक 05.07.2018 के द्वारा विद्यालय के नाम से मिलीट्री शब्द हटाकर कान्फ्लुयंस एकेडमी, पारस नगर, नगपुरा, जिला-दुर्ग करने की अनुमति प्रदान किया गया था। सच्च्दिानंद जोशी, प्राचार्य, कॉन्फ्लुयंस अकादमी, जिला दुर्ग के द्वारा दिनांक 25109.2018 को डीईओ के पत्र लिखकर यह सूचना दिया गया कि इस विद्यालय के द्वारा विद्यालय का नाम परिवर्तन कर मिलीट्री शब्द हटाकर कॉन्फ्लुयंस अकादमी, पारस नगर, नगपुरा, जिला-दुर्ग कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी, दुर्ग के द्वारा 25 मई 2019 को शिकायतकर्ता को यह लिखित जानकारी दिया गया कि स्कूल के नाम से मिलीट्री शब्द हटाकर कान्फ्लुयंस एकेडमी किया जा चुका है।
जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग के द्वारा इस स्कूल को दिनांक 14.06.2019 को कांफ्लुयंस एकेडमी के नाम से मान्यता दिया गया था लेकिन इस स्कूल के द्वारा अधिकारियों और अन्य लोगों को गुमराह करने के लिये मिलिट्री शब्द का उपयोग किया जा रहा था जिसकी पुन: दिनांक 02.08.2019 को जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित शिकायत किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग के द्वारा पुन: तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर इस स्कूल की जांच दिनांक 03.08.2019 कराया गया और जांच रिपोर्ट में लिखा है कि स्कूल के द्वारा अभी भी मिलीट्री शब्द का उपयोग किया जा रहा है जो मान्यता शर्तो का उल्लघंन है। जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग के द्वारा इस स्कूल पर एक लाख रूपये का जुर्माना अधिरोपित किया गया था, लेकिन बाद में 75 हजार रूपये माफ कर सिर्फ 25 हजार रूपये वसूला गया जिसके शिक्षा सचिव ने जांच के आदेश दिया गया है। छग माध्यमिक शिक्षा मंडल, रायपुर के द्वारा इस स्कूल को शिक्षा सत्र 2018-19 के लिये काफ्युलंस एकेडमी के नाम से हाईस्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा के लिये मान्यता दिया गया जिसका शाला/संस्था कोड क्रमांक 142199 जारी किया गया। लेकिन इस स्कूल के द्वारा जान-बुझकर शिकायतकर्ता के पुत्र आशुतोष वर्मा को दिनांक 15.04.2019 को कक्षा नवमीं का अंकसूची प्रदान किया गया वह कॉफ्लुयंस मिलीट्री एकेडमी, नगपुरा, जिला-दुर्ग के नाम से प्रदान किया गया और इस अंकसूची में छग माध्यमिक शिक्षा मंडल का कोर्ड 14129 अंकित किया गया, जबकि इस स्कूल को शाला, संस्था कोड क्रमांक 142199 जारी किया गया और टीसी दिनांक 11.07.2019 को प्रदान किया गया वह कॉफ्लुयंस मिलीट्री एकेडमी, नगपुरा, जिला-दुर्ग के नाम से प्रदान किया गया और इसमें डीईओ कार्यालय द्वारा प्रदान किया गया युडाईस कोर्ड 22100728201 अंकित कर दिया गया, जबकि इस स्कूल को यूडाईस कोर्ड 22100728101 आबंटित हुआ है।
11. इस स्कूल के द्वारा जान-बुझकर पीडित से वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में लगभग 3,05,000 रूपये फीस के रूप में राशि लिये गये वह भी कॉफ्लुयंस मिलीट्री एकेडमी, नगपुरा, जिला-दुर्ग के नाम से लिया गया। इस स्कूल के द्वारा जान-बुझकर पी?ित को फीस की रसीद, प्रिंटेड मटेरियल, रिजल्ट और टीसी दिये गये उसमें स्कूल का नाम कॉफ्लुयन्स मिलीट्री एकेडमी, उल्लेखित है। इस प्रकार स्कूल के द्वारा शिकायतकर्ता के साथ धोखधडी कर अपराधिक षड्यंत्र किया गया है जो कि अत्यंत गंभीर प्रवृति का अपराध है। इस स्कूल को सीजी बोर्ड रायपुर के द्वारा दिनांक 19.07.2018 और डीईओ कार्यालय, दुर्ग के द्वारा दिनांक 14.06.2019 को कांफ्लुयंस एकेडमी के नाम से मान्यता दिया गया था, लेकिन प्राचार्य और संचालकगणों के द्वारा कुटरचित कर दस्तावेजो का सृजन किया गया जो कि अत्यंत गंभीर प्रवृति का अपराध है। इस स्कूल के प्राचार्य के द्वारा वर्ष 2018 को डीईओ कार्यालय, दुर्ग को लिखित जानकारी दे दिया गया था कि स्कूल के सभी दस्तावेजों से मिलीट्री शब्द हटा दिया गया है, लेकिन प्राचार्य और संचालकगणों के द्वारा अनुचित मंशा से कुटरचित कर दस्तावेजो का सृजन कर पालकों से करोडों रूपये फीस वसुला गया। इस मामले में शिकायतकर्ता के द्वारा पुलिस अधीक्षक जिला दुर्ग को दिनांक 05.08.2019 और थाना प्रभारी, पुलगांव थाना जिला दुर्ग को दिनांक 22.08.2019 को लिखित शिकायत किया गया था, जिस पर शिकायतकर्ता का लिखित कथन भी दर्ज किया गया, लेकिन आज तक उनकी शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया, जिससे दुखी और व्यथीत होकर शिकायतकर्ता ने डीजीपी से की अपराध दर्ज करने की मांग